It is recommended that you update your browser to the latest browser to view this page.

Please update to continue or install another browser.

Update Google Chrome

राजस्थान विधानसभा में ‘वंदे मातरम् दीर्घा’ की शुरुआत, देव‍नानी बोले- संविधान से बड़ा कोई नहीं
By Lokjeewan Daily - 27-11-2025

संविधान दिवस के अवसर पर बुधवार को राजस्थान विधानसभा में एक ऐतिहासिक पहल हुई, जब विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने “वंदे मातरम् दीर्घा” का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक गैलरी नहीं, बल्कि राष्ट्रभक्ति, स्वतंत्रता संघर्ष और सामूहिक चेतना का सजीव दस्तावेज है। दीर्घा को विधानसभा के डिजिटल म्यूज़ियम में स्थापित किया गया है, जहां वंदे मातरम् के 150 वर्षों की यात्रा को 37 पैनलों में प्रदर्शित किया गया है।

देवनानी ने अपने संबोधन में स्पष्ट कहा कि देश का संविधान पूरी तरह सुरक्षित है और इसे किसी तरह का खतरा नहीं है। उनके अनुसार संविधान भारत की आत्मा, भविष्य और वर्तमान का आधार है। उन्होंने कहा कि दुनिया में भारत ही वह देश है जहां संविधान के माध्यम से सत्ता का शांतिपूर्ण हस्तांतरण होता है, और यह इसकी सबसे बड़ी विशेषता है।

कार्यक्रम में संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और अतिरिक्त महाधिवक्ता जीएस गिल भी उपस्थित थे। सभी ने संविधान की मूल भावना—न्याय, समानता और बंधुत्व—पर जोर देते हुए कहा कि इसकी मजबूती नागरिकों की जिम्मेदारी है। युवाओं से अपील की गई कि वे संविधान के मूल्यों को जीवन में उतारें और देश के प्रति कर्तव्य निभाएं।

दीर्घा में वंदे मातरम् की रचना से लेकर इसके सांस्कृतिक प्रभाव तक का विस्तृत चित्रण किया गया है। वर्ष 1875 में अक्षय नवमी के दिन बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा लिखे गए मूल गीत, उसकी पांडुलिपि की प्रतिकृति, स्वदेशी आंदोलन और क्रांतिकारियों की भूमिका को आकर्षक प्रदर्शन के रूप में शामिल किया गया है। यहां आगंतुक उस दौर की भावनाओं को करीब से महसूस कर सकते हैं। दुर्लभ फ़ोटोग्राफ, पत्र, भाषण और रिकॉर्डिंग इसे और अधिक जीवंत बनाते हैं।

इसके साथ ही राजनीतिक आख्यान संग्रहालय के प्रवेश पथ को भी नई साज-सज्जा से तैयार कराया गया है। राजस्थान की कला, संस्कृति, लोक नृत्य, महापुरुषों, राष्ट्रीय पक्षी-मोर, राज्य पशु-ऊंट और पारंपरिक हाथी-घोड़े की झलक देते भित्ति चित्र अब आगंतुकों का स्वागत करते हैं। देवनानी का कहना है कि यह दीर्घा आने वाली पीढ़ियों को मातृभूमि के प्रति कर्तव्य, संवैधानिक निष्ठा और राष्ट्रप्रेम की सीख देगी।

अन्य सम्बंधित खबरे