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नई रिपोर्ट के अनुसार, आज अमेरिका के बच्चे पहले की तुलना में ज़्यादा मोटे हो गए हैं, उन्हें ज़्यादा बीमारियां हो रही हैं और उनके लिए गंभीर बीमारियों की चपेट में आकर मरने की संभावना भी पहले की पीढ़ी के मुकाबले अधिक है। यह रिपोर्ट पिछले लगभग 20 सालों में बच्चों की सेहत पर सबसे बड़ा अध्ययन है। यह अध्ययन जर्नल ऑफ द अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन (जेएएमए) में सोमवार को जारी किया गया। इसमें साल 2002 से अब तक के आठ अलग-अलग राष्ट्रीय डेटा सेट की मदद से 170 से ज्यादा सेहत से जुड़े पहलुओं का विश्लेषण किया गया।
इस अध्ययन के प्रमुख लेखक फिलाडेल्फिया के चिल्ड्रन हॉस्पिटल के प्रमुख लेखक क्रिस्टोफर फ़ॉरेस्ट का कहना है, “हर आंकड़ा यही दिखाता है कि बच्चों की सेहत लगातार खराब हो रही है।”
शोधकर्ताओं ने पाया कि 2 से 19 साल के बच्चों में मोटापा 2007-08 में 17 प्रतिशत था, जो 2021-23 में बढ़कर 21 प्रतिशत हो गया।
1 मिलियन से ज्यादा युवा रोगियों को कवर करने वाले इलेक्ट्रॉनिक मेडिकल रिकॉर्ड से पता चला है कि 2011 में 40 प्रतिशत बच्चों को किसी न किसी दीर्घकालिक (लंबे समय तक चलने वाली) बीमारी की पहचान मिली थी। 2023 में यह बढ़कर 46 प्रतिशत हो गई। इनमें चिंता, डिप्रेशन और नींद की दिक्कतें शामिल हैं।
मृत्यु दर के आंकड़े अन्य धनी देशों के साथ और भी ज्यादा विपरीत हैं। अमेरिका में बच्चों की मौत की दर अन्य अमीर देशों (जैसे कनाडा, जर्मनी, जापान) के मुकाबले 1.8 गुना ज्यादा है। शिशुओं के लिए समय से पहले जन्म और अचानक अप्रत्याशित शिशु मृत्यु के आंकड़ों में सबसे ज्यादा वृद्धि हुई। वहीं बड़े बच्चों में चोट लगना और सड़क दुर्घटनाएं मुख्य वजह बनीं।
बच्चों में डिप्रेशन, अकेलापन, नींद न आना, और शारीरिक गतिविधियों में कमी जैसे लक्षण भी बढ़ते दिखे। बच्चे समाज की परेशानियों को सबसे पहले और सबसे गहराई से महसूस करते हैं।
बाल रोग विशेषज्ञ फ्रेडरिक रिवारा और एविटल नथानसन ने कहा कि बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए जरूरी कदम उठाने होंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि सार्वजनिक स्वास्थ्य बजट में कटौती, बुनियादी ढांचे को ठीक करने में देरी, या टीकाकरण विरोधी भावना को बढ़ावा देने से हालात और बिगड़ सकते हैं।
इस गिरावट के लिए एक वजह नहीं, बल्कि कई कारण जिम्मेदार हैं, जैसे- बहुत ज्यादा प्रोसेस्ड (डिब्बाबंद) खाना खाना। अच्छे इलाज की कमी। बच्चों के लिए असुरक्षित माहौल और बढ़ती आर्थिक असमानता।
फॉरेस्ट ने सुझाव दिया कि सामुदायिक स्तर पर अलग योजना बनाकर बच्चों की सेहत को सामूहिक जिम्मेदारी के रूप में देखा जाए। हालांकि अमेरिका स्वास्थ्य पर सबसे ज़्यादा खर्च करता है, फिर भी इस स्थिति को सुधारने के लिए सिर्फ अस्पतालों में नहीं, बल्कि स्कूलों, घरों, परिवहन और सामाजिक सेवाओं में भी निवेश करना जरूरी है।
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