It is recommended that you update your browser to the latest browser to view this page.

Please update to continue or install another browser.

Update Google Chrome

ईरान-इजरायल संघर्ष पर भारत की राय, 'कूटनीतिक बातचीत ही सही तरीका'
By Lokjeewan Daily - 07-07-2025

नई दिल्ली । ब्रिक्स में भारत ने आतंकवाद, ईरान-इजरायल संघर्ष समेत ग्लोबल साउथ के मुद्दे पर अपनी बात स्पष्ट की है। विदेश मंत्रालय की और से आयोजित प्रेस ब्रीफिंग में सचिव (आर्थिक संबंध) दम्मू रवि ने कहा कि प्रधानमंत्री ने ब्रिक्स में भारत की मजबूत और स्पष्ट नीति दुनिया के सामने रखी।
उन्होंने पहलगाम और अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर भारत के रुख को रेखांकित किया। ईरान-इजरायल संघर्ष को लेकर पूछे गए एक सवाल पर उन्होंने कहा, "संदेश बहुत स्पष्ट है कि कूटनीतिक बातचीत ही आगे बढ़ने का एकमात्र तरीका है।"
दम्मू रवि ने कहा कि पैरा 34 में कुछ अहम बातें साफ-साफ बताई गई हैं। सबसे पहली और महत्वपूर्ण बात यह है कि सभी देशों ने आतंकवाद की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि ये निंदा केवल आतंकवादी हमलों की नहीं है, बल्कि उन देशों, संगठनों या लोगों की भी है जो आतंकवाद को किसी भी रूप में समर्थन, फंडिंग या शरण देते हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि बैठक में सीमा पार से होने वाली आतंकवादी गतिविधियों और इसमें शामिल समूहों का स्पष्ट जिक्र किया गया। यह भारत के लिए एक अहम मुद्दा रहा है, क्योंकि भारत लंबे समय से सीमा पार आतंकवाद का दृढ़ता से जवाब दे रहा है। दम्मू रवि ने इस दौरान यह भी बताया कि भारत सालों से संयुक्त राष्ट्र में "अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के खिलाफ व्यापक कन्वेंशन" की पहल करता रहा है।
इस कन्वेंशन का मकसद वैश्विक स्तर पर आतंकवाद की एक स्पष्ट परिभाषा तय करना और इसके खिलाफ सभी देशों को एक साथ लाना है।
उन्होंने इंटर-ट्रेडिंग रिलेशन पर भी राय रखी। उन्होंने कहा कि ब्रिक्स वैश्विक दक्षिण देशों का प्रतिनिधित्व करते हैं, और ब्रिक्स देशों में विविधताएं हैं। इसलिए, देश विकल्प तलाश रहे हैं। सीमा पार व्यापार करने में सक्षम होने के मामले में अंतर-संचालनीय भुगतान (इंटर ऑपरेबल पेमेंट) तेज मैकेनिज्म है। इसे सफलतापूर्वक लागू किया गया है और हम कई देशों के साथ द्विपक्षीय व्यवस्था में भी प्रवेश कर रहे हैं।
देशों के भीतर इस पर चर्चा हो रही है। हमें उम्मीद है कि आने वाले दिनों में बातचीत होगी और देश इसे स्वीकार किया जाएगा क्योंकि यह अधिकांश के लिए फायदेमंद है।
दम्मू ने प्रधानमंत्री के संबोधन का उल्लेख करते हुए कहा, "प्रधानमंत्री ने ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान दोहराया कि 20वीं सदी के वैश्विक संगठनों में 21वीं सदी की चुनौतियों से निपटने की क्षमता का अभाव है, इसलिए उन्होंने बहुपक्षीय संगठनों में सुधार के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने बहुध्रुवीय, समावेशी विश्व व्यवस्था का आह्वान किया और कहा कि वैश्विक शासन संस्थाओं, विशेष रूप से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, आईएमएफ, विश्व बैंक और डब्ल्यूटीओ को समकालीन वास्तविकताओं और समय को प्रतिबिंबित करने के लिए तत्काल सुधार करना होगा।"

अन्य सम्बंधित खबरे