It is recommended that you update your browser to the latest browser to view this page.

Please update to continue or install another browser.

Update Google Chrome

JDA बिल्डरों पर मेहरबानः तुषार रियल होम से नहीं वसूली 136.41 लाख रुपए की लीज मनी
By Lokjeewan Daily - 18-03-2025

जयपुर। जयपुर विकास प्राधिकरण (JDA) आम आदमी अपने छोटे-छोटे कार्यों के लिए आए दिन भटकता रहता है। लेकिन, उसे कोई रिलीफ नहीं मिलता। लेकिन, बिल्डरों पर जेडीए के अफसर मेहरबान रहते हैं। जेडीए की ऑडिट में खुलासा हुआ है कि तुषार रियल होम बिल्डर से अफसरों ने गोकुल नगर योजना में आवंटित भूखंड पर 136.41 लाख रुपए की लीज राशि ही नहीं वसूली। रोचक तथ्य यह है कि ऑडिट में मामला पकड़े जाने के बावजूद जेडीए अफसरों ने कोई कार्यवाही नहीं की।

स्थानीय निधि अंकेक्षण विभाग की ओर से राजस्थान विधानसभा में हाल ही पेश की गई ऑडिट रिपोर्ट के मुताबिक जोन-16 की फाइलों की ऑडिट से पता चला कि गोकुल नगर योजना में भूखंड संख्या जीएच-5 नीलामी के जरिए मैसर्स तुषार रियल होम (एलएलपी) जरिए पार्टनर संजीव कुमार सांगी को आवंटित किया गया था। इस 5963.49 वर्गमीटर के इस भूखंड का मांग पत्र की राशि जमा कराए जाने के बाद 3 मार्च 2015 को संजीव कुमार सांगी को कब्जा सौंप दिया गया।
ऑडिट रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि कब्जा पत्र की शर्तों के बिंदु संख्या 2 के अनुसार इस भूखंड की वार्षिक शहरी जमाबंदी (लीज) राशि 450 रुपए प्रति वर्गमीटर है जो पहले 5 साल के लिए 225 रुपए प्रति वर्गमीटर रहनी थी। इसके बाद प्रत्येक 15 साल में इसमें बदलाव होना था। कब्जा पत्र की शर्तों के बिंदु संख्या 3 के अनुसार लीज राशि कब्जा पत्र जारी होने की तारीख से देय होती है जो प्रत्येक वर्ष के 31 मार्च से पहले अग्रिम जमा करवा देनी चाहिए थी। ऐसा नहीं होने पर जेडीए ब्याज लेने का हकदार है।
ऑडिट रिपोर्ट के मुताबिक कब्जा पत्र की शर्तों के अनुसार आवंटी तुषार रियल होम से मार्च 2016 से मार्च 2023 तक लीज राशि 136.41 लाख रुपए की वसूली नहीं की गई थी। वस्तुस्थित से अवगत कराने के लिए जांच ने 2 जनवरी, 2023 को जेडीए को मीमो जारी किया। लेकिन, इसका कोई जवाब नहीं दिया गया।
इस पर यह प्रकऱण अप्रैल, 2024 में नगरीय विकास एवं आवासन विभाग के ध्यान में लाया गया। जवाब नहीं मिलने पर सितंबर, 2024 में फिर से नगरीय विकास विभाग को मामले से अवगत कराया गया। इसके लिए 28 नवंबर, 2024 को संबंधित अधिकारियों से मीटिंग भी की गई। लेकिन, लीज राशि की वसूली हुई या नहीं, इस बात से स्थानीय निधि अंकेक्षण विभाग को कोई जानकारी नहीं दी गई है। 

अन्य सम्बंधित खबरे