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भारत की जनता की सूझबूझ और सामर्थ्य ने बनाया है भारत का भाग्य : पीएम मोदी
By Lokjeewan Daily - 16-11-2024

नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के नागरिकों की सूझबूझ और उनके सामर्थ्य की सराहना की। इसके साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि हमारा लक्ष्य इन नागरिकों की तरक्की को लगातार आगे बढ़ाना है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने भारत में आतंकवाद पर बात करते हुए कहा कि देश में इस समय आतंकवादी अपने घरों में भी असुरक्षित महसूस करते हैं।
पीएम मोदी ने हिंदुस्तान टाइम्स की लीडरशिप समिट में शनिवार को कहा कि जिस शक्ति ने भारत का भाग्य बनाया है, भारत को दिशा दिखाई है, वह भारत के सामान्य मानव की सूझबूझ और उसका सामर्थ्य है।

उन्होंने कहा कि अंग्रेज जब भारत छोड़कर जा रहे थे, तो ये कहा गया कि ये देश बिखर जाएगा, टूट जाएगा। ऐसे ही जब इमरजेंसी लगी तो कुछ लोगों ने ये मान लिया था कि अब तो इमरजेंसी हमेशा ही लगी रहेगी। कुछ लोगों ने, कुछ संस्थानों ने इमरजेंसी थोपने वालों की ही शरण ले ली थी। लेकिन तब भी भारत का नागरिक उठ खड़ा हुआ। और इमरजेंसी को उखाड़ फेंकने में कोई बहुत ज्यादा समय नहीं लगा। ऐसे ही जब कोरोना का मुश्किल समय आया तो दुनिया को लगता था कि भारत उन पर बोझ बन जाएगा। लेकिन भारत के नागरिकों ने कोरोना के खिलाफ एक मजबूत लड़ाई लड़कर दिखाई।

देश की जनता पर बात करते हुए पीएम मोदी ने आगे कहा कि 90 के दशक के दौर में भारत में 10 साल में पांच चुनाव हुए थे। इतने बड़े देश में 10 साल में पांच चुनाव बताते हैं कि देश में कितनी अस्थिरता थी। जानकारों ने भविष्यवाणी कर दी थी कि अब भारत को ऐसे ही गुजारा करना है। लेकिन भारत के नागरिकों ने ऐसे जानकारों को गलत साबित किया। आज दुनिया में चारों तरफ अस्थिरता की चर्चा है। दुनिया में इस समय हर देश में चुनाव के बाद सरकार बदल रही है। वहीं, भारत में जनता ने एक ही सरकार को तीन बार चुना है।

पीएम मोदी ने एक समय था जब देश में आतंकवाद के प्रति भय का माहौल था। हालांकि अब समय बदल गया है और आतंकवादी अपने घरों में भी असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि पहले सरकार सिर्फ चुनाव जीतने के लिए चलाई जाती थी। चुनाव जीतने के लिए वोट बैंक बनाए जाता था। वोट बैंक को खुश करने के लिए योजनाएं बनती थी। इस राजनीति ने देश में असंतुलन और असमानता का दायरा बहुत बढ़ा दिया। इस मॉडल ने सरकारों के प्रति जनता का भरोसा तोड़ दिया। हम आज इस भरोसे को वापस लाए हैं। हमारी राजनीति वोटबैंक की राजनीति से बहुत दूर है। हमारी सरकार का मकसद बहुत बड़ा है।

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