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पांच साल बाद रेपो रेट घटकर 6.50% से 6.25% हुई, ईएमआई होगी कम
By Lokjeewan Daily - 07-02-2025

नई दिल्ली, इनकम टेक्स में मिडिल क्लास को राहत के बाद अब मिडिल क्लास को सस्ते लोन का तोहफा मिला है। आरबीआई के गवर्नर ने संजय मल्होत्रा ने मौद्रिक नीति समिति की तीन दिन की बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी देते हुए कहा कि छह सदस्यीय समिति ने आम सहमति से रेपो दर को 0.25 प्रतिशत घटाकर 6.25 प्रतिशत करने का निर्णय किया है। इसके साथ, एमपीसी ने अपने रुख को 'तटस्थ' बनाये रखने का निर्णय किया है। एमपीसी लगभग पांच साल के बाद रेपो रेट में 0.25 फीसद की कटौती की है। कटौती फैसला सर्वसम्मति से लिया गया है। बता दें रेपो रेट पिछले दो साल से 6.50 फीसद पर स्थिर था।

आरबीआई ने पिछली बार मई, 2020 में कोरोना महामारी के समय रेपो रेट को 0.40 फीसद घटाकर चार फीसद किया था। फिर रूस-यूक्रेन युद्ध के जोखिमों से निपटने के लिए आरबीआई ने मई, 2022 में दरों में बढ़ोतरी करनी शुरू की थी और यह सिलसिला फरवरी, 2023 में जाकर रुका था।

गवर्नर के तौर पर संजय मल्होत्रा ने पहली बार मौद्रिक नीति समिति के फैसले का एलान किया। अपनी स्पीच के दौरान उन्होंने कहा कि महंगाई दर लक्ष्य के करीब है। फ्लेक्सिबिल महंगाई लक्ष्य से इकोनॉमी पर बेहतर असर पड़ा है। आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा के अनुसार महंगाई दर लक्ष्य के करीब है। इसका इकोनॉमी पर बेहतर असर पड़ा है। उन्होंने कहा कि मौद्रिक नीति को अब भी तटस्थ रखा गया है। आरबीआई गवर्नर तीन दिवसीय बैठक के बाद ब्याज दरों पर फैसले का एलान किया।

महंगाई के लक्ष्य से जुड़े फ्रेमवर्क में होगा बदलाव

आरबीआई गवर्नर ने कहा है कि हम रेगुलेशन को संतुलित बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं। महंगाई लक्ष्य से जुड़े फ्रेमवर्क में भी बदलाव होगा। नए नियमों को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। संबंधित पक्षों पर रेगुलेशन पर बातचीत जारी रहेगी। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) 7 फरवरी 2025 की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के बाद रिजर्व बैंक के नए गवर्नर संजय मल्होत्रा मॉनेटरी पॉलिसी की घोषणा की। बाजार के विशेषज्ञों को उम्मीद थी कि इस बार रेपो रेट में 25 आधार अंकों कटौती कर 6.25 प्रतिशत किया जा सकता है।

फरवरी 2023 के बाद से रेपो रेट में पहली बार बदलाव

फरवरी 2023 से रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर स्थिर रखा गया। इससे पहले 2020 में कोविड महामारी के दौरान ब्याज दरों में कटौती की गई थी, लेकिन इसके बाद धीरे धीरे कर ब्याज दरों को 6.5 प्रतिशत बढ़ा दिया गया। रेपो रेट में कटौती की घोषणा लंबे समय के बाद हुई है। इससे आम आदमी को होम लोन, वाहन, पसर्नल लोन की ईएमआई में राहत मिलेगी। सस्ते कर्ज से लोगों पर से ईएमआई का बोझ कम होगा। 

25 आधार अंकों की कटौती से आपके होम लोन की ईएमआई होगी कम

यदि किसी ने 50 लाख रुपये का लोन 8.5 प्रतिशत की ब्याज दर से 20 साल के लिए लिया है और आरबीआई यदि 0.25 प्रतिशत की कटौती की घोषणा करती है तो उसकी ईएमआई कम हो जाएगी, जैसे कि पुराने ब्याज दर  8.5 प्रतिशत पर 43,391 रुपये की ईएमआई देनी पड़ती है, और ब्याज दरों पर कटौती के बाद नई ब्याज 8.25 प्रतिशत पर 42,603 रुपये हो जाएगी, जिसमें महीने में 788 रुपये की बचत और साल भर में 9,456 रुपये की बचत होगी। यदि आप ने 5 लाख रुपये का कार लोन 12 प्रतिशत की ब्याज दर पर लिया है तो 11,282 रुपये पुरानी ईएमआई पर देने पड़ रहे हैं, यदि कटौती हुई तो कार लोन की नई ईएमआई 11,149 रुपये होगी। जिसमें 133 रुपये महीने के और साल भर में 1,596 रुपये की बचत होगी।

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