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ऑपरेशन सिंदूर" से बीकानेर से निकला संदेश—अब भारत की चुप्पी नहीं, प्रतिशोध बोलेगा, मोदी की रगों में लहू नहीं गरम सिंदूर बहता है
By Lokjeewan Daily - 22-05-2025

बीकानेर। बीकानेर की सरज़मीं पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब “ऑपरेशन सिंदूर” का उल्लेख किया, तो वो सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई का संकेत नहीं था, बल्कि भारत की बदलती रणनीति, बदले तेवर और निर्णायक इरादों का ऐलान था। यह भाषण अपने आप में तीन सूत्रीय रणनीति का दस्तावेज बन गया, जिसमें पाकिस्तान के आतंकी खेल, वैश्विक मंच पर उसकी साख, और भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा नीति की नई परिभाषा दर्ज है।


पहला सूत्र : हमले का जवाब—कैसे, कब और कहां—अब भारत तय करेगा

प्रधानमंत्री ने दो टूक कहा कि भारत पर अगर कोई आतंकी हमला हुआ, तो जवाब कब देना है, कैसे देना है और किस शर्त पर देना है, यह भारत की सेनाएं तय करेंगी। यह कथन सैन्य नीति में ‘प्रोएक्टिव डिफेंस’ की स्पष्ट झलक देता है। अब न तो भारत किसी हमले का इंतज़ार करेगा, न कूटनीतिक प्रतिक्रिया तक सीमित रहेगा। यह आत्मरक्षा नहीं, प्रतिकार है—जिसमें पहल भारत के हाथ में है।

दूसरा सूत्र : परमाणु भभकियों से डरने वाला भारत नहीं

पाकिस्तान की पारंपरिक ‘न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग’ को मोदी ने खुली चुनौती दी। उन्होंने साफ किया कि अब भारत को ‘गिदड़ भभकियों’ से डराने की कोशिश बेकार है। भारत उस मुकाम पर है जहां सामरिक संतुलन सिर्फ मिसाइलों और बमों से नहीं, बल्कि राजनीतिक इच्छाशक्ति और वैश्विक समर्थन से तय होता है।

तीसरा सूत्र : आतंक और आतंकी सरकारें—अब दोनों एक जैसे

प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान के उस ‘स्टेट बनाम नॉन-स्टेट एक्टर्स’ के खेल को सिरे से खारिज कर दिया, जिसे वह सालों से अंतरराष्ट्रीय मंचों पर दोहराता आ रहा है। भारत ने अब साफ कर दिया है कि आतंकवाद फैलाने वाले संगठनों और उन्हें शह देने वाली सरकारें एक ही सिक्के के दो पहलू हैं।

मोदी ने कहा कि पाकिस्तान चाहे जितनी भी कूटनीतिक चालें चले, अब उसके झूठ को बेनकाब करने के लिए भारत ने सात प्रतिनिधिमंडल दुनिया भर में भेजे हैं, जिसमें राजनीतिक से लेकर विदेश नीति के जानकार तक शामिल हैं।

“अब लहू नहीं, गरम सिंदूर बह रहा है” – प्रधानमंत्री का भावनात्मक आह्वान

मोदी ने सिर्फ रणनीतिक बातें नहीं कीं, उन्होंने एक भावनात्मक लहर भी छेड़ दी—"अब मोदी की नसों में लहू नहीं, गरम सिंदूर बह रहा है।"
यह पंक्ति एक प्रतीक बनकर उभरती है—जहां राष्ट्र की रक्षा अब सिर्फ कर्तव्य नहीं, बल्कि मां भारती के नाम की सौगंध है। पाकिस्तान को हर आतंकी हमले की "कीमत" चुकानी होगी—ये कीमत उसकी सेना और अर्थव्यवस्था दोनों से वसूली जाएगी।

बीकानेर एयरबेस पर हमला—सीधा संदेश

प्रधानमंत्री ने इस बात को भी रेखांकित किया कि पाकिस्तान ने बीकानेर एयरबेस को निशाना बनाया, लेकिन हमारा एयरबेस का बाल भी बांका नहीं हुआ। यहां से कुछ ही दूरी पर पाकिस्तान के एयरबेस को हमने तबाह कर दिया। कब चालू होगा पता नहीं क्योंकि वो आईसीयू में है। हमारे एयरबेस पर हमला भारत की संप्रभुता, आत्मसम्मान और संकल्प पर हमला था। और अब भारत की नीति स्पष्ट है—"नो ट्रेड, नो टॉक"—जब तक आतंक का निर्यात जारी है, तब तक बातचीत या व्यापार की कोई गुंजाइश नहीं।

पीओके का मुद्दा—भविष्य की रणनीति का संकेत

"बात होगी तो सिर्फ पीओके की होगी"—यह वाक्य भविष्य के भू-राजनीतिक संकेत देता है। प्रधानमंत्री ने पहली बार इतने स्पष्ट रूप से कहा कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर अब भारत की वार्ता सूची में शामिल है—लेकिन इस बार वापस लाने की दिशा में।

राजनीतिक संदेश भी साफ : मोदी शांत हैं, पर निर्णायक हैं

मोदी ने अपने अंदाज में यह भी कहा—"मोदी का दिमाग ठंडा रहता है, पर लहू गरम रहता है। मोदी की रगों में अब खून नहीं गरम सिंदूर बहता है। " इसका सीधा अर्थ है कि देश की नीति अब जल्दबाजी या भावनाओं में नहीं, पर ठोस रणनीति और गरमजोशी से तय होगी। एक ऐसा संयम, जिसमें गुस्सा नहीं पर प्रतिशोध है।

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