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नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ शराब घोटाला मामले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग में कथित संलिप्तता के लिए धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। सूत्रों के अनुसार, साथ ही आप के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ भी मुकदमा चलाने को मंजूरी दी गई है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 2021-22 शराब घोटाला मामले से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग के लिए ईडी को केजरीवाल पर पीएमएलए के तहत मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है। बाद में केजरीवाल के नेतृत्व वाली तत्कालीन आप सरकार ने इस नीति को खत्म कर दिया था।
यह कदम नवंबर 2024 में सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिए गए उस फैसले के बाद उठाया गया, जिसमें कहा था कि ईडी को भी मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 197 (1) (अब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 218) के तहत मुकदमा चलाने के लिए सीबीआई की तरह पहले मंजूरी लेनी होगी। दिल्ली में एक विशेष पीएमएलए अदालत ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ आरोप तय करने की प्रक्रिया को तब रोक दिया था, जब उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट में यह चुनौती दी थी कि पीएमएलए के तहत अभियोजन की मंजूरी के बिना आरोप पत्र पर संज्ञान नहीं लिया जा सकता।
उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने पिछले महीने पूर्व सीएम केजरीवाल पर मुकदमा चलाने के लिए एजेंसी को मंजूरी दे दी थी। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत चार्जशीट दाखिल करने वाली सीबीआई को अगस्त 2024 में शराब नीति से संबंधित भ्रष्टाचार के मामले में जरूरी स्वीकृति मिल गई थी।
ईडी ने अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया था और चार्जशीट में उनका नाम दर्ज किया। केजरीवाल वर्तमान में जमानत पर बाहर हैं। चार्जशीट में ईडी ने दावा किया कि उन्होंने गोवा चुनाव में अभियान के लिए कुछ शराब व्यापारियों को फायदा पहुंचाने के लिए रिश्वत ली थी। जांच एजेंसी ने कहा था कि केजरीवाल राष्ट्रीय संयोजक और आप की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य के रूप में इस्तेमाल किए जा रहे धन और उत्पन्न धन के लिए जिम्मेदार थे।
केजरीवाल और आम आदमी पार्टी पर 'साउथ ग्रुप' नामक एक कार्टेल से रिश्वत लेने का आरोप है, जो राष्ट्रीय राजधानी में शराब की बिक्री और वितरण को नियंत्रित करता था। आरोप है कि ग्रुप ने कथित तौर पर 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार द्वारा तैयार की गई आबकारी नीति से फायदा उठाया।
केजरीवाल और सिसोदिया दोनों फिलहाल जमानत पर बाहर हैं। उन्होंने अपने खिलाफ लगे आरोपों को खारिज किया है और भाजपा पर राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को परेशान करने के लिए जांच एजेंसियों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। दोनों नेता अब दिल्ली में 5 फरवरी को होने वाले चुनाव के लिए प्रचार कर रहे हैं। केजरीवाल ने कहा है कि वह बुधवार को नई दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र से अपना नामांकन दाखिल करेंगे।
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