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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार रात देश के प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड के घर जाकर गणपति पूजन में हिस्सा लिया तो इस पर राजनीति भी शुरू हो गयी। शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने इस मामले में जो बयान दिया है वह मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की निष्पक्षता पर सवाल उठाने जैसा है। राउत ने अपने बयानों के माध्यम से, महाराष्ट्र में चल रहे मामले में निष्पक्ष निर्णय देने की मुख्य न्यायाधीश की क्षमता पर संदेह जताने की कोशिश की है। हम आपको बता दें कि शिवसेना (यूबीटी) नेता सुनील प्रभु ने महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है।
राउत ने कहा, ''देखिए, यह गणपति उत्सव है। प्रधानमंत्री अब तक कितने लोगों के घर गए हैं? मुझे जानकारी नहीं है। दिल्ली में कई जगहों पर गणेश उत्सव मनाया जाता है, लेकिन प्रधानमंत्री मुख्य न्यायाधीश के घर पहुंचे और प्रधानमंत्री और मुख्य न्यायाधीश ने मिलकर आरती की। राउत का दावा है कि उनकी चिंताएं इस तथ्य से उत्पन्न होती हैं कि वर्तमान महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ आरोपों से जुड़ा मामला मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ की समीक्षा के अधीन है।'' उन्होंने कहा कि अगर संविधान के संरक्षक राजनीतिक नेताओं से इस तरह से मिलते हैं, तो लोगों को संदेह होता है। उन्होंने आगे तर्क दिया कि प्रधानमंत्री, जो मामले में एक पक्ष हैं, उन्हें मुख्य न्यायाधीश के साथ इतने करीब से बातचीत नहीं करनी चाहिए।
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