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जोधा-अकबर की शादी को बताया ऐतिहासिक झूठ:राज्यपाल का बयान
By Lokjeewan Daily - 29-05-2025

उदयपुर | महाराणा प्रताप जयंती के अवसर पर उदयपुर स्थित प्रताप गौरव केंद्र में आयोजित संगोष्ठी में राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागडे ने इतिहास के उन पन्नों को चुनौती दी, जो आज तक अकबर और आमेर की राजकुमारी जोधा बाई के विवाह की कहानी सुनाते आए हैं। उन्होंने कहा—“अकबर और जोधा की शादी हुई ही नहीं। यह ऐतिहासिक झूठ है, जिसे बाद में गढ़ा गया।”

राज्यपाल बागडे ने इतिहासकार अबुल फजल द्वारा लिखित अकबरनामा का हवाला देते हुए कहा कि उसमें स्वयं अकबर ने अपनी शादी का कोई उल्लेख नहीं किया है। उन्होंने कहा कि राजा भारमल ने अकबर का विवाह अपनी दासी की बेटी से करवाया था, न कि अपनी राजकुमारी से। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह जानकारी उन्होंने खुद नहीं पढ़ी, बल्कि सुनी है, लेकिन यह इतिहास के संदिग्ध तथ्यों पर सवाल उठाने का सही समय है।

“महाराणा प्रताप को कम, अकबर को ज़्यादा पढ़ाया गया”

राज्यपाल ने शिक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि स्कूली पुस्तकों में अकबर को महिमामंडित किया गया है, जबकि महाराणा प्रताप जैसे स्वाभिमानी योद्धा के योगदान को सीमित करके प्रस्तुत किया गया। उन्होंने कहा—
“महाराणा प्रताप ने कभी अपने आत्मसम्मान से समझौता नहीं किया। अब नई शिक्षा नीति में इस असंतुलन को सुधारा जा रहा है।”

“महाराणा प्रताप और शिवाजी समकालीन होते तो इतिहास कुछ और होता”

राज्यपाल बागडे ने वीर शिवाजी और महाराणा प्रताप की तुलना करते हुए कहा कि अगर ये दोनों महानायक एक ही समय में होते, तो भारत का इतिहास और भूगोल आज अलग होता। उन्होंने कहा—“शिवाजी का भौंसले वंश भी स्वयं को मेवाड़ के सिसोदिया वंश से जोड़ता है।”

“सीमा पर बसे ग्रामीण असली भारत हैं”

कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल ने भारत-पाकिस्तान सीमा पर बसे ग्रामीणों की भी प्रशंसा की और कहा कि युद्धकाल में गोलियों की आवाज़ों के बीच जब वे ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाते हैं, तो वही असली भारत की आत्मा का परिचय देते हैं।

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