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छोटी काशी जयपुर में मनाई गई गायत्री जयंती, विश्व कल्याण की कामना से हुए गायत्री महामंत्र औऱ गायत्री चालीसा का पाठ
By Lokjeewan Daily - 06-06-2025

जयपुर। ज्येष्ठ शुक्ल दशमी गुरुवार को विभिन्न शुभ योग में छोटीकाशी में गायत्री जयंती धूमधाम से मनाई गई। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने देव माता गायत्री की पूजा-अर्चना कर पुष्पाजंलि अर्पित की। गायत्री यज्ञ में विश्व कल्याण की कामना के साथ आहुतियां प्रदान की। गायत्री महामंत्र जाप और गायत्री चालीसा का पाठ किया।

मुख्य आयोजन अखिल विश्व गायत्री परिवार के तत्वावधान में ब्रह्मपुरी स्थित गायत्री शक्तिपीठ,किरण पथ मानसरोवर स्थित वेदमाता गायत्री वेदना निवारण केन्द्र, गायत्री शक्तिपीठ वाटिका, गायत्री शक्तिपीठ कालवाड़ सहित सभी प्रमुख चेतना केन्द्रों पर मनाया गया। सभी केन्द्रों पर पंच कुंडीय गायत्री महायज्ञ हुए। 21 पारियों में करीब साढ़े पांच हजार श्रद्धालुओं ने 60500 आहुतियां प्रदान की। इसमेें करीब सौ किलो हवन सामग्री और 11 किलो घी का उपयोग हुआ। सभी शक्तिपीठ परिसर को रंग-बिरंगे फूलों से सजाया गया। मां गायत्री को पीली पोशाक धारण कराकर ऋतु पुष्पों से मनोरम श्रृंगार किया गया। समाधि स्थल प्रखर प्रज्ञा-सजल श्रद्धा को भी सजाया गया।
गायत्री परिवार राजस्थान के प्रभारी ओमप्रकाश अग्रवाल, शक्तिपीठ के व्यवस्थापक सोहन लाल शर्मा ने मां गायत्री और गुरु सत्ता का पूजन किया। मातृ शक्ति के दिवस पर मातृ शक्ति गायत्री कचोलिया, गायत्री तोमर, विद्या देवी ने ही वैदिक पद्धति से यज्ञ करवाया। दिनेश आचार्य ने प्रज्ञा गीतों से मां गायत्री का गुणगान किया।
किरण पथ मानसरोवर स्थित वेदमाता गायत्री वेदना निवारण केन्द्र पर गायत्री जयंती, गंगा दशहरा और गायत्री परिवार के संस्थापक युगऋषि पं.श्रीराम शर्मा आचार्य का महाप्रयाण दिवस पर विभिन्न हुए केन्द्र के व्यवस्थापक आर डी गुप्ता ने बताया कि इस मौके पर नौ बजे से नौ कुंडीय गायत्री महायज्ञ हुआ। यज्ञ का संचालन गिरधर गोपाल आसोपा और दिवाकर शर्मा ने किया।
कई संस्कार भी कराए गए:
गायत्री जयंती पर तीनों शक्तिपीठों पर गायत्री महामंत्र की गुरु दीक्षा दी गई। नए साधकों ने गायत्री महामंत्र की तीन माला जपनने का संकल्प लिया। साथ ही समयदान और अंशदान का भी संकल्प लिया। कई बालकों का यज्ञोपवीत संस्कार कराया गया। गायत्री शक्तिपीठ ब्रह्मपुरी में डॉ. मीनाक्षी बधेल ने गर्भस्थ शिशु को संस्कारी बनाने के लिए पुंसवन संस्कार कराया। छोटे बच्चों का विद्यारंभ संस्कार भी कराया गया। गायत्री परिवार की ओर से सभी प्रज्ञा केन्द्रों पर सभी संस्कार कराए जाते हैं।

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