It is recommended that you update your browser to the latest browser to view this page.

Please update to continue or install another browser.

Update Google Chrome

RAJ RERA : एस्पेन हाइट्स प्रोजेक्ट का बिल्डर खरीदार को लौटाएगा ब्याज समेत पूरे पैसे
By Lokjeewan Daily - 05-04-2025

जयपुर। राजस्थान रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (RERA) ने एक बार फिर खरीदारों के हक में कड़ा फैसला सुनाते हुए VVA डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड को शिकायतकर्ता करिश्मा गोयल के 24 लाख 26 हजार 787 रुपए ब्याज समेत वापस करने का आदेश दिया है। यह मामला भी 'एस्पेन हाइट्स-I इन टाउनवन' प्रोजेक्ट से जुड़ा है, जो पहले से ही कई शिकायतों का सामना कर रहा है। RERA सदस्य रश्मि गुप्ता ने बिल्डर की दलीलों को सिरे से खारिज करते हुए यह आदेश पारित किया, जिससे सालों से अपने घर का इंतजार कर रही करिश्मा गोयल को बड़ी राहत मिली है।

मामले के अनुसार, करिश्मा गोयल ने 'एस्पेन हाइट्स' प्रोजेक्ट में फ्लैट नंबर ए2-1105 बुक कराया था, जिसकी कुल कीमत 29 लाख 96 हजार 500 रुपये थी। हालांकि, बिल्डर ने 18 अप्रैल 2015 को एकतरफा तरीके से उनका फ्लैट बदलकर टावर-ए2 के 12वें माले पर स्थित फ्लैट नंबर ए2-1205 कर दिया, जिसकी कीमत 23 लाख 85 हजार रुपये थी।
शिकायतकर्ता ने इस बदले हुए फ्लैट के लिए कुल 24 लाख 26 हजार 787 रुपये का भुगतान किया था। 23 दिसंबर 2015 को दोनों पक्षों के बीच फ्लैट क्रेता समझौता हुआ था, जिसके अनुसार निर्माण शुरू होने या समझौते पर हस्ताक्षर होने के 36 महीने के भीतर, 6 महीने के अतिरिक्त समय को छोड़कर, कब्जा दिया जाना था। लेकिन बिल्डर कब्जा देने में विफल रहा।
शिकायतकर्ता ने RERA में अपनी याचिका दाखिल करते हुए भुगतान की तारीख से 24% ब्याज के साथ रिफंड, फ्लैट का आवंटन रद्द करने, मानसिक पीड़ा के लिए 5 लाख रुपये और मुकदमेबाजी के खर्च के तौर पर 1 लाख 50 हजार रुपये की मांग की थी।
जवाब में बिल्डर ने प्रोजेक्ट में देरी का कारण अप्रत्याशित परिस्थितियां, कोविड-19 महामारी और कई खरीदारों द्वारा भुगतान न करना बताया। बिल्डर ने यह भी कहा कि कंपनी वित्तीय संकट से जूझ रही थी, जिसके चलते राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (NCLT), नई दिल्ली में दिवालियापन की कार्यवाही शुरू की गई थी। हालांकि, दिवालियापन प्रक्रिया के बाद कंपनी में नया निवेश हुआ और प्रोजेक्ट का निर्माण पूरा होने की ओर है। इसी आधार पर RERA ने प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए 31 मार्च 2022 और फिर 31 मार्च 2023 तक समय बढ़ाया था। बिल्डर ने यह भी कहा कि फ्लैट नंबर ए2-1205 का आवंटन अस्थायी था और बिल्डर के विवेक पर निर्भर था।
शिकायतकर्ता के वकील ने तर्क दिया कि समझौते की धारा 28 के अनुसार कब्जा समझौते पर हस्ताक्षर होने या निर्माण शुरू होने के 36 महीने के भीतर दिया जाना था, लेकिन बिल्डर ऐसा करने में विफल रहा। उन्होंने यह भी कहा कि बिल्डर ने एकतरफा तरीके से मूल फ्लैट बदल दिया। बिल्डर के वकील ने आंशिक पूर्णता प्रमाण पत्र (Partial Completion Certificate) के आधार पर कहा कि ब्लॉक ए-2 का निर्माण पूरा हो चुका है और इसकी कॉपी अपलोड कर दी गई है। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि एक बार प्रोजेक्ट पूरा हो जाने के बाद रिफंड की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने और रिकॉर्ड का अवलोकन करने के बाद RERA ने पाया कि शिकायतकर्ता ने बिल्डर को 24 लाख 26 हजार 787 रुपये का भुगतान किया है और केवल 14 हजार 876 रुपये बकाया हैं, जिससे यह साबित होता है कि शिकायतकर्ता बदले हुए फ्लैट से सहमत था। हालांकि, RERA के रिकॉर्ड और लॉ ऑफिसर की रिपोर्ट के अनुसार, RERA पोर्टल पर कोई आंशिक समापन प्रमाण पत्र अपलोड नहीं किया गया है। इसके चलते RERA ने माना कि बिल्डर तय तारीख पर कब्जा देने में विफल रहा है, जो RERA एक्ट की धारा 18 का उल्लंघन है और शिकायतकर्ता रिफंड और ब्याज का हकदार है।
RERA ने बिल्डर को शिकायतकर्ता की जमा की गई पूरी राशि पर प्रत्येक जमा की तारीख से 11.10% वार्षिक ब्याज दर (SBI के उच्चतम MCLR + 2%) के साथ 45 दिनों के भीतर वापस करने का आदेश दिया है। बिल्डर को 15 दिनों के भीतर अनुपालन रिपोर्ट भी जमा करनी होगी। यह आदेश 'एस्पेन हाइट्स' के अन्य फंसे हुए खरीदारों के लिए भी एक उम्मीद की किरण लेकर आया है, जो सालों से अपने घर का इंतजार कर रहे हैं। RERA का यह फैसला बिल्डरों को यह स्पष्ट संदेश देता है कि वे अपनी मनमानी नहीं चला सकते और खरीदारों के हितों का हर हाल में ध्यान रखना होगा।

अन्य सम्बंधित खबरे