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मौनी अमावस्या 2025: मौन व्रत रखने का महत्व, प्रारम्भ और समाप्त का समय
By Lokjeewan Daily - 21-01-2025

यह वर्ष की एकमात्र ऐसी अमावस्या है जिसमें मौन व्रत रखने का विशेष महत्व है। शास्त्रों के अनुसार मौनी अमावस्या पर मौन व्रत रखने से अनेक लाभ मिलते हैं।
मौनी अमावस्या की तिथि तारीख- 29 जनवरी, 2025

अमावस्या तिथि प्रारम्भ – 28 जनवरी 2025 को प्रातः 07:35 बजे से

अमावस्या तिथि समाप्त - 29 जनवरी, 2025 को प्रातः 06:05 बजे


आइए जानते हैं मौनी अमावस्या पर मौन व्रत रखने का महत्व और लाभ।

पाप दूर होते हैं

मौनी अमावस्या के दिन मौन व्रत रखने से व्यक्ति के आंतरिक विकार नष्ट होते हैं। इस दिन मौन रहने वालों के वाणी दोष दूर होते हैं। इंद्रियों को नियंत्रित करने की शक्ति प्राप्त होती है। इस दिन मौन रहकर दान और स्नान करने से व्यक्ति के अंदर आत्मविश्वास बढ़ता है और आध्यात्मिकता का विकास होता है।

कालसर्प दोष निवारण

मौनी अमावस्या पर भगवान विष्णु की पूजा, मौन रहने और पितरों की शांति के लिए दान करने से कालसर्प दोष समाप्त होता है।

पितृ दोष का अंत

मौनी अमावस्या पर पूजा-पाठ और मौन रहने से पितृ दोष दूर होता है। शुभ व्रत- मौनी अमावस्या के दिन मनु ऋषि का जन्म हुआ था। बुद्ध ने कहा है कि मौन रहने का व्रत लेने से दुख, ग्लानि और शोक का क्षय होता है तथा आनंद और प्रेम की प्राप्ति होती है।

धार्मिक मान्यता है कि अगर मौनी अमावस्या पर कोई पूरे दिन मौन व्रत नहीं रख सकता है तो कम से कम सवा घंटे का मौन व्रत रख सकता है। इससे भी बराबर फल मिलता है।

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