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क्या था पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का 18 साल पुराना बयान, जिस पर पीएम मोदी की टिप्पणी से उठा विवाद
By Lokjeewan Daily - 23-04-2024

नई दिल्ली ,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को राजस्थान में एक रैली को संबोधित किया। इस रैली में दिए अपने संबोधन में पीएम मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के 18 साल पुराने एक बयान का जिक्र कर कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। जिसे लेकर देश की सियासत गरमा गई है। दरअसल पीएम मोदी ने आरोप लगाया कि मनमोहन सिंह की सरकार में कहा गया था कि देश के संसाधनों पर मुस्लिमों का पहला हक है। प्रधानमंत्री ने लोगों को आगाह करते हुए कहा कि कांग्रेस अगर सत्ता में आई तो देश की संपत्ति 'घुसपैठियों' में बांटी जा सकती है।


मनमोहन सिंह ने 18 साल पहले क्या कहा था?
पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने 9 दिसंबर 2006 को राष्ट्रीय विकास परिषद की बैठक को संबोधित किया था, जिसमें उन्होंने देश के विकास की योजना को लेकर काफी कुछ कहा था। हालांकि उनके जिस बयान पर विवाद हुआ है, उसमें उन्होंने कहा था कि 'मेरा मानना है कि हमारी सामूहिक प्राथमिकताएं कृषि, सिंचाई, जल संसाधन, स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्रामीण बुनियादी ढांचे में निवेश के साथ ही एससी/एसटी, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यकों, महिलाओं और बच्चों का उत्थान है। हमें ऐसी नई योजनाएं बनानी होंगी, जिनसे अल्पसंख्यकों खासकर मुस्लिमों को विकास में समान भागीदारी मिल सके। देश के संसाधनों पर उनका पहला हक होना चाहिए।'

मनमोहन सिंह ने कहा था कि '11वीं पंचवर्षीय योजना ऐसे बिंदु से शुरू हो रही है, जब हमारे देश की आर्थिक क्षमता ने हमारे संस्थापकों के उन सपनों को साकार करना संभव बना दिया है, जिसमें समृद्ध, समावेशी और न्यायसंगत भारत का सपना देखा गया था। एक ऐसा भारत जहां हर नागरिक को उसकी पूरी क्षमता से जीने का अवसर मिलेगा।' 


मनमोहन सिंह के बयान पर क्या बोले पीएम मोदी
दरअसल, बांसवाड़ा में रैली को संबोधित करते हुए पीएम ने अपने भाषण में कहा, 'कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में कहा है यदि देश में कांग्रेस की सरकारी बनेगी तो हरेक की प्रॉपर्टी का सर्वे किया जाएगा। हमारी बहनों के पास सोना कितना है, उसकी जांच की जाएगी, उसका हिसाब लगाया जाएगा। हमारे आदिवासी परिवारों में चांदी होती है, उसका हिसाब लगाया जाएगा। सरकारी मुलाजिमों के पास कितनी जगह है, पैसे कहां हैं, नौकरी कहां है, उसकी उसकी जांच की जाएगी।'

पीएम ने आगे कहा, 'ये जो बहनों का सोना है और जो संपत्ति है, ये सबको समान रूप से वितरित कर दी जाएगी। क्या आपको मंजूर है ये। मेहनत करके कमाई हुई आपकी संपत्ति को सरकार को ऐंठने का अधिकार है क्या? क्या उस संपत्ति को माताओं-बहनों की जिंदगी में सोना सिर्फ शो करने के लिए नहीं होता है। यह उसके स्वाभिमान से जुड़ा होता है। उसका मंगलसूत्र एक सोने किए कीमत का मुद्दा नहीं है, वो उसके सपनों से जुड़ा हुआ मुद्दा है। अपने घोषणा पत्र में तुम उसे छीनने किए बात कर रहे है हो। गोल्ड ले लेंगे, सबको वितरित कर देंगे। और पहले जब उनकी सरकार थी तब उन्होंने कहा था कि देश की संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है। इसका मतलब ये संपत्ति इकट्ठी करके किसको बाटेंगे? जिनके ज्यादा बच्चे हैं, उनको बाटेंगे, घुसपैठियों को बाटेंगे। 
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'क्या आपकी मेहनत की कमाई का पैसा घुसपैठियों को दिया जाएगा। आपको मंजूर है ये? ये कांग्रेस का घोषणा-पत्र कह रहा है कि वे माताओं-बहनों के सोने का हिसाब करेंगे, उसकी जड़ती करेंगे, जानकारी लेंगे और फिर उस संपत्ति को बांट देंगे। और उनको बांटेगे जिनको मनमोहन सिंह की सरकार ने कहा था कि संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है।’ 

कांग्रेस ने दी सफाई
वहीं पीएम मोदी के आरोपों पर कांग्रेस ने जोर देकर कहा है कि इसमें किसी से कुछ लेकर बांटने की बात नहीं कही गई है और 'व्यापक सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना' का समर्थन किया गया है। विवाद के बाद कांग्रेस ने पीएम मोदी को अपने घोषणापत्र की कॉपी भेजने की बात कही है। कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि 'वह (पीएम मोदी) हर चीज के बारे में झूठ बोल रहे हैं और कांग्रेस के घोषणापत्र को गलत बता रहे हैं। इसलिए हमने घोषणापत्र को पीएमओ भेजने का फैसला किया है। वह घबरा रहे हैं कि भारत का मूड बदल रहा है।'

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