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श्रीनगर । अमरनाथ यात्रा के शुरू होने के बाद से श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। पिछले आठ दिनों में 1.45 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने अमरनाथ यात्रा की है। इसके अलावा, शुक्रवार को जम्मू से 6,482 तीर्थयात्रियों का एक और जत्था कश्मीर के लिए रवाना हुआ है। अधिकारियों ने बताया कि 3 जुलाई को यात्रा शुरू होने के बाद से अब तक 1.45 लाख से ज्यादा तीर्थयात्री पवित्र गुफा के दर्शन कर चुके हैं।
उन्होंने कहा, "शुक्रवार को 6,482 यात्रियों का एक और जत्था भगवती नगर यात्री निवास से दो सुरक्षा काफिलों में घाटी के लिए रवाना हुआ है। पहले काफिले में 107 वाहन शामिल हैं, जिनमें 2,353 यात्री मौजूद हैं। ये जत्था सुबह 3:20 बजे बालटाल बेस कैंप के लिए रवाना हुआ, जबकि दूसरे काफिले में 161 वाहन मौजूद हैं और उनमें 4,129 यात्री थे। ये काफिला सुबह 4:04 बजे नुनवान (पहलगाम) बेस कैंप के लिए रवाना हुआ है।"
गुरुवार को पहलगाम में 'छड़ी मुबारक' (भगवान शिव की पवित्र गदा) का भूमि पूजन किया गया। छड़ी मुबारक के एकमात्र संरक्षक महंत स्वामी दीपेंद्र गिरि के नेतृत्व में श्रीनगर के दशनामी आखाड़ा भवन से पहलगाम ले जाया गया।
पहलगाम में छड़ी मुबारक को गौरी शंकर मंदिर ले जाया गया, जहां भूमि पूजन हुआ। बाद में इसे मार्तंड सूर्य मंदिर ले जाया गया, जहां पूजा की गई और छड़ी मुबारक को मार्तंड सूर्य मंदिर के पवित्र झरने में स्नान कराया गया।
छड़ी मुबारक 9 अगस्त को पवित्र गुफा मंदिर पहुंचेगी, जब यात्रा आधिकारिक रूप से समाप्त होगी।
जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास आने वाले यात्रियों के अलावा, कई यात्री सीधे बालटाल और नुनवान (पहलगाम) में ऑन-स्पॉट पंजीकरण के लिए पहुंच रहे हैं।
इस साल की अमरनाथ यात्रा के लिए व्यापक बहु-स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है। यह यात्रा 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद हो रही है। इस हमले में पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों ने पहलगाम के बैसरन में धर्म के आधार पर 26 नागरिकों की हत्या कर दी थी।
सेना, बीएसएफ, सीआरपीएफ, एसएसबी और स्थानीय पुलिस की मौजूदा संख्या बढ़ाने के लिए 180 अतिरिक्त सीएपीएफ कंपनियों की तैनाती की गई है।
जम्मू के भगवती नगर यात्री निवास से गुफा मंदिर तक के पूरे मार्ग और दोनों बेस कैंपों के बीच के सभी ट्रांजिट कैंपों को सुरक्षा बलों द्वारा सुरक्षित किया गया है।
इस साल अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से शुरू हुई और 38 दिनों के बाद, 9 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा और रक्षा बंधन के दिन समाप्त होगी।
यात्री कश्मीर हिमालय में समुद्र तल से 3,888 मीटर ऊपर स्थित पवित्र गुफा मंदिर तक पारंपरिक पहलगाम मार्ग या छोटे बालटाल मार्ग से पहुंचते हैं।
पहलगाम मार्ग से जाने वाले यात्री चंदनवारी, शेषनाग और पंचतरणी से होकर 46 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर गुफा मंदिर पहुंचते हैं। इस मार्ग पर यात्रा पूरी करने में चार दिन लगते हैं। वहीं, बालटाल मार्ग से जाने वाले यात्री 14 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर गुफा मंदिर पहुंचते हैं और उसी दिन दर्शन कर बेस कैंप लौट आते हैं। इस साल सुरक्षा कारणों से यात्रियों के लिए हेलीकॉप्टर सेवाएं उपलब्ध नहीं हैं।
गुफा मंदिर में एक बर्फ का शिवलिंग है, जो चंद्रमा के चरणों के साथ बढ़ता और घटता है। भक्त मानते हैं कि यह बर्फ का शिवलिंग भगवान शिव की पौराणिक शक्तियों का प्रतीक है। श्री अमरनाथ जी यात्रा हिंदू भक्तों के लिए सबसे पवित्र तीर्थयात्राओं में से एक है। मान्यता है कि भगवान शिव ने इस गुफा में माता पार्वती को शाश्वत जीवन और अमरता के रहस्य बताए थे।
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