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थरूर की राह पर चिदंबरम? पहले भारत-पाक सीजफायर का बचाव, अब INDIA गठबंधन पर सवाल
By Lokjeewan Daily - 16-05-2025

नई दिल्ली, कांग्रेस के कद्दावर नेता शशि थरूर इन दिनों नरेन्द्र मोदी सरकार की तारीफ करते हुए कई मौकों पर दिखे हैं। इसके बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने भी कुछ ऐसा ही रुख अपनाया था। चिदंबरम ने हाल ही में एक अंग्रेजी अखबार में लेख लिखकर ऑपरेशन सिन्दूर और भारत-पाकिस्तान सीजफायर को लेकर केंद्र सरकार के फैसलों की सराहना की है। इससे एक कदम और आगे बढ़ते हुए उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ तैयार विपक्षी एकजुटता (इंडिया गठबंधन) के अस्तित्व पर सवाल खड़ा कर दिया। उनके इस कदम के बाद सियासी गलियारे में अटकलों का बाजार गर्म हो गया है।

चिदंबरम ने गुरुवार को इंडिया गठबंधन की स्थिरता पर सवाल उठाते हुए कहा कि वे पूरी तरह आश्वस्त नहीं हैं कि यह गठबंधन अभी भी बरकरार है। उन्होंने यह टिप्पणी दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में एक पुस्तक ‘कांटेस्टिंग डेमोक्रेटिक डेफिसिट’  के विमोचन कार्यक्रम में की। चिदंबरम ने कहा, "इस किताब के लेखर मृत्युंजय सिंह यादव का मानना है कि इंडिया गठबंधन अब भी कायम है। इस बात पर मुझे यकीन नहीं है। शायद सलमान खुर्शीद  इसका जवाब दे सकते हैं, क्योंकि वह इंडिया गठबंधन की बातचीत टीम का हिस्सा थे। अगर गठबंधन पूरी तरह कायम है तो मुझे बहुत खुशी है, लेकिन यह बहुत मजबूत नहीं लगता। हालांकि इसे अभी भी जोड़ा जा सकता है, समय है, घटनाएं अभी और घटेंगी।"

अपने लंबे राजनीतिक अनुभव को साझा करते हुए चिदंबरम ने कहा कि गठबंधन केवल चुनावी वक्त पर नहीं बनाए जा सकते। उन्होंने कहा, "मेरा गठबंधनों को लेकर नजरिया अलग है। तमिलनाडु में लंबे अनुभव से मैंने सीखा है कि गठबंधन चुनाव के समय नहीं बनते, उन्हें पांच साल तक पोषित करना पड़ता है। देश में केवल दो राज्य हैं जहां यह मॉडल सफल रहा है वे हैं केरल और तमिलनाडु। वहां गठबंधन हार और जीत दोनों में एक साथ रहे हैं।"

हालांकि इस दौरान उन्होंने भाजपा पर तीखा हमला करते हुए कहा कि भाजपा जैसा संगठित राजनीतिक दल देश के इतिहास में नहीं रहा। उन्होंने कहा, "यह सिर्फ एक पार्टी नहीं है, यह एक मशीन है। इसके पीछे एक और मशीन है। ये दोनों मिलकर देश की संस्थाओं पर नियंत्रण रखते हैं। चुनाव आयोग से लेकर थाने तक। यह जितना संभव हो, एक लोकतंत्र में उतना ही ताकतवर संगठन है। यह किसी एकदलीय शासन जैसे ढांचे की तरह कार्य करता है, हालांकि मैं यह नहीं कह रहा कि हम एकदलीय शासन में हैं।"

सलमान खुर्शीद ने भी जताई चिंता

पुस्तक के सह-लेखक और पूर्व मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि इंडिया गठबंधन को बरकरार रखना सभी दलों की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा, "अगर आप किसी पार्टी के साथ गठबंधन करना चाहते हैं, तो उसे बार-बार अपमानित या दबाव में नहीं डाल सकते। किताब में कई उदाहरण दिए गए हैं, जहां हमारी संवेदनाओं को नजरअंदाज किया गया।"

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