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राजस्थान में बंद नहीं होंगी 23 हजार खदानें, 15 लाख श्रमिकों की नौकरी बची
By Lokjeewan Daily - 09-11-2024

जयपुर, सुप्रीम कोर्ट से राजस्थान सरकार को बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की अपील पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश की समय सीमा को बढ़ा दिया है। सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश से अब प्रदेश में ऐसी 23 हजार खदानों के बंद होने का संकट हट गया है, जिन्हें राज्य स्तर पर पर्यावरण मंजूरी नहीं मिली थी। अब वे खनन जारी रख सकेंगी। इन खदानों में करीब 15 लाख लोग काम कर रहे हैं।

सुनवाई तक जारी रहेगा खनन
सरकार की अपील पर सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला, जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने कहा कि जब तक सुप्रीम कोर्ट मामले की सुनवाई नहीं कर लेता है, तब तक खनन जारी रखा जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट में भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी और राजस्थान के अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व किया।दरअसल, इस मामले में राजस्थान सरकार को तब झटका लगा जब एनजीटी ने पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की ओर से समय सीमा बढ़ाने के लिए किए गए अनुरोध को अस्वीकार कर दिया था। इसके बाद सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।

निर्माण कार्य भी प्रभावित हो जाते
बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य भी प्रभावित हो जाते प्रदेश सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर करने वाले अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने बताया कि अगर यह खदानें बंद हो जातीं तो राज्य में बेरोजगारी, सामाजिक अशांति और स्थानीय अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता। इससे प्रदेश में बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य भी प्रभावित हो जाते। इन खदानों में काम करने वाले करीब 15 लाख श्रमिकों की नौकरी पर भी संकट आ जाता। ऐसे में एमओईएफ की राज्य पर्यावरणीय प्राधिकरण की ओर से आवेदनों के पुनर्मूल्यांकन की प्रक्रिया पूरी करने के लिए हमने सुप्रीम कोर्ट से एक साल का समय बढ़ाने की मांग की थी। क्योंकि एसईआईएए में सीमित ढांचा और स्टाफ होने के कारण वह इस समय सीमा में उसे पूरा करना संभव नहीं था। प्राधिकरण द्वारा अब तक प्राप्त आवेदनों में से कुछ का ही मूल्यांकन किया गया था।

विधि मंत्री जोगाराम पटेल ने मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि हमने सरकार में आते ही प्रकरणों की अधिकता और लीज धारकों और लाइसेंस धारकों के पुनर्मूल्यांकन कार्य की अधिकता को देखते हुए पहले से स्थापित दो स्टेट एक्सपर्ट अप्रेजल कमेटी के अतिरिक्त 11 जून 2024 को अधिसूचित कर अलग से जोधपुर और उदयपुर में सीईएसी स्थापित की गई। इससे कार्य में गति भी आई। चारों सीईएसी द्वारा निरंतर कार्य कर लगभग 6,500 प्रकरण परीक्षण कर प्रक्रिया में लाए गए थे।

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