It is recommended that you update your browser to the latest browser to view this page.
Please update to continue or install another browser.
Update Google Chromeब्रेकिंग न्यूज़
राजसमंद लोकजीवन। कांकरोली स्थित द्वारकाधीश मंदिर में सोमवार आषाढ़ शुक्ल पक्ष पांचम को कुंडवाड़ा और सावन भादो का भव्य मनोरथ किया धराया गया।मनोरथ के दिन प्रात:काल मंगला 7:15 बजे मंगलाझांकी के दर्शन खुले । मंगला झांकी के बाद श्रृंगार के दर्शन 8:15 बजे खुले श्रृंगार में प्रभु श्री के मस्तक पर केसरी नित्य कुल्हे तापे पांच चन्द्रिका को सादा जोड़, केसरी बड़ों पिछोडा ,मोती के आभरण, वनमाला को श्रृंगार प्रभु को
धरा गया। इसके बाद ग्वाल के दर्शन में प्रभु का कुनवारा मनोरथ के दर्शन खुले। चार गुना कुनवारा
का भोग लगाएं गया। जिसमे खीर, दही भात, सीरा,मठडी, सेव के नग,बुंदी के नगों का विशेष भोग धराया गया। राजभोग दर्शन करीब 11:45 पर खुले आधा घंटे तक चलते रहे। राजभोग की आरती गोस्वामी श्री नैमिष कुमार की । उत्थापन दर्शन से पहले सावन भादों मनोरथ की तैयारियां प्रारंभ हो गई। रतन चौक में चारों तरफ आशापाल,केलाओ के वृक्ष लगाए गए तथा दो दो बड़े वृक्ष इसके बीच एक छतरी नुमा जिसके चारों पिलरों पर सफेद कमल और गुलाबी फूलों की लड़ी से सजाया गया। छतरियों के चारों ओर मोगरे की लडय़िों से सजावट की गई। छतरी के आजु बाजु में गिरिराज पर्वत रखें गये जो साक्षात गिरिराज भगवान का स्वरूप सिद्ध होता है। गिरिराज पर्वत पर बन्दर, गिलहरी, मोर,कोयल, कबुतर,मिटु, सारस ,गाये,इत्यादि जीव , पेड़ों पर तितलियां,भंवर, आसमान में उड़ रहे हो। हरी-हरी घास बिछी पर ग्वाल बाल,गोप गोपीकाएं मानो एक साक्षात व्रज प्रदेश का प्रतिबिम्ब रूप दिखाई दे रहा। प्रभु द्वारकाधीश सावन भादों रूपी छतरी में बिराजमान होकर साक्षात भगवान कृष्ण की लीला व निकुंज लीला के दर्शन दे रहे। प्रभु की छतरी के चारों तरफ कृत्रिम वर्षा कराई गई। रतन चौक, जगमोहन ,जलगरा के बाहर, श्री दाऊजी मन्दिर व सिढियों कमल चौक में जल फुव्वारे लगाऐ गये। सभी दर्शानार्थियों को फव्वारे में भीगते हुए दर्शन करने में बड़ा आनन्द आ रहा था। दर्शनार्थी और श्रद्धालु सावन भादों दर्शन कर अपने आप को भाग्यशाली मान रहे थे। गिरिराज पर्वत से झरना बह रहे और आसमान पर काली पीली घट्टा, बिजली का कडकडाक, मेघगर्जन, पशु पक्षी की चहक महक,मयुर के नृत्य,मोर की आवाजें, कोयल की मिठी बोलिए प्राकृतिक सौंदर्य को ओर भी सुशोभित कर रही। कीर्तनकारो ने मल्हार राग में श्री,,, प्रभु के सम्मुख "हरियालो सावन भादों आयो माई" पद का गायन करते हुए वातावरण को संगीतमय बनाया रखा। तृतीय पीठ प्रन्यास के युवराज गोस्वामी श्री वेदांत कुमार जी महोदय ने भी अपनी सेवाएं प्रभु को अर्पित की। उज्जैन इंदौर के वैष्णव जनों ने और बाहर से पधारे दर्शनार्थियों व स्थानीय लोगों ने कुनवारा मनोरथ और सावन भादों मनोरथ का आंनद लिया। भोग और आरती के दर्शन एकसाथ खुले। शयन के दर्शन में सावन भादों मनोरथ के दर्शन हुए।
सवाई माधोपुर नगर परिषद से घोटाले की मूल पत्रावलियां गायब, आरटीआई . . .
2025-07-01 13:37:11
SI भर्ती रद्द होगी या नहीं, आज होगा फैसला . . .
2025-07-01 13:12:09
गुर्जरों की मांगों पर भजनलाल सरकार गंभीर, तीन सदस्यीय मंत्रिमंडल . . .
2025-06-30 18:10:13
ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक व सामाजिक रूप से सशक्त बनाना ही राज्य स . . .
2025-07-01 16:02:07
बाघिन रानी के 5 शावक पिंजरे बाहर आ गए . . .
2025-07-01 13:16:09
जयपुर शहर में डॉग बाइट की समस्या को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट ने नार . . .
2025-06-30 18:23:53