It is recommended that you update your browser to the latest browser to view this page.

Please update to continue or install another browser.

Update Google Chrome

जल जीवन मिशन घोटाला मामले में महेश जोशी चार दिन की ईडी रिमांड पर
By Lokjeewan Daily - 25-04-2025

जयपुर, जल जीवन घोटाले में ईडी ने गुरुवार शाम पूर्व कैबिनेट मंत्री महेश जोशी को गिरफ्तार कर लिया। ईडी ने उन्हें देर शाम न्यायाधीश के आवास पर पेश किया, जहां से ईडी को 4 दिन की रिमांड मिल गई। अब चार दिनों तक जोशी से पूछताछ होगी। जल जीवन मिशन में 625 करोड़ रुपए से अधिक का घोटाला बताया जा रहा है। इस मामले में पहले भी विभाग के कई इंजीनियर और ठेकेदार गिरफ्तार हो चुके हैं। पिछले साल जनवरी में ईडी ने महेश जोशी सहित कई इंजीनियरों के आवास पर छापेमारी भी की थी। हालांकि गिरफ्तारी के बाद महेश जोशी ने मीडिया को दिए बयान में कहा कि उन्हें गलत फंसाया जा रहा है। इस मामले में उन्होंने किसी से पैसा नहीं लिया। जोशी ने कहा कि मंत्री रहते जिन लोगों के खिलाफ उन्होंने कार्रवाई की थी, उन्हीं के बयानों के आधार पर उन्हें फंसाया जा रहा है।

फर्जी सर्टिफिकेट का कैसे हुआ घोटाला
जल जीवन मिशन में काम के बदले कंप्लीशन सर्टिफिकेट सरकारी कंपनी इरकॉन के नाम से जारी किए गए। इरकॉन ने राज्य सरकार को चिट्ठी लिखी कि ऐसा कोई सर्टिफिकेट उसकी तरफ से जारी नहीं हुआ लेकिन तत्कालीन मंत्री और अफसरों की मिलीभगत से इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। घोटाले में मूल शिकायतकर्ता पब्लिक अगेंस्ट करप्शन के सदस्य एडवोकेट डॉ. टी.एन. शर्मा ने बताया कि उन्हीं के परिवाद पर एसीबी में सबसे पहले इस घोटाले की एफआईआर दर्ज की गई। हालांकि उन्होंने कई अफसरों के भी घोटाले में शामिल होने का जिक्र किया है। इसी एफआईआर के आधार पर ईडी ने मामला दर्ज किया। ईडी ने अपनी प्रोसिक्यूशन कंप्लेंट में 8 अगस्त 2023 को राजस्थान में एसीबी की एफआईआर का जिक्र भी किया था, जिसमें वित्त वर्ष 2021-22 में जलजीवन मिशन के तहत जारी किए गए टेंडर्स की जांच की गई है।

ईडी ने इस मामले में दो एफआईआर दर्ज की, यह एफआईआर ईडी के सहायक निदेशक की तरफ से दर्ज करवाई गई। मामले में पहली एफआईआर (215/2023) 8 अगस्त 2023 को एसीबी, जयपुर द्वारा दर्ज की गई। इसमें योजना में ट्यूबवेल सप्लाई करने वाली कंपनी के प्रॉपराइटर्स पीयूषचंद जैन, पदमचंद जैन और महेश मित्तल के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के साथ 120 बी तहत मामला दर्ज किया गया। इसी मामले में राजस्थान पुलिस ने एक और एफआईआर दर्ज की। पीएचईडी के अति. चीफ इंजीनियर अजय सिंह राठौड़ द्वारा अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया, जिसमें आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471 के तहत मामला दर्ज हुआ। मामले में गणपति ट्यूबवेल कंपनी को 538 करोड़ रुपए के तथा श्याम ट्यूबवेल कंपनी को 86 करोड़ रुपए के ठेके जारी किए गए थे।

अन्य सम्बंधित खबरे