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बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रही हिंसा की एआईआईओ प्रमुख उमर अहमद इलियासी ने की निंदा
By Lokjeewan Daily - 07-12-2024

नई दिल्ली,। बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रही हिंसा और इस्कॉन से जुड़े संत चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी की ऑल इंडिया इमाम ऑर्गनाइजेशन (एआईआईओ) के प्रमुख डॉ. उमर अहमद इलियासी ने निंदा की है। उन्होंने कहा कि यह बहुत दुखद स्थिति है और इसकी जितनी निंदा की जाए, उतनी कम है।
डॉ. उमर अहमद इलियासी आईएएनएस से बात करते हुए कहा, "मैं बांग्लादेश में वर्तमान समय में जो हालात हैं, खासकर वहां के अल्पसंख्यक समुदाय, विशेष रूप से हिंदुओं के साथ हो रहे अत्याचारों को लेकर बेहद चिंतित हूं। यह बहुत दुखद स्थिति है और इसकी जितनी निंदा की जाए, उतनी कम है। मैं इस तरह के घटनाओं की कठोर शब्दों में निंदा करता हूं। हमें यह याद रखना चाहिए कि बांग्लादेश और भारत पड़ोसी देश हैं, जो हमेशा एक साथ रहे हैं। भारत ने हमेशा बांग्लादेश की सहायता की है, चाहे वह उनके बुनियादी ढांचे के लिए हो या वहां के नागरिकों की भलाई के लिए। आज जो हालात बन गए हैं, उनमें शांति और अमन की आवश्यकता है। हिंदुओं पर हो रहे जुल्म और अत्याचार को तुरंत रोका जाना चाहिए। इस मामले में मैं बांग्लादेश सरकार के सलाहकार मोहम्मद यूनुस से अपील करता हूं कि वे तुरंत इस पर कार्रवाई करें।"

उन्होंने कहा, "जो लोग स्थिति को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं और जुल्म ढा रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए और उन्हें कड़ी सजा मिलनी चाहिए। मैं विशेष रूप से बांग्लादेश के सभी मस्जिदों के इमामों से यह अपील करता हूं कि वे जुमे की नमाज और अन्य दिनों में अपने खुतबे में शांति और अमन का संदेश दें। इस्लाम एक शांति का धर्म है, जो हमेशा शांति और सौहार्द की बात करता है। हमें इस्लाम की असल शिक्षा पर अमल करना चाहिए और हर प्रकार के हिंसा से बचना चाहिए। मैं संयुक्त राष्ट्र, यूएनएचआरसी और अन्य मानवाधिकार संगठनों से भी अपील करता हूं कि वे इस मामले में हस्तक्षेप करें और बांग्लादेश में हो रहे अत्याचारों के खिलाफ अपनी आवाज उठाएं। आज हमें यह समझने की जरूरत है कि हम पहले इंसान हैं, फिर किसी धर्म के अनुयायी। मानवता की सेवा और भाईचारे को बढ़ावा देना हमारी जिम्मेदारी है, चाहे हम हिंदू, मुसलमान, सिख या ईसाई हों।"

उन्होंने कहा, "मैं बांग्लादेश के प्रशासन से अपील करता हूं कि इस्कॉन के पुजारी चिन्मय कृष्ण महाराज को तुरंत रिहा किया जाए। उनका क्या अपराध था, जो उन्हें जेल में डाला गया है? इसके अलावा, उनके वकील रमन रॉय पर हुए जानलेवा हमले को देखते हुए उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। बांग्लादेश में सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी प्रशासन को उठानी चाहिए। मैं फिर से बांग्लादेश के सभी इमामों और धार्मिक नेताओं से अपील करता हूं कि वे अपनी प्रार्थनाओं में शांति और सौहार्द का संदेश दें, ताकि बांग्लादेश में अमन और एकता कायम हो। हम सभी को मिलकर बांग्लादेश के मौजूदा हालात को सही दिशा में सुधारने के लिए कदम उठाने चाहिए। अल्लाह से मेरी दुआ है कि वह बांग्लादेश में शांति और अमन का माहौल बनाए और सभी समुदाय आपस में भाईचारे के साथ रहें।"

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