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मुहाना मंडी में कृषक कल्याण शुल्क का विरोध:व्यापारी बोले- एशिया की सबसे बड़ी मंडी के हालात बदहाल
By Lokjeewan Daily - 30-08-2024

एशिया की सबसे बड़ी फल सब्जी मंडी मुहाना में कृषक कल्याण शुल्क का आढ़तियों ने विरोध किया है। इसे लेकर मंडी में बने अलग-अलग संगठनों की संयुक्त बैठक हुई। मंडी के व्यापारियों ने वसूल किए जाने वाले इस शुल्क को सरकार से यूजर चार्ज में बदलने की मांग की है। इससे मंडी के अटके हुए विकास के कार्य किए जाएंगे। इसके साथ ही व्यापारियों ने मंडी समिति में कर्मचारियों की कमी को लेकर भी चर्चा की। बैठक में तीन प्रमुख संघो के अध्यक्ष मौजूद रहे।

व्यापारियों का कहना है कि मुहाना मंडी में 2008 से व्यापार शुरू हुआ। तब से लेकर अब तक बिजनेस खूब बढ़ा है। यह कहने को एशिया की सबसे बड़ी मंडी है, लेकिन उसके मुताबिक यहां फैसिलिटी नहीं है। पहले यहां यूजर शुल्क लिया जाता था। इसे मंडी समिति डेवलपमेंट के काम में लेती थी। लेकिन जब से कृषक कल्याण शुल्क लगाया गया, तब से यह पैसा सरकार इसे अन्य कार्यों में ले रही है। इससे यहां के व्यापारियों को सुविधाएं नहीं मिल रही है।

कृषक कल्याण शुल्क को पुनः यूजर चार्ज में मर्ज किया जाए

जयपुर फल व सब्जी थोक विक्रेता संघ के कार्यकारी अध्यक्ष योगेश तंवर ने बताया- मंडी में जो व्यापारी पहले व्यापार करते थे। उनसे मंडी शुल्क या यूजर चार्ज लिया जाता था। इससे यहां विकास के काम किए जाते थे। इस बीच कोरोना आया। कोरोनाकाल में किसानों को राहत देने के लिए सरकार ने कृषक कल्याण शुल्क की शुरुआत की थी। इसमें व्यापारियों से 2% कृषक कल्याण शुल्क के रूप में लिया जाने लगा। लेकिन कोरोना काल के इतने समय बीतने के बाद भी यह शुल्क आज भी वसूल किया जा रहा है।

हांलाकि इसे अब एक प्रतिशत कर दिया गया है। इससे सरकार को सालाना 25 करोड़ रूपए की आय हो रही है। यही पैसा अगर मंडी समिति को मिले तो यहां की सड़कें नालियों और अन्य सुविधाओं का विस्तार हो सकेगा। इसलिए हमारी सरकार से यही मांग है कि इस कृषक कल्याण शुल्क को पुनः यूजर चार्ज में मर्ज कर दिया जाए।

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