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मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा मंगलवार को शासन सचिवालय में डेयरी किसानों को दीपावली की सौगात देते हुए मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना की 92.41 करोड़ रुपए की अनुदान राशि उनके बैंक खातों में सीधे ही डीबीटी के माध्यम से जारी की। इससे प्रदेश के लगभग 3.25 लाख पशुपालक लाभान्वित होंगे।
दुग्ध उत्पादकों को दूध के मूल्य का भुगतान आरसीडीएफ द्वारा किया जाता है। वहीं मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादन संबल योजना के अंतर्गत 5 रुपए की अनुदान राशि भी दुग्ध उत्पादकों को दी जा रही है, जिससे दुग्ध उत्पादकों को दुगुना फायदा हो रहा है। इस योजना का लाभ सीधे दुग्ध उत्पादकों को उनके बैंक खातों के माध्यम से पहुंचाने के उद्देश्य से प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) सिस्टम द्वारा राशि हस्तांतरित की जा रही है। इस योजना के लागू होने से दुग्ध उत्पादकों की आय में वृद्धि हुई है, जिससे दुग्ध उत्पादक किसान पशुधन का अच्छे से पालन-पोषण कर रहे हैं। साथ ही दुग्ध उत्पादन में भी वृद्धि हुई है जिससे राजस्थान दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में भारत के अग्रणी राज्यों में शामिल हो गया है।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देशन में राज्य सरकार किसानों एवं पशुपालकों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध होकर कार्य कर रही है। इसी क्रम में वर्ष 2024-25 के बजट में मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना के लिए 600 करोड़ रुपए बजट का प्रावधान किया गया। साथ ही हाल ही में दूरदराज के क्षेत्रों में पशुओं के इलाज की समुचित व्यवस्था के लिए 536 मोबाइल वेटरनरी यूनिट और 1962 कॉल सेंटर प्रारंभ किया गया है। अब एक कॉल करते ही पशुपालक के द्वार पहुंचकर पशु का इलाज किया जा रहा है, जिससे पशुपालकों के धन और समय दोनों की बचत हो रही है। डीग जिले में भी मोबाइल वेटरनरी यूनिट के काल सेंटर नम्बर 1962 का शुभारंभ किया गया। जिले में पांच मोबाइल यूनिट है जो डीग, नगर, कामां, पहाडी व कुम्हेर में संचालित हैं। अब दूर दराज के पशुपालकों को घर पर ही अपने बीमार पशु का निशुल्क ईलाज मिलेगा। हाईवे या कहीं भी घायल गाय या पशु का 1962 पर फोन करने पर ईलाज होगा।
आने वाले समय में प्रदेश के विभिन्न शहरों में सरस पार्लर खोले जाएंगे। सरस बूथ, सरस मित्र एवं दुग्ध संग्रहण बढ़ाने पर भी विभाग काम कर रहा है। डीग में पशुपालकों के दो माह की अनुदान राशि 10 हजार रुपए उनके बैंक खाते में समय से आने पर बेहद खुश हैं। राज्य सरकार का प्रयास है कि दुग्ध संग्रहण केंद्र एवं दुग्ध प्रोसेसिंग सेंटर्स की संख्या बढ़ाई जाए, जिससे दुग्ध एवं उससे बने उत्पादों दही, छाछ, मिठाई, आइसक्रीम आदि का उत्पादन बढ़ाया जा सके। आरसीडीएफ की एमडी श्रुति भारद्वाज ने कहा कि मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादन संबल योजना पशुपालकों के हितार्थ राज्य सरकार की महत्वपूर्ण योजना है। अनुदान राशि से दुग्ध उत्पादकों को संबल मिल रहा है। उल्लेखनीय है कि हाल ही में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रदेश के पशुपालकों को दीपावली की सौगात देते हुए दुग्ध उत्पादन से संबंधित सभी लम्बित दायित्वों के एक सप्ताह में भुगतान की घोषणा की थी।
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