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मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राजस्थान में सौर ऊर्जा की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में विकास को लेकर प्रतिबद्धता से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि हम सभी की सहभागिता से राजस्थान में ऊर्जा के क्षेत्र में हरित और उज्जवल भविष्य का निर्माण करेंगे जिससे उत्कृष्ट और विकसित राजस्थान की संकल्पसिद्धि हो सके।
शर्मा गुरूवार को जैसलमेर के पोकरण में रिन्यू पावर के 1.3 गीगावॉट पीक के सौर ऊर्जा संयंत्र के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जैसलमेर की सुनहरी धरा पर स्थापित इस सोलर प्लांट से राज्य में ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर किए जा रहे कार्यों को गति मिलेगी। इस सोलर प्लांट से उत्पादित समस्त बिजली राजस्थान की वितरण कंपनियों को कम दरों पर उपलब्ध कराई जाएगी। इससे उपभोक्ताओं को ऊर्जा निर्बाध रूप से मिल सकेगी तथा भविष्य की परियोजनाओं के लिए भी एक बेंचमार्क तैयार होगा। इस संयंत्र से 1,500 प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा पर्यावरण के अनुकूल और सबसे स्वच्छ ऊर्जा है। अन्य ऊर्जा स्रोतों के भंडार सीमित हैं लेकिन सौर ऊर्जा का कोई क्षय नहीं होता है, यह अक्षय ऊर्जा है। हर परिवार सौर ऊर्जा का उत्पादक बन सकता है।
सौर और अक्षय ऊर्जा में राजस्थान सिरमौर
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा अक्षय ऊर्जा उत्पादन में अभी तक अनेक कदम उठाए हैं जिनके सकारात्मक परिणाम धरातल पर नजर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज राजस्थान देश में सौर और अक्षय ऊर्जा के उत्पादन में शीर्ष पर है। सौर ऊर्जा के क्षेत्र में केन्द्र सरकार ने राजस्थान को प्रथम तथा अक्षय ऊर्जा के लिए द्वितीय पुरस्कार से सम्मानित किया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा 4 हजार 895 मेगावाट क्षमता की परंपरागत एवं 41 हजार 883 मेगावाट क्षमता की अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं को ढाई लाख करोड़ रुपये के निवेश से विकसित किया जाएगा। साथ ही,राज्य सरकार ने नई राजस्थान एकीकृत स्वच्छ ऊर्जा नीति जारी की है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी राजकीय कार्यालयों को सौर ऊर्जा से जोड़ने के लिए छतों पर रूफ टॉप सोलर लगाने के लिए एक हजार मेगावाट क्षमता के पावर प्लांट हैम मॉडल के अंतर्गत लगाए जा रहे हैं।
राजस्थान नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में निवेशकों के लिए एक उपयुक्त स्थान
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान की भौगोलिक स्थिति भी नवीकरणीय ऊर्जा के अनुकूल है। राजस्थान में 142 गीगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन की संभावनाएं हैं। कच्चे माल की भरपूर उपलब्धता, अच्छा औद्योगिक बुनियादी ढांचा, अनुकूल भौगोलिक स्थिति और कुशल मानव संसाधन की उपलब्धता प्रदेश को नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र के निवेशकों के लिए एक उपयुक्त स्थान बनाते हैं। उन्होंने कहा कि सौर तथा पवन ऊर्जा उत्पादन को एकीकृत करने की दिशा में पहल करते हुए पश्चिमी राजस्थान में एक ग्रीन कॉरिडोर विकसित किया जा रहा है। इसमें एक ग्रिड सब स्टेशन का नेटवर्क भी शामिल है, जिससे 6,311 मेगावाट हरित ऊर्जा उत्पादित होने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार नवीकरणीय ऊर्जा की उत्पादक कंपनियों को उचित दरों पर बड़े सरकारी भूखंड उपलब्ध करवा रही है। केंद्र एवं राज्य सरकार कौशल संवर्धन, बुनियादी ढांचा और तकनीकी विकास के लिए अनेक योजनाएं भी संचालित कर रही है।
प्रधानमंत्री के विजन से राष्ट्र बन रहा हरित ऊर्जा क्रांति का प्रतीक
शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2030 तक देश में 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा का लक्ष्य निर्धारित किया है, जो उनके पंचामृत लक्ष्यों का एक अहम हिस्सा है। यह लक्ष्य भारत के ऊर्जा भविष्य को संवारने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है तथा हमारे राष्ट्र की हरित ऊर्जा क्रांति का भी प्रतीक है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिनों में ही 4.5 गीगावाट के लक्ष्य के मुकाबले 6 गीगावाट की ऊर्जा क्षमता स्थापित की जा चुकी है। वर्ष 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा का जो लक्ष्य प्रधानमंत्री ने रखा है उसे हासिल करने में राजस्थान महत्वपूर्ण योगदान देगा। शर्मा ने कहा कि आज शुरू हुआ यह संयंत्र मेक इन इंडिया का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। इसमें भारत में बने हुए 100 प्रतिशत मॉड्यूल इस्तेमाल हुए हैं और 90 प्रतिशत कंपोनेंट की खरीद राजस्थान से की गई है। यह बात स्थानीय उद्योगों के लिए अच्छी है तथा आत्मनिर्भर भारत के हमारे विजन के भी अनुरूप है।
केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंशानुसार केन्द्र सरकार द्वारा लगातार ऊर्जा उत्पादन में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। विकसित भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप ऐसे संयंत्रों से नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में एनर्जी के क्षेत्र में बेहतरीन कार्य किया जा रहा है।
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