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जयपुर: राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मुश्किलें अब बढ़ने सकती है। पूर्ववर्ती सरकार के समय हुए फोन टैपिंग के मामले पूर्व सीएम के ओएसडी रहे लोकेश शर्मा अपना बयान दे चुके हैं। विधायकों की खरीद फरोख्त से जुड़े कथित ऑडियो क्लिप मामले में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने दिल्ली क्राइम ब्रांच में मुकदमा दर्ज कराया था। इस केस में लोकेश शर्मा मुख्य आरोपी हैं। 25 सितंबर को दिल्ली क्राइम ब्रांच ने लोकेश शर्मा के बयान दर्ज किए थे। उन बयानों में लोकेश ने वायरल ऑडियो क्लिप के लिए पूर्व सीएम अशोक गहलोत को जिम्मेदार ठहराया। लोकेश ने साफ कहा कि जो ऑडियो क्लिप उन्होंने मीडिया को भेजी थी, वे तीनों ऑडियो क्लिप तत्कालीन सीएम ने उन्हें पेनड्राइव में दी थी। तत्कालीन सीएम ने ही उक्त ऑडियो क्लिप को मीडिया में सर्कुलेट करने के निर्देश दिए थे। ओएसडी होने के नाते उन्हें मुख्यमंत्री के आदेश की पालना करना अपना कर्तव्य समझते हुए तीनों ऑडियो क्लिप मीडिया को भेजी थी। लोकेश ने फोन टैपिंग और वायरल ऑडियो क्लिप में खुद की भूमिका से पल्ला झाड़ते हुए पूरा मामला तत्कालीन सीएम अशोक गहलोत के पाले में डाल दिया है।
बयानों से जुड़े सबूत आज दिल्ली क्राइम ब्रांच को देंगे लोकेश
हाल ही में दिल्ली क्राइम ब्रांच ने लोकेश शर्मा से 25 सितंबर को पूछताछ करते हुए बयान दर्ज किए। इस दौरान लोकेश शर्मा की ओर से दिए गए बयानों से जुड़े सबूत पेश करने के लिए दिल्ली क्राइम ब्रांच ने लोकेश शर्मा को एक और नोटिस भेजा है। गुरुवार 3 अक्टूबर को लोकेश शर्मा एक बार फिर दिल्ली क्राइम ब्रांच के सामने पेश होंगे। इस दौरान वे फोन टेपिंग और ऑडियो क्लिप से जुड़े सबूत क्राइम ब्रांच को सौंप सकते हैं। लोकेश का दावा है कि उनके पास पूरे सबूत हैं जिससे यह साबित होता है कि पेनड्राइव और कागज पर लिखी स्क्रिप्ट उन्होंने ही लोकेश को दी थी। बाद में पेन ड्राइव को लैपटॉप में लगाकर ऑडियो क्लिप कॉपी की गई और फिर उसे मोबाइल में लेकर मीडिया को सर्कुलेट की गई। ये सारे प्रुफ लोकेश शर्मा के पास मौजूद हैं जिन्हें वे दिल्ली क्राइम ब्रांच को सौंपेंगे।
लोकेश खोल चुके गहलोत के खिलाफ मोर्चा
फोन टैपिंग के मामले में लोकेश शर्मा पूर्व सीएम अशोक गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं। पहले वे अशोक गहलोत का बचाव करते रहे और कहते रहे कि उन्हें सोशल मीडिया के जरिए फोन टैपिंग से जुड़े ऑडियो क्लिप प्राप्त हुए थे लेकिन कुछ महीनों पहले वे फोन टैपिंग के लिए पूर्व सीएम अशोक गहलोत को जिम्मेदार ठहरा चुके हैं। उन्होंने मीडिया से रूबरू होकर फोन टेपिंग और वायरल ऑडियो क्लिप के लिए सिर्फ और सिर्फ अशोक गहलोत को जिम्मेदार ठहराया। लोकेश ने यह भी आरोप लगाया कि गहलोत ने षड़यंत्र पूर्वक अपने ओएसडी को इस केस में फंसाया है। पहले वे मदद का आश्वासन देते रहे फिर किनारा कर गए। लोकेश शर्मा ने कहा कि वे अकेले कब तक मुकाबला करते रहेंगे जब तक सच्चाई सामने नहीं आती।
पूर्व सीएम के साथ इन अफसरों की मुश्किलें भी बढ़ेगी
लोकेश शर्मा की ओर से तमाम सबूत पेश किए जाने पर फोन टैपिंग का पूरा मामला पूर्व सीएम अशोक गहलोत पर आ जाएगा। इसके बाद ना केवल अशोक गहलोत बल्कि उनकी सरकार में रहे कई अधिकारी भी मुश्किल में पड़ सकते हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक लोकेश के बयानों में 7 अफसरों के भी नाम हैं। इनमें तत्कालीन सीएम के प्रमुख सुरक्षा अधिकारी रहे रामनिवास, प्रमुख सचिव रहे कुलदीप रांका, तत्कालीन मुख्य सचिव, तत्कालीन पुलिस महानिदेशक और गृह सचिव सहित अन्य अधिकारी शामिल हैं। सबूत पेश किए जाने के बाद दिल्ली क्राइम ब्रांच इन अफसरों को भी पूछताछ के लिए नोटिस भेज सकती है।