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भीम का फुलसागर तालाब फुटने का खतरा, आधा दर्जन गांव कराए खाली
By Lokjeewan Daily - 08-09-2025

- राजसमंद में भारी बारिश के चलते बने हालात, पूरा प्रशासन तैनात
राजसमंद। जिले में दो दिन लगातार हुई भारी बारिश के चलते भीम में कुकरखेड़ा पंचायत के फुलसागर तालाब की पाल के टुटने का खतरा मंडराने पर पुलिस, प्रशासन शनिवार शाम को ही मौके पर पहुंच गया और चार गांव खाली करवा दिए। साथ ही सिंचाई विभाग, एसडीआरएफ व आपदा प्रबंधन  टीम मौके पर पहुंच गई। संभावित प्रभावित गांवो से 610 लोगों को वैकल्पिक तौर पर सरकारी स्कूलों व अन्य भवनों में शिफ्ट किया है। मिट्टी के कट्टे डालकर पाल को मजबूत कर दिया और बारिश रूकने से फिलहाल खतरा टल गया है। एतियातन प्रशासन मौके पर तैनात है और लोगों से समझाइश जारी है।  भीम तहसीलदार मनोज कुमार  ने बताया कि बरार, कुकरखे?ा क्षेत्र में दो दिन की भारी बारिश के चलते ओवरफ्लो बड़ा तालाब पर तीन फीट की चादर चलने लगी और ताल का स्टेट हाइवे भी जलमग्न हो गया। साथ ही पानी की तेज होने से  कालेटरा गांव में स्थित फुलसागर तालाब लबालब होकर ओवरफ्लो हो गया। साथ ही एक जगह तालाब की पाल क्षतिग्रस्त हो गई। इसकी सूचना बाढ़  नियंत्रण कक्ष के साथ भीम थाने में दी गई। इस पर भीम थाना प्रभारी भंवरलाल कुमावत शनिवार दोपहर मय जाब्ते के घटना स्थल पर पहुंचे और तालाब फुटने का खतरा होने से कई गांवों के डूबने का खतरे को लेकर प्रशासन को अवगत कराया। इस पर राजसमंद से अतिरिक्त जिला कलक्टर नरेश बुनकर, एएसपी महेंद्र पारीक, भीम तहसीलदार मनोज कुमार, नायब तहसीलदार पन्नासिंह रावत, डीएसपी पारस चैधरी, जल संसाधन विभाग के अधिशासी अभियंता मानसिंह, कुकरखेड़ा प्रशासक ख्यालीदेवी रावत, पूर्व सरपंच घीसुलाल के साथ एसडीआरएफ व सिविल डिफेंस टीम मौके पर पहुंच गए। साथ ही तालाब फुटने से संभावित खतरे को देखते हुए आपातो का बा?िया, ओडिया, मोडा काकर, गोमा का बाडिय़ा में घर घर जाकर लोगों को अलर्ट कर दिया और पानी के खतरे को देखते हुए सरकारी स्कूल, सामुदायिक भवन, अन्य घरों व एक ग्रेनाइट खदान में वैकल्पिक तौर पर शिफ्ट किया गया। रातभर एसडीआरफ टीम, सिंचाई विभाग, राजस्व विभाग, नगरपालिका भीम, ग्राम पंचायत कुकरखे?ा के कार्मिक, अधिकारी रातभर मौके पर रहे। राहत की बात यह है कि रात से ही बारिश का दौर रूक गया, जिससे ऊपर के इलाके से पानी की आवक कम हो गई। इस कारण बहाव कम होता गया। साथ ही बारिश रूकने से रेत व मिट्टी के कट्टे डाल दिए गए और जल संसाधन विभाग के इंजीनियर लगातार पल पर निगरानी रखे हुए हैं।

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