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पुणे में बुजुर्ग महिला को डिजिटल अरेस्ट कर ट्रांसफर करवाए 4.37 करोड़
By Lokjeewan Daily - 29-01-2025

 मुंबई : पिछले साल दिसंबर के पहले सप्ताह में पुणे की एक 78 वर्षीय महिला को अज्ञात नंबर से वॉट्सऐप कॉल आया। कुछ मेसेज भी आए। इसमें महिला को धमकी दी गई कि उनका आधार कार्ड समेत अन्य दस्तावेज ड्रग्स की तस्करी और मनी लॉन्ड्रिंग में यूज किए गए हैं। महिला घबरा गईं। उन्हें डिजिटल अरेस्ट किया गया। महिला से साइबर ठगों ने 4.37 करोड़ रुपये वसूले। यह राज्य में डिजिटल अरेस्ट धोखाधड़ी का दूसरा सबसे बड़ा केस है। पुलिस ने बताया कि महिला को एक महीने तक डिजिटल अरेस्ट रखा गया। आरोपियों ने सीबीआई अधिकारी बनकर उन्हें वीडियो कॉल किया और डिजिटल अरेस्ट रखा। पुणे की रहने वाली महिला एक कारोबारी परिवार की हैं। उनसे 8 अलग-अलग खातों में 4.37 करोड़ रुपये ट्रांसफर करवाए गए।

इस तरह कॉलर ने की ठगी

महिला से कहा गया कि वह मनी लॉन्ड्रिंग में फंस गई हैं। उनकी संपत्ति का सरकारी सत्यापन होगा। उन्हें और उनके परिवारवालों को अरेस्ट किया जाएगा और सुप्रीम कोर्ट से नीचे उन्हें जमानत नहीं मिलेगी। महिला को बताया गया कि उनका नाम मनी लॉन्ड्रिंग केस के मुख्य आरोपी अशोक गुप्ता के साथ जुड़ा है। उनसे कहा गया कि अगर वह जेल जाने से और इस मामले से बचना चाहती हैं तो उन्हें 5 करोड़ रुपये देने होंगे।
 ऐसे खुला डिजिटल अरेस्ट का मामला

महिला ने उन्हें अलग-अलग तारीखों पर रुपये ट्रांसफर करने शुरू कर दिया। मामला तब सामने आया जब उनके परिवार ने उनकी डायरी देखी। इसमें रुपयों का विवरण लिखा था। परिवार ने उनके बैंक अकाउंट खंगाले तो होश उड़ गए। उनके अकाउंट से 4.37 करोड़ रुपये आठ खातों में ट्रांसफर हुए थे। महिला से परिवार ने पूछताछ की तो उन्होंने सारे घटना बताई। परिवार पुणे साइबर पुलिस के पास पहुंचा और शिकायत दर्ज कराई।

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