It is recommended that you update your browser to the latest browser to view this page.

Please update to continue or install another browser.

Update Google Chrome

पीएम मोदी की कनाडा यात्रा, भारतीय समुदाय को दोनों देशों के रिश्‍तों में सुधार की उम्‍मीद
By Lokjeewan Daily - 17-06-2025

पीएम नरेंद्र मोदी कनाडाई प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के निमंत्रण पर जी7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए कनाडा के कैलगरी पहुंचे। भारतीय समुदाय ने उम्‍मीद जताई है कि पीएम मोदी के इस दौरे से दोनों देशों के रिश्‍ते सुधरेंगे। उन्‍होंने कनाडा सरकार के पीएम मोदी को निमंत्रण देने के फैसले की सराहना की है।
जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कनाडा यात्रा पर व्यवसायी हार्दिक पंड्या ने कहा, "कई वर्षों से भारत-कनाडा व्यापार से जुड़े होने के नाते हम वास्तव में दिए गए निमंत्रण की सराहना करते हैं। पिछले दशक में दोनों देशों के बीच संबंधों में उल्लेखनीय अंतर आया है। यह निमंत्रण उस रिश्ते को बेहतर बनाने का एक मूल्यवान अवसर प्रस्तुत करता है। कनाडा सरकार की तरफ से अच्‍छा फैसला लिया गया है,उम्मीद करते हैं कि इससे दोनों देश नजदीक आएंगे। भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है और कनाडा के लिए जरूरी है कि बड़ी इकोनॉमी के साथ मिलकर चले। पिछले 10 साल से भारत की इकोनॉमी में तेजी आई है।"
कैलगरी विश्वविद्यालय की सीनेट सदस्य निधि लोढ़ा समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कहा, "मैं इसे एक बहुत ही सकारात्मक कदम के रूप में देखती हूं। उम्मीद है कि यह कदम भारत और कनाडा के बीच संबंधों को पुनर्जीवित और मजबूत करने में मदद करेगा, जो लगभग ठप हो गया था। मेरा मानना ​​है कि प्रधानमंत्री मोदी का नेतृत्व भारत के लिए बेहद अच्छा रहा है। हम सभी उन्हें एक उत्कृष्ट नेता मानते हैं, और हम वास्तव में खुश हैं कि वह हमारे देश के प्रधानमंत्री हैं।"
कैलगरी में बाल रोग विशेषज्ञ प्रोफेसर डॉ. अभय लोढ़ा ने कहा, "मैं कैलगरी में अपने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा पर उनका हार्दिक स्वागत करना चाहता हूं। हम, यहां मौजूद भारतीय समुदाय, बेहद खुश और गर्व से भरे हुए हैं। मेरा मानना ​​है कि नरेंद्र मोदी हमारे देश के अब तक के सबसे अच्छे प्रधानमंत्रियों में से एक हैं। मैंने कई नेताओं के बारे में पढ़ा है, लेकिन वास्तव में उनकी कोई तुलना नहीं है। मैं राजस्थान के एक गांव से आता हूं। एक समय था जब हमारे पास गैस कनेक्शन नहीं था, शौचालय नहीं थे। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में यह पूरी तरह बदल गया है। "
विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त प्रोफेसर ब्रिज मैनी ने कहा, "पिछले दो वर्षों में दोनों देशों के बीच संबंध काफी तनावपूर्ण रहे हैं। हमारे नए प्रधानमंत्री कार्नी वास्तव में भारत के साथ संबंधों को सुधारने में रुचि रखते हैं। मुझे पूरी आशा है कि मोदी जी के इस दौरे से एक नया इनिशिएटिव शुरू होगा,भारत-कनाडा के संबंधों में सुधार होगा। मोदी सरकार में जीडीपी में तेजी आई है। पिछले 10 साल से भारत की जीडीपी 5 प्रतिशत से ज्‍यादा रही है।"
भारत-कनाडा संबंधों पर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अनिल मनोहरा ने कहा, "दोनों देशों के बीच संबंध बहुत मजबूत होने चाहिए, और वे अतीत में भी ऐसे ही थे। पिछले 2-3 वर्षों में कुछ असमंजस की स्थिति थी, लेकिन अब बातचीत फिर से शुरू हो गई है। मोदी और कार्नी को आमने-सामने बैठकर हर मुद्दे पर बात करना चाहिए, मनमुटाव से कोई नतीजा नहीं निकलता है।"
व्यवसायी रितेश मलिक कहते हैं, "यह एक बड़ा बदलाव है। लगभग दो साल पहले जो हुआ था, जब प्रधानमंत्री ट्रूडो ने संसद में भाषण दिया था,उसके बाद से रिश्ते अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गए थे। मेरा मतलब है, पिछले पंद्रह सालों में मैं इस देश में रहा हूं, मैंने कभी ऐसी स्थिति नहीं देखी जहां कोई उच्चायुक्त या महावाणिज्यदूत न हो। यह इशारा स्पष्ट रूप से संकेत देता है कि दोनों देश अपने रिश्ते को फिर से बनाने के लिए गंभीर हैं। हम इसे अतीत से आगे बढ़ एक मजबूत साझेदारी बनाने के एक ईमानदार और वास्तविक प्रयास के रूप में देखते हैं।"
कनाडा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के लिए सिख बच्चों का इस्तेमाल किए जाने पर, कनाडाई पत्रकार डैनियल बोर्डमैन कहते हैं, अधिकांश आम कनाडाई इन विरोध प्रदर्शनों को लेकर वाकई भ्रमित हैं। उन्हें समझ में नहीं आता कि इतना शोर क्यों मचाया जा रहा है। हालांकि खालिस्तानी आंदोलन अभी भी मुखर है, लेकिन दो साल पहले की तुलना में इसका प्रभाव निश्चित रूप से कम हुआ है। उनका प्रभाव 2023 के अंत में चरम पर था। उस समय, प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के नेतृत्व वाली लिबरल सरकार चरमपंथी पृष्ठभूमि वाले व्यक्तियों से काफी प्रभावित थी।"

अन्य सम्बंधित खबरे