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"हिंदी भारत को एकता के सूत्र में बांधती है":उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी
By Lokjeewan Daily - 14-09-2024

जयपुर, । उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी के मुख्य आतिथ्य में तथा विशिष्ट अतिथि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत एवं विधायक सिविल लाइन्स गोपाल शर्मा के विशिष्ट आतिथ्य में शनिवार को जयपुर स्थित सवाई मानसिंह चिकित्सा महाविद्यालय के मुख्य सभागार में राजस्थान सरकार के भाषा एवं पुस्तकालय विभाग द्वारा राज्य स्तरीय हिन्दी दिवस समारोह आयोजित किया गया।
उपमुख्यमंत्री ने हिंदी दिवस की शुभकामनायें देते हुए अपने सम्बोधन में कहा कि हमें गर्व है कि हम हिन्दी भाषी हैं। हिंदी भाषा जन—जन की भाषा है जो भारत को एकता के सूत्र में बांधती है। हमें राष्ट्र पर गर्व है, तो हमें राष्ट्र की भाषा हिन्दी पर भी गर्व होना चाहिए। अंग्रेजी न जानने पर आत्म विश्वास में कोई कमी नहीं आनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हिन्दी सिर्फ एक भाषा या विषय नहीं बल्कि हमारी पहचान है, भावों की अभिव्यक्ति है, एक विस्तृत विचारधारा, सोच और हमारी संस्कृति है। जब भी हम देश के बाहर कहीं जाते हैं और वहां किसी भारतवासी से मिलना होता है और जब उनसे हिन्दी में बात करते हैं तो बड़ी ही आत्मीयता ओर अपनेपन का अनुभव होता है।

दिया कुमारी ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार और भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राजस्थान की डबल इंजन की सरकार विकसित भारत और विकसित राजस्थान के लक्ष्य की ओर बढ़ रही है। विकसित भारत की यात्रा में हिन्दी सफलता का माध्यम सिद्ध होगी।

उपमुख्यमंत्री ने उन सभी महानायकों, महापुरूषों को नमन किया जिनके प्रयासों से हिन्दी को संरक्षण और बढ़ावा मिला, राजभाषा का दर्जा मिला, उन्होंने कहा कि हमें गर्व है कि हिन्दी हमारी अपनी भाषा है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार हिन्दी को बढ़ावा देने में विश्वास रखती है। हमारी सरकार हिन्दी को पढ़ाई का माध्यम बनाने पर जोर दे रही है। पिछली सरकार अंग्रेजी स्कूल पर जोर देती थी किन्तु हमारी सरकार की ओर से दृढ़ता के साथ हिन्दी को बढ़ावा दिया जा रहा है।

दिया कुमारी ने युवाओं व छात्र—छात्राओं का आह्वान किया कि वे अपने दैनिक जीवन में हिन्दी का उपयोग करें और खासकर सोशल मीडिया पर भी हिन्दी को बढ़ावा दें। उन्होंने डॉ. के. के. पाठक के हिन्दी भाषा ज्ञान की तथा राजस्थान सरकार के बजट निर्माण में उनके महत्वपूर्ण योगदान की सराहना की। इस सुअवसर पर उन्होंने हिन्दी सेवा पुरस्कार प्राप्त करने वाले लेखकों, बोर्ड परीक्षाओं में अधिकतम अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को भी बधाई दी।

विशिष्ट अतिथि के रूप में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने अपने सम्बोधन में कहा कि हिन्दी भाषा को किसी एक क्षेत्र की भाषा कहना सही नहीं हैं यह पूरे देश की भाषा है। हिंदी भाषा का उपयोग दैनिक जीवन में होना चाहिए। निज भाषा का ज्ञान ही उन्नति का आधार है। उन्होंने कहा कि लोग पाश्चात्य संस्कृति की ओर लालायित रहते हैं। किन्तु अब हमें हिन्दी भाषा की ओर अग्रसर होना होगा। हिन्दी केवल एक भाषा नहीं अपितु हमारी संस्कृति की धरोहर है। हिन्दी हमारे राष्ट्र का गौरव है। हमें हिंदी को व्यापक बनाना होगा। हिंदी भाषा के उपयोग के लिए बच्चों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें बच्चों को बताना चाहिए कि उन्हें हिन्दी का गर्व के साथ उपयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज के डिजिटल युग में हिंदी का उपयोग किया जाना चाहिए।

शासन सचिव, कार्मिक विभाग डॉ. के. के. पाठक ने समारोह के मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए कहा कि भाषा एक प्रवाह है। भाषा सरिता है ,सागर नहीं है। भाषा संवाद का माध्यम है जबकि सागर तो ज्ञान है। संस्कृत, पाली व प्राकृत और हिन्दी भाषा के विकास का अपना इतिहास है। दुनिया की आधी आबादी भारतीय प्रायद्वीप में रहा करती थी। भाषा संस्कृति से संस्कार लेकर आती है। कुछ चीजें आख्यानों अथवा नरेटिव पर निर्भर करती है। जब हम जिव्हा से बोलते है तो शब्द कान तक पहुंचते हैं, हृदय की आवाज़ हृदय तक तथा आत्मा की आवाज़ आत्मा तक पहुंचती है।

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