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महिंद्रा का बड़ा लक्ष्य: हर महीने 7,000 इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री
By Lokjeewan Daily - 28-11-2025

भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन बाजार में तेजी से बढ़ती मांग को देखते हुए महिंद्रा एंड महिंद्रा ने अगले वर्षों के लिए एक बड़ा और आक्रामक प्लान तैयार किया है। कंपनी न सिर्फ अपने EV पोर्टफोलियो का विस्तार कर रही है, बल्कि उत्पादन क्षमता और बिक्री लक्ष्य दोनों को नए स्तर पर ले जाने की तैयारी में है। FY26 के अंत तक महिंद्रा का लक्ष्य है कि हर महीने कम से कम 7,000 इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री हो और आने वाले वर्षों में EV उसके कुल पोर्टफोलियो का अहम हिस्सा बन जाए। इलेक्ट्रिक सेगमेंट में आक्रामक विस्तार महिंद्रा इस समय हर महीने 4,000 से 5,000 इलेक्ट्रिक SUVs बेच रही है। लेकिन कंपनी की योजना इससे काफी आगे की है। FY26 के अंत तक महिंद्रा मासिक EV बिक्री को 7,000 यूनिट तक ले जाना चाहती है। इसके लिए कंपनी ने उत्पादन क्षमता को भी बढ़ाना शुरू कर दिया है। कंपनी के अनुसार इलेक्ट्रिक वाहनों की ऑपरेटिंग प्रोडक्शन कैपेसिटी को जल्द ही 8,000 यूनिट प्रति माह तक पहुंचा दिया जाएगा, ताकि नए लक्ष्य आसानी से हासिल किए जा सकें।
FY28 तक हर चौथा मॉडल होगा EV
महिंद्रा को विश्वास है कि 2027-28 तक उसकी कुल बिक्री में EV वाहनों का हिस्सा लगभग 25 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा। ऑटो और फार्म डिवीजन के CEO राजेश जेजुरिकर के अनुसार आने वाला दशक इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा और कंपनी उसी दिशा में अपनी रणनीति बना रही है। उनकी मानें तो बढ़ते पोर्टफोलियो और बेहतर प्रोडक्शन प्लान के साथ कंपनी EV सेगमेंट में अपनी पकड़ मजबूत करेगी।
नई 7-सीटर इलेक्ट्रिक SUV XEV 9S बनी गेमचेंजर
महिंद्रा की EV ग्रोथ को गति देने में नई 7-सीटर इलेक्ट्रिक SUV XEV 9S अहम भूमिका निभा रही है। यह मॉडल ग्राहकों के बीच जल्दी लोकप्रिय हो रहा है और कंपनी इसी मॉडर्न प्लेटफॉर्म पर आगे कई नए प्रोडक्ट लाने की तैयारी कर रही है। महिंद्रा ने पिछले सात महीनों में 30,000 से अधिक इलेक्ट्रिक वाहन डिलीवर किए हैं, जिससे लगभग 8,000 करोड़ रुपये का रेवेन्यू मिला है। यह उपलब्धि कंपनी की EV रणनीति की मजबूती को दर्शाती है।
देशभर में चार्जिंग नेटवर्क का विस्तार
महिंद्रा अब अपने चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को भी तेजी से बढ़ा रही है। कंपनी का प्लान है कि 2027 तक 1,000 से अधिक चार्जिंग पॉइंट स्थापित किए जाएं। इनमें से अधिकांश स्टेशनों को उन शहरों में लगाया जाएगा जहां इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग अधिक है। मजबूत चार्जिंग नेटवर्क EV अपनाने में बड़ी भूमिका निभा सकता है और महिंद्रा उसी दिशा में कदम बढ़ा रही है।

ग्लोबल मार्केट के लिए रणनीति
महिंद्रा EV एक्सपोर्ट के मामले में भी सोच-समझकर आगे बढ़ने की योजना बना रही है। कंपनी अभी राइट-हैंड-ड्राइव मार्केट पर फोकस कर रही है। इसके बाद ग्राहकों की प्रतिक्रिया और बाजार की स्थितियों को देखते हुए लेफ्ट-हैंड-ड्राइव देशों में भी एंट्री की जाएगी। यह दिखाता है कि महिंद्रा धीरे-धीरे अपने ग्लोबल EV सफर की शुरुआत करने जा रही है।
बैटरी रीसाइक्लिंग और सप्लाई चेन पर विशेष ध्यान
महिंद्रा एंड-ऑफ-लाइफ बैटरी मैनेजमेंट और रीसाइक्लिंग पर भी काम कर रही है। कंपनी मानती है कि EV की बढ़ती संख्या के साथ बैटरी डिस्पोज़ल एक बड़ा मुद्दा बन सकता है। इस वजह से महिंद्रा पहले से ऐसे समाधान तैयार कर रही है जो बैटरी रीसाइक्लिंग को आसान और टिकाऊ बना सकें।
सप्लाई-चेन को मजबूत बनाना भी कंपनी की प्राथमिकता है। महिंद्रा सप्लायर बेस को विविध बना रही है ताकि EV कंपोनेंट की कमी या सप्लाई बाधाओं से बचा जा सके। इसके अलावा, BE.6 मॉडल के लिए कंपनी जल्द PLI स्कीम के अंतर्गत अप्लाई करने की तैयारी में है। जेजुरिकर के अनुसार XEV 9S के सभी वैरिएंट PLI स्कीम में क्वालिफाई करते हैं, जो कंपनी की उत्पादन क्षमता को और बढ़ावा देगा।
महिंद्रा का FY26 EV प्लान भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग के भविष्य को एक नई दिशा देता है। आक्रामक बिक्री लक्ष्य, बेहतर उत्पादन क्षमता, मजबूत चार्जिंग नेटवर्क, बैटरी रीसाइक्लिंग और ग्लोबल रणनीति—इन सभी को देखते हुए साफ है कि कंपनी देश की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं में से एक बनने की दिशा में पूरी मजबूती से आगे बढ़ रही है। आने वाले वर्षों में महिंद्रा का EV पोर्टफोलियो भारतीय सड़कों पर बड़ा बदलाव ला सकता है।

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