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Update Google Chromeब्रेकिंग न्यूज़
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध पर पूर्णविराम लगाने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार ने 28 सूत्रीय पीस प्लान पेश किया। इसे लेकर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की प्रतिक्रिया सामने आई है। पुतिन ने कहा कि रूस यूक्रेन पर अमेरिका के प्रस्तावित 28 सूत्रीय शांति योजना के डिटेल्स पर ठोस चर्चा के लिए तैयार है। राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि रूस को अमेरिकी सरकार के साथ कम्युनिकेशन के मौजूदा चैनलों के जरिए यह प्लान मिला है। उन्होंने आगे कहा कि यह अंतिम शांति समझौते का आधार बन सकता है। सिन्हुआ न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, पुतिन ने कहा कि मॉस्को शांति वार्ता और समस्याओं के शांतिपूर्ण समाधान के साथ-साथ प्रस्तावित प्लान के सभी डिटेल्स पर एक ठोस चर्चा के लिए तैयार है।
बता दें, इस साल अगस्त में अमेरिका के अलास्का में पुतिन और ट्रंप की मुलाकात हुई थी। इस दौरान दोनों नेताओं ने रूस-यूक्रेन मुद्दे पर बातचीत की। हालांकि, बातचीत का कोई हल नहीं निकला और तब से यह मुद्दा वहीं अटका हुआ है।
दूसरी ओर राष्ट्रपति जेलेंस्की ने अपने लोगों से कहा था कि यूक्रेन अपने इतिहास के कुछ सबसे मुश्किल फैसलों का सामना कर रहा है। अमेरिका द्वारा तैयार किए गए नए 28-पॉइंट शांति प्लान पर सहमत होने के लिए उनके देश पर दबाव यूक्रेन के इतिहास के सबसे मुश्किल पलों में से एक बन रहा है।
उनका कहना है कि यूक्रेन अब अपनी साख या एक अहम पार्टनर में किसी एक को खोने के बीच जैसी स्थिति का सामना कर रहा है। यूक्रेनी राष्ट्रपति ने अमेरिका की ओर इशारा करते हुए यह कहा।
बता दें, ट्रंप सरकार का यह 28 सूत्रीय प्लान लीक हो गया। इस पीस प्लान में कई ऐसी चीजें लिखी हैं, जिन्हें मानने से यूक्रेन शुरू से ही इनकार करता रहा है।
प्लान के अनुसार कीव पूर्वी यूक्रेन के डनिट्रक इलाके के उन बड़े इलाकों को छोड़ देगा, जिन पर अभी भी उसका कब्जा है। इसके अलावा, वह अपने सैनिकों की संख्या कम करेगा। इसके अलावा, इस प्लान में जो सबसे अहम बात कही गई, वो यह है कि यूक्रेन नाटो में शामिल न होने का वादा करेगा। हालांकि, इसके लिए जेलेंस्की पहले ही मना कर चुके हैं। ऐसे में अब देखना है कि क्या ट्रंप के इस 28 सूत्रीय समझौते को यूक्रेन मानता है या नहीं।
पीस प्लान के अनुसार यूक्रेन के क्रीमिया, लुहांस्क और डोनेट्रक इलाकों को असल में रूस का हिस्सा माना जाएगा। इसमें अपनी मिलिट्री की संख्या को कम करने और समय के साथ मॉस्को पर लगे बैन हटाने का भी प्रस्ताव है। यूक्रेन को 100 दिनों में चुनाव कराने होंगे और नाटो मेंबरशिप की कोई भी उम्मीद छोड़नी होगी।
यूक्रेन को अमेरिका की सिक्योरिटी गारंटी मिलेगी। हालांकि, इसके लिए वॉशिंगटन को पैसे देने होंगे। अमेरिका को यूक्रेन को फिर से बनाने और वहां इन्वेस्ट करने के लिए मुनाफे का 50 फीसदी भी मिलेगा और बैन हटने के बाद रूस के साथ इकोनॉमिक पार्टनरशिप भी करेगा।
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