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बुजुर्गों के लिए वरदान हैं ये योगासन, दूर होगा जोड़ों के दर्द और तनाव
By Lokjeewan Daily - 29-11-2025

समय का चक्र निरंतर चलता रहता है और बढ़ती उम्र के साथ हमारे शरीर में कई सारे बदलाव आते हैं। लोगों का मानना है कि बढ़ती उम्र यानी शारीरिक कमजोरी या फिर बीमारियों का घर, हालांकि योग से ये धारणा बदली जा सकती है। कुछ आसनों के रोजाना अभ्यास से हड्डियां मजबूत होती हैं। जोड़ों का दर्द ठीक रहता है। पाचन में सुधार होता है और तनाव से राहत मिलती है। हम आपको ऐसे कुछ योगासन के बारे में बताएंगे जिसे बुजुर्ग भी कर सकते हैं। वीरभद्रासन: इसे अंग्रेजी में वॉरियर पोज भी कहते हैं। इसे करने से शरीर मजबूत रहने के साथ संतुलन भी बनता है और मन शांत रहता है।
बालासन: इस आसन को करने से तनाव कम होता है और शरीर में फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ती है। आयुष मंत्रालय के अनुसार, इसके नियमित अभ्यास करने से तनाव कम होता है और पाचन क्रिया भी बेहतर रहती है, जिससे अपच, वात, और कब्ज जैसी समस्याओं में राहत मिलती है।
ताड़ासन: यह आसन बढ़ती उम्र के लिए काफी फायदेमंद होता है। इसके नियमित अभ्यास से रक्त संचार बेहतर होने के साथ-साथ शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े कई लाभ मिलते हैं। यह शरीर की मुद्रा को सुधारता है, जिससे ब्लड प्रेशर स्थिर रहता है।
कटि चक्रासन: यह तनाव कम करने के साथ एकाग्रता बढ़ाता है। साथ ही याददाश्त को बेहतर बनाता है और नींद की गुणवत्ता सुधारता है। इसके नियमित अभ्यास से बच्चों की प्रतिरक्षा प्रणाली भी मजबूत होती है और उन्हें भावनात्मक रूप से स्थिर रहने में मदद मिलती है।
भ्रामरी- यह प्राणायाम हर उम्र के लोग कर सकते हैं। अक्सर बुजुर्ग अवस्था में नींद कम आती है। इसके नियमित अभ्यास से नींद की गुणवत्ता में सुधार आता है। याददाश्त बेहतर होती है। साथ ही प्रतिरक्षा प्रणाली भी मजबूत होती है।
इन आसनों के नियमित अभ्यास से स्वास्थ्य बेहतर रहता है, लेकिन कोई भी नया व्यायाम शुरू करने से पहले एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें, खासकर यदि कोई पुरानी स्वास्थ्य समस्या है।

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