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हैलो, प्लेन में बम है! एक झूठी कॉल की कीमत 3 करोड़, एयरलाइंस को बहुत महंगी पर रही ये शरारत
By Lokjeewan Daily - 21-10-2024

अभिनय आकाश ।

एयर इंडिया की बोइंग 777 130 टन जेट फ्यूल से लैश होकर 14 अक्टूबर को मुंबई से न्यूयॉर्क के जेएफके हवाई अड्डे के लिए अपनी 16 घंटे की नॉनस्टॉप यात्रा के लिए उड़ान भरती है। लेकिन फ्लेन के टेक ऑफ करने के कुछ ही देर बाद एक कॉल ने सभी के होश उड़ा दिया। बताया गया कि प्लेन में बम है। जेएफके-बाउंड एआई 119 को तुरंत डायवर्ट किया गया और उड़ान भरने के दो घंटे के भीतर, यह दिल्ली में लैंड करने की तैयारी करता दिखा। लेकिन ये खबर फर्जी निकली। इससे पहले 15 अक्टूबर को भी देश की सात फ्लाइट्स में बम की झूठी धमकी दी गई थी। जिसमें एयर इंडिया एक्सप्रेस की जयपुर से बेंगलुरु जा रही फ्लाइट, स्पाइसजेट की दरभंगा से मंबई जा रही फ्लाइट, अकासा एयर की सिलीगुड़ी से बेंगलुरु जा रही फ्लाइट, इंडिगो की सऊदी से लखनऊ आ रही  फ्लाइट, एयर इंडिया की दिल्ली से शिकागो जा रही फ्लाइट, एयर इंडिया की सिंगापुर मदुरई फ्लाइट, अलायंस एयर की अमृतसर से दिल्ली वाली उालइट शामिल है। इसके अलावा 13 अक्टूबर को भी कुछ एयरलाइंस को इस तरह की धमकी की खबर दी गई थी। 

सच में कोई बम की सूचना मिले तो निपटने के लिए क्या प्रोटोकॉल अपनाए जाते हैं- विमान का कू सुरक्षा से जुड़ा खतरा पता चलते ही एयर ट्रैफिक कंट्रोलर (एटीसी) को सूचित करता है। एटीसी विमान के चारों ओर का हवाई क्षेत्र क्लियर कराता है। अगर कू ने कोई जानकारी मांगी। है तो एटीसी वह जानकारी उपलब्ध कराएगा।विमान को आबादी वाले इलाकों से दूर रखने की जिम्मेदारी भी एटीसी की होती है। खतरे की सूचना अगर ग्राउंड स्टाफ को मिलती है तो एक्शन फ्लाइट की लोकेशन पर निर्भर करता है। विमान को उड़ान भरे अगर 5 मिनट हुए तो एटीसी कू टीम को खतरे के बारे में 5 हजार फीट की ऊंचाई पार करने के बाद ही बताता है। विमान जमीन पर है, तो सभी यात्रियों को तुरंत विमान से उतारकर विमान की तलाशी ली जाती है।

फर्जी कॉल से होता है भारी नुकसान

पिछले एक हफ्ते से 17 अक्टूबर की देर रात तक प्लेन में बम की झूठी खबर से लगभग 40 एयरलाइनों पर बड़े पैमाने पर वित्तीय प्रभाव डाल रही है। एयरलाइन अधिकारियों का अनुमान है कि अतिरिक्त खर्च लगभग 60-80 करोड़ रुपये होगा। उदाहरण के लिए एयर इंडिया बी777 (वीटी-एएलएम) का मामला लें जिसने इस 15 अक्टूबर को दिल्ली से शिकागो के लिए उड़ान भरी थी। बारह घंटे बाद, बम की धमकी के बाद 200 से अधिक यात्रियों वाला विमान कनाडा के सुदूर शहर इकालुइट में उतरा। विमान 15 अक्टूबर को सुबह 5.21 ईटीआईडी पर वहां उतरा। उसने अगली व्यावसायिक उड़ान साढ़े तीन दिन बाद भरी। फंसे हुए यात्रियों को पहले कनाडाई वायु सेना ए 330 पर शिकागो भेजा गया था, जिसके लिए एआई भुगतान करेगा और फिर 18 अक्टूबर शाम 5.15 बजे दिल्ली के लिए एक वाणिज्यिक उड़ान के रूप में उड़ान भरी। बी 777 का औसत मासिक किराया 400,000 और 600,000 डोलर के बीच है। यह औसत दैनिक किराया लगभग 17,000 डोलर बैठता है। उड़ान न भरने का मतलब है हर दिन 17,000 डोलर बर्बाद हो जाना। अब, अगर यह फर्जी धमकी न होती तो विमान शिकागो पहुंचता और फिर कुछ घंटों के बाद नियमित उड़ान के रूप में दिल्ली के लिए रवाना हो जाता। लेकिन शिकागो नहीं पहुंचने का मतलब था कि 200 से अधिक यात्री और चालक दल इकालुइट में फंसे हुए थे, जिनके लिए आवास, भोजन और अन्य बुनियादी आवश्यकताओं की व्यवस्था एक दूरदराज के शहर में की जानी थी। फिर उन्हें कनाडाई वायु सेना के विमान से शिकागो ले जाया गया। इस बीच, शिकागो के ओ'हारे हवाई अड्डे पर दिल्ली जाने वाले यात्रियों से निपटना पड़ा, जिनका विमान इकालुइट में फंसे होने के कारण नहीं आया था। कई लोगों ने कहा कि इस एक धमकी की कुल लागत 15-20 करोड़ रुपये से अधिक होगी, जिसमें इतने लंबे समय से बंद पड़े B777 की लागत भी शामिल है। 

एयरलाइन अधिकारी बता रहे फाइनेंशियल टेरर

पिछले कुछ दिनों में इन धमकियों का शिकार हुई किसी भी बड़ी एयरलाइन ने इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं की है। वरिष्ठ एयरलाइन अधिकारी ने टीओआई के हवाले से कहा फेस्टिबल सीजन की वजह से भीड़ अच्छी खासी है और हम यात्रियों के बीच डर पैदा नहीं करना चाहते हैं। इतना कहना काफी होगा कि यह एयरलाइंस के खिलाफ एक तरह का वित्तीय आतंकवाद है और इससे सख्ती से निपटा जाना चाहिए। इंडिगो को भी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों उड़ानों के लिए धमकियां मिली हैं। अक्सर ऐसा होता है जब किसी उड़ान को धमकी भरा संदेश मिलता है और उसे डायवर्ट नहीं किया जाता है। गंतव्य हवाईअड्डा इसे पकड़ने या मंडराने के लिए कहता है। ऐसा लंदन में एआई, सिंगापुर में एआई एक्सप्रेस और शायद अन्य के साथ भी हुआ है। एक पयलट ने टीओआई से बात करते हुए कहा कि एक बी 777 हर घंटे 7-8 टन ईंधन जलाता है और एक ए 320 2.5 टन। 1 लाख रुपये प्रति टन और दो घंटे की उड़ान के हिसाब से, सभी प्रभावित एयरलाइनों के लिए अकेले ईंधन जलाने की लागत कई करोड़ से अधिक है। एयर स्पेस के अतिरिक्त समय के कारण, अक्सर वही चालक दल अगली उड़ान का संचालन नहीं कर पाता है जो यह विमान सुरक्षा एजेंसियों द्वारा जांच के बाद मंजूरी मिलने के बाद संचालित करेगा। उन्हें आराम देने और उस शहर में होटल आवास देने की आवश्यकता होगी। इस भ्रामक संदेश के समय में विमानों का 20-25 घंटों तक संचालन से बाहर रहना कोई असामान्य बात नहीं है। एक बड़ी एयरलाइन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, हालांकि यह एक अप्रत्याशित घटना है जो हमारे नियंत्रण से परे है, कई यात्री जो कनेक्शन चूक जाते हैं वे हमें अदालत में ले जाएंगे और अंततः हमें हर्जाना देकर समझौता करना होगा।

हॉक्स कॉल पर गंभीर एक्शन की तैयारी में गृह मंत्रालय

हॉक्स कॉल को लेकर सरकार गंभीर एक्शन की तैयारी में है। हॉक्स कॉल पर मिले सुझावों को अमल में लाने के लिए गृह मंत्रालय और विमानन मंत्रालय ने सभी एयरलाइंस ने इनपुट मंगाए हैं। इनपुट के आधार पर डीजीसीए से जानाकरी साझा की जाएगी। गृह मंत्रालय और विमानन मंत्रालय एक रिपोर्ट तैयार करेंगे और इसके आधार पर आगे दिशा निर्देश जारी किए जाएंगे। जानकारी के मुताबिक ऐसे लोगों को अनरुली पैसेंजर लिस्ट में डाला जाएगा। इसके साथ ही पांच साल के लिए किसी भी एयरलाइन में उनकी यात्रा पर प्रतिबंध लग जाएगा। सझाव ये भी है कि झूठी कॉल से हुए नुकसान की भरपाई भी जिम्मेदार से ली जाए। इसके अलावा हॉक्स कॉल करने वालों की लिस्ट एयरपोर्ट और सुरक्षा एजेंसियों को साझा की जाए। एमएचए ने सीआईएसएफ को सभी एयरपोर्ट पर सतर्क रहने को बोला है। यानी अब फ्लाईट में झूठी खबर देने वालों को ऐसा करना भारी पड़ सकता है। 

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