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जापान ने चीन के 'सुरक्षा-खतरे' से जुड़े दावे को खारिज किया
By Lokjeewan Daily - 24-11-2025

टोक्यो । जापान ने आंकड़ों के साथ चीन के उस दावे को खारिज किया है कहा गया था कि उनके देश में चीनी नागरिक सुरक्षित नहीं हैं इसलिए वे जापान जाने का जोखिम न उठाएं। चीन की ओर से आधिकारिक चेतावनी जारी की गई थी जिसमें कहा गया था कि “इस वर्ष जापान में सार्वजनिक सुरक्षा अस्थिर रही है, और चीनी नागरिकों के खिलाफ अवैध और आपराधिक घटनाओं में वृद्धि हुई है। कुछ हमले अभी भी अनसुलझे हैं और सुरक्षा-परिस्थिति लगातार बिगड़ रही है।” इसके तहत चीनी सरकार ने अपने नागरिकों को जापान यात्रा करने से बचने का सुझाव भी दिया था। हालांकि जापान ने अब इस दावे का जवाब दिया है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि चीन द्वारा प्रस्तुत “चीनी नागरिकों के खिलाफ अपराधों में उछाल पूर्ण रूप से गलत” है।
द स्ट्रेट्स टाइम्स के अनुसार जापान ने अपने स्रोत नेशनल पुलिस एजेंसी के डेटा का हवाला देते हुए बताया कि 2023 और 24 में 15-15 चीनी नागरिकों की हत्या के मामले सामने आए वहीं, जनवरी-अक्टूबर 2025 में केवल 7 मामले दर्ज हुए, जो 2024 की समान अवधि में 14 थे। इसके अलावा, डकैती के मामले 2023 में 31, 2024 में 27 दर्ज हुए और 2025 की जनवरी-अक्टूबर में सिर्फ 21। वहीं आगजनी के मामले 2025 में शून्य थे।
यह आंकड़ों की सार्वजनिक घोषणा असामान्य है, क्योंकि जापान ने सामान्यतः इस तरह के विशिष्ट विदेशी नागरिकों के खिलाफ अपराध “विश्लेषण” के आंकड़े सार्वजनिक नहीं किए थे।
इस पूरी घटनाक्रम की पृष्ठभूमि में यह बात भी प्रमुख है कि दोनों देशों के बीच तनाव पहले से ही था: जापानी प्रधानमंत्री साने ताकाइची ने संसद में कहा था कि अगर चीन ने ताइवान पर हमला किया तो वह जापान के “अस्तित्व के लिए खतरे” की स्थिति हो सकती है, और जापान को सैन्य हस्तक्षेप करना पड़ सकता है।
नतीजतन, चीन ने सिर्फ सुरक्षा से जुड़ी चेतावनियां ही नहीं जारी कीं बल्कि पर्यटन, अनुसंधान, छात्र विनिमय को प्रभावित करने वाले कदम भी उठाए — जैसे कि जापान यात्रा से परहेज करने की अपील, जापानी उत्पादों की खरीद रोके जाने की घोषणाएं आदि।
चीन का आक्रामक रवैया बरकरार है। यूएनएससी में जापान की स्थायी सदस्यता का भी विरोध किया गया, फिर विशेष प्रतिनिधि फू कांग ने यूएन चीफ को चिट्ठी लिखकर जापान के रवैये पर नाराजगी जताई।
इसके बाद पहली बार चीन के शीर्ष पद पर बैठे शख्स ने सार्वजनिक मंच से पहली बार जापान के रेड लाइन क्रॉस करने को गलत बताया। विदेश मंत्री वांग यी ने ताकाइची के बयान को 'चौंकाने वाला' करार दिया और कहा कि जापान के मौजूदा नेताओं ने ताइवान मामले में सैन्य दखल का गलत संदेश सार्वजनिक रूप से दिया और ऐसी बातें कहीं जिन्हें नहीं कहनी चाहिए थी।
इस तरह यह मामला सिर्फ अपराध से जुड़े आंकड़ों का नहीं, बल्कि द्विपक्षीय राजनीतिक तनाव के बीच पेश आ रही चुनौतियों को दर्शाता है।

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