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परिचर भर्ती परीक्षा का रिजल्ट घोषित करने के बाद से विवाद बढ़ गया
By Lokjeewan Daily - 11-04-2025

राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से पशु परिचर भर्ती परीक्षा का रिजल्ट घोषित करने के बाद से विवाद बढ़ गया है। बोर्ड ने भर्ती के लिए स्वीकृत 6433 पदों से करीब 60 गुना ज्यादा यानी करीब 4 लाख अभ्यर्थियों का मेरिट लिस्ट जारी की है। ऐसे में अभ्यर्थी सिलेक्शन को लेकर असमंजस में हैं।

एग्जाम 6 पारियों में अलग-अलग पेपर से हुआ था। इसको लेकर भी विवाद है। अभ्यर्थियों का कहना है कि कुछ पारियों में पेपर जरूरत से ज्यादा सरल था। आरोप है कि छठी पारी से सबसे ज्यादा अभ्यर्थियों का सिलेक्शन किया गया है।

उधर, बोर्ड ने परीक्षा के परिणाम का समान लेवल पर रखने के लिए नॉर्मलाइज़ेशन फाॅर्मूले का उपयोग किया है। अभ्यर्थी इस फाॅर्मूले में भेदभाव और रिजल्ट में धांधली का आरोप लगा रहे हैं।

पशु परिचर भर्ती परीक्षा 6 पारियों में हुई थी। ऐसे में यह संभव नहीं हो सकता कि हर पारी का पेपर समान तरह से बनाया जा सके। कोई पेपर सरल आ जाता है और कोई पेपर टफ बन जाता है। यही अंदर उनके नम्बर पर नजर आता है। किसी पारी का स्कोर ज्यादा होता है तो किसी पारी के नम्बर का स्कोर कम रह जाता है। इसके चलते नॉर्मलाइजेशन कर सभी पेपर को पेरेलल कर दिया जाता है। उसके लिए एक फाॅर्मूला बना हुआ है। उसी फाॅर्मूला का उपयोग पहले भी राजस्थान में कई परीक्षा में किया जा चुका है।

      नॉर्मलाइजेशन के फॉर्मूला में सभी पारियों के मार्क्स को चेक किया जाता है। उनके नम्बर का नील निकाला जाता है। स्टैटिक्स वैलिडेशन निकाला जाता है। उस फॉर्मूले से स्टैटिक्स के एक्सपर्ट नॉर्मलाइजेशन करते हैं और बताते हैं कि किस पारी में कितने नम्बर जुडेंगे और किस पारी में कितने नम्बर को घटाया जाएगा। इस फाॅर्मूले को कर्मचारी चयन बोर्ड पहले भी उपयोग में ले चुका है

     विवाद इसलिए हो रहा है कि अभ्यर्थियों को लगता है कि इस फाॅर्मूले से कुछ शिफ्ट के अभ्यर्थियों को फायदा हो रहा है और कुछ शिफ्ट के अभ्यर्थियों को नुकसान हो रहा है। उनका विचार कुछ हद तक सही हैं, लेकिन दूसरी शिफ्ट के बच्चे भी पास हुए हैं। यह पहले से बनाई हुई प्रणाली है। इसको हमने इस्तेमाल किया है। हम अपनी मर्जी से प्रणाली को बदल नहीं सकते। इसी फाॅर्मूले के आधार पर रिजल्ट जारी किया गया है।

 

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