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पारदर्शी मॉनिटरिंग और गुणवत्तापूर्ण सड़कों से सशक्त होगा ग्रामीण राजस्थान : सुधांश पंत
By Lokjeewan Daily - 30-10-2025

जयपुर। मुख्य सचिव सुधांश पंत की अध्यक्षता में बुधवार को शासन सचिवालय में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत संचालित कार्यों की समीक्षा हेतु 27वीं राज्य स्तरीय स्थायी समिति की बैठक आयोजित हुई। बैठक में सार्वजनिक निर्माण विभाग के तत्वाधान में चल रही प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के प्रगतिशील कार्यों का आंकलन और अनुमोदन किया गया। बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्य सचिव पंत ने कहा कि राज्य की ओर से प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से संबंधित सभी प्रस्तावों की पूर्ण अनुपालना राज्य सरकार की प्रथम प्राथमिकता है। उन्होंने सभी विभागों को निर्देश दिए कि योजनाओं की मासिक मॉनिटरिंग प्रणाली को और सुदृढ़ बनाया जाए, प्रत्येक माह के अंत तक डेटा को अद्यतन किया जाए तथा राज्य स्तर पर नियमित निरीक्षण एवं सड़क गुणवत्ता का रखरखाव अनिवार्य रूप से सुनिश्चित किया जाए। समीक्षा के दौरान मुख्य सचिव ने शिकायत निवारण और नागरिक भागीदारी को बढ़ाने के लिए ‘मेरी सड़क’ मोबाइल एप की प्रशंसा करते हुए कहा कि ऐप के माध्यम से प्राप्त शिकायतों का समयबद्ध निस्तारण किया जाए। पंत ने उपस्थित अधिकारियों को योजनाओं के तकनीकी पक्षों की समीक्षा करने के साथ ही भविष्य में कार्यान्वयन की गति को और तेज़ करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह विभागों का समन्वय ही है जो विकास कार्यों की गति को सुनिश्चित करता है। उन्होंने वित्तीय प्रगति और निधि उपयोग की स्थिति की समीक्षा करते हुए कहा कि निधियों का उपयोग समयबद्ध और पारदर्शी तरीके से किया जाए।
बैठक में सार्वजनिक निर्माण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रवीण गुप्ता ने प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की विभिन्न चरणों की प्रगति एवं कार्यों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया की योजना के विभिन्न चरणों में राज्य की देश में उल्लेखनीय प्रगति रही है। योजना के तहत कुल सड़क लम्बाई निर्माण में 75 हज़ार किलोमीटर से अधिक गुणवत्तापूर्ण कार्य निष्पादन के आधार पर प्रदेश को राष्ट्रीय स्तर पर तृतीय एवं बड़े राज्यों में द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ है।
गुप्ता ने बताया कि योजना के विभिन्न चरणों में उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की गई है- पीएमजीएसवाई-I वर्ष 2000-01 से 2017-18 के अंतर्गत स्वीकृत सभी 16,830 कार्यों में 63773 किमी लंबाई के कार्य पूर्ण हो चुके हैं। पीएमजीएसवाई-II वर्ष 2017-18 के अंतर्गत स्वीकृत 407 कार्यों में 3469 किमी लंबाई के सभी कार्य पूर्ण किए जा चुके हैं। वहीं, पीएमजीएसवाई-III वर्ष 2019-20 से 2024-25 में 959 कार्यों को स्वीकृति दी गई थी, जिनमें से 930 कार्यों में 8520.29 किमी लंबाई के कार्य पूर्ण हो चुके हैं तथा शेष 29 कार्यों में 138.05 किमी पर कार्य प्रगति पर है, जिन्हें मार्च 2026 तक पूरा कर लिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना फेज़ 4 के अंतर्गत एक हज़ार 348 बसावटों को जोड़ने के प्रस्ताव तैयार कर एम्पॉवर्ड समिति द्वारा समीक्षा उपरांत अनुमोदन के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय, केंद्र सरकार को भिजवाए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि राज्य में गुणवत्ता नियंत्रण व्यवस्था के डिजिटल सुदृढ़ीकरण के लिए सभी रजिस्टर और स्थल निरीक्षण की जियो-टैग्ड तस्वीरें ऑनलाइन मैनेजमेंट मॉनिटरिंग एंड अकाउंटिंग सिस्टम (ओएमएमएएस) पोर्टल पर अपलोड की जा रही हैं। राज्य में हरित एवं नवीन तकनीकों के प्रयोग से सड़क निर्माण को पर्यावरण अनुकूल और टिकाऊ बनाया जा रहा है। वेस्ट प्लास्टिक, पैनल्ड सीमेंट कंक्रीट, सेल-फिल्ड कंक्रीट जैसी तकनीकों से सड़कों का निर्माण किया जा रहा है।
बैठक में वित्तीय स्थिति पर जानकारी देते हुए बताया गया कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना पूर्ण रूप से एसएनए-स्पर्श पोर्टल पर ऑनबोर्ड की जा चुकी है। केंद्र सरकार द्वारा इस योजना के अंतर्गत कार्यक्रम एवं प्रशासनिक मद के तहत कुल 400 करोड़ रूपए तथा वित्तीय प्रोत्साहन मद के अंतर्गत 24 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है। राज्य सरकार की ओर से भी 282.67 करोड़ रुपए का अंशदान किया गया है। अब तक 214.40 करोड़ रुपए कार्यक्रम एवं प्रशासनिक मद के तहत व्यय किए जा चुके हैं, जबकि 21.75 करोड़ रुपए के बिल भुगतान की प्रक्रिया में हैं और 20.29 करोड़ रुपए की प्राधिकृति कार्यों के लिए जारी की गई है।
बैठक में बताया गया कि राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के सभी कार्यों की निगरानी को पूरी तरह डिजिटल किया गया है, योजना की सभी प्रक्रियाएं- योजना निर्माण, ठेकेदार विवरण, गुणवत्ता निरीक्षण, निधि उपयोग और भौतिक प्रगति -रियल टाइम पर मॉनिटर की जा रही हैं। साथ ही भू-स्थानिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) के माध्यम से सभी सड़क प्रस्तावों एवं पुलों को जियोसड़क पोर्टल पर अंकित किया गया है, जिससे योजना के प्रत्येक घटक की पारदर्शी निगरानी संभव हुई है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत निर्मित सड़कों को सार्वजनिक परिवहन नेटवर्क से जोड़ा जा रहा है ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को बेहतर आवागमन सुविधा मिल सके।
उल्लेखनीय है की प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की शुरुआत 25 दिसम्बर 2000 को केंद्र सरकार द्वारा की गई थी जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों की पात्र बस्तियों, समतल क्षेत्रों में 500 से अधिक आबादी और जनजातीय व रेगिस्तानी क्षेत्रों में 250 से अधिक आबादी वाली बस्तियों को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया था। अब तक योजना के चार चरण सफलतापूर्वक लागू किए जा चुके हैं। नवीनतम चरण-IV वर्ष 2024 में प्रारंभ किया गया है, जिसके अंतर्गत जनगणना 2011 के अनुसार 500 से अधिक आबादी वाली बस्तियों, 250 से अधिक आबादी वाली पर्वतीय राज्य और विशेष श्रेणी क्षेत्रों (जनजातीय, रेगिस्तानी एवं आकांक्षी ब्लॉक्स) को सड़क सुविधा से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है।

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