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राजस्थान में आसमान से बरस रही ‘आग’, हलकी बारिश से दो दिन राहत के आसार
By Lokjeewan Daily - 09-04-2025

जयपुर, राजस्थान समेत उत्तर भारत के कई हिस्सों में अप्रैल महीने में ही भीषम गर्मी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। राजस्थान में मंगलवार को सबसे अधिक तापमान बाड़मेर में 46.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 7.6 डिग्री ऊपर है। आज भी मौसम गर्म रहने की संभावना है | मौसम विभाग के अनुसार, पिछले कुछ दिन से जैसलमेर, बाड़मेर, बीकानेर, चित्तौड़गढ़, कोटा जिलों में अधिकतम तापमान 44 से 46 डिग्री सेल्सियस के बीच बना हुआ है। राज्य के बाकी हिस्सों में भी अधिकतम तापमान 42 से 44 डिग्री के बीच है और यह तापमान सामान्य से 3-8 डिग्री ऊपर है। Bottom of Form

मौसम विभाग के अनुसार राजस्थान में भीषण गर्मी का दौर अभी दो तीन दिन जारी रहेगा, हालांकि उसके बाद आंधी व हल्की बारिश से इसमें कुछ राहत मिल सकती है।

कल से दो दिन राहत के आसार

मौसम केंद्र जयपुर के अनुसार, राज्य में भीषण 'लू' और गर्म रातों का दौर अगले 48 घंटों तक जारी रहने की संभावना है। वहीं 10-11 अप्रैल से एक नए पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से राज्य के पश्चिमी व उत्तरी भागों में बादल गरजने, आंधी आने और हल्की बारिश होने से तापमान में 2 से 3 डिग्री गिरावट हो सकती है। सोमवार को बाड़मेर में सबसे अधिक अधिकतम तापमान 45.6 डिग्री दर्ज किया गया था।  

भारत के बड़े हिस्से में भीषण गर्मी का प्रकोप

 मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में कुल 27 स्टेशनों ने 43 डिग्री सेल्सियस के बराबर या उससे अधिक तापमान दर्ज किया। उनमें से कम से कम 19 ने भीषण गर्मी से लेकर भीषण गर्मी की स्थिति दर्ज की।आईएमडी ने कहा कि राजस्थान का बाड़मेर देश का सबसे गर्म स्थान रहा, जहां तापमान 46.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 7.6 डिग्री अधिक है। राजस्थान के कई अन्य हिस्सों में भी बहुत अधिक तापमान दर्ज किया गया। जैसलमेर में तापमान 45 डिग्री, चित्तौड़गढ़ में 44.5 डिग्री, बीकानेर में 44.4 डिग्री और श्री गंगानगर में 44.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इन जगहों पर तापमान सामान्य से 7 से 9 डिग्री तक अधिक रहा। 

मौसम विभाग ने कहा कि उत्तर-पश्चिम भारत में पड़ रही गर्मी 10 अप्रैल से कुछ कम होने की संभावना है, तथा गुजरात और मध्य प्रदेश में 11 अप्रैल से कम होने की संभावना है। आईएमडी मैदानी इलाकों में अधिकतम तापमान कम से कम 40 डिग्री सेल्सियस, तटीय इलाकों में 37 डिग्री सेल्सियस और पहाड़ी इलाकों में 30 डिग्री सेल्सियस होने पर हीटवेव की घोषणा करता है और तापमान सामान्य से 4.5 से 6.4 डिग्री सेल्सियस अधिक होता है। वहीं, अगर तापमान 6.5 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक होता है तो भीषण हीटवेव की घोषणा की जाती है।

अगर अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस को छू लेता है, तो हीटवेव की घोषणा की जाती है और अगर यह सामान्य से अलग होने के बावजूद 47 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है, तो गंभीर हीटवेव की घोषणा की जाती है।मौसम विभाग ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि अप्रैल से जून तक देश में सामान्य से अधिक तापमान रहने की संभावना है, जिसमें मध्य और पूर्वी भारत और उत्तर-पश्चिमी मैदानी इलाकों में अधिक हीटवेव वाले दिन होंगे।

वर्ष 2024 भी भारत और वैश्विक स्तर पर सबसे गर्म वर्ष रहा। इस वर्ष, 27-28 फरवरी की शुरुआत में ही हीटवेव की स्थिति देखी गई। 2024 की पहली आधिकारिक हीटवेव 5 अप्रैल को दर्ज की गई थी। हालांकि अप्रैल और मई में हीटवेव आम बात है, लेकिन वैज्ञानिकों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण ये अधिक बार और तीव्र हो रही हैं।  

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