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नई दिल्ली । कोलकाता गैंगरेप केस में सुप्रीम कोर्ट के वकील सत्यम सिंह ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखा है। अपने पत्र में उन्होंने इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की है। साथ ही, उन जनप्रतिनिधियों के खिलाफ भी कार्रवाई करने की मांग की गई है, जो इस मामले को लेकर विवादित टिप्पणी कर रहे हैं।
वकील सत्यम सिंह ने अपने पत्र में पीड़िता को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और उसके परिजनों को सुरक्षा देने की मांग की है।
इसके अलावा, शैक्षणिक संस्थानों में व्यापक सुरक्षा उपाय, जिनमें अनिवार्य सीसीटीवी निगरानी, महिला सुरक्षा प्रकोष्ठ और नियमित सुरक्षा ऑडिट शामिल हैं, की मांग की गई है।
वहीं, वकील ने अपने पत्र में पश्चिम बंगाल में यौन अपराधों के खिलाफ कानूनों को मजबूत करने के लिए 'अपराजिता विधेयक' को तुरंत लागू किए जाने की मांग की है।
याचिका में पश्चिम बंगाल में पेशेवरों, खासकर महिला वकीलों के खिलाफ हिंसा रोकने के लिए सीबीआई जांच, सुरक्षा प्रोटोकॉल और संस्थागत सुधारों की मांग की गई है। याचिका में पीड़िता के लिए न्याय के साथ-साथ कानूनी बिरादरी की सुरक्षा और न्यायिक व्यवस्था की अखंडता सुनिश्चित करने की भी मांग की गई है।
25 जून को कोलकाता के लॉ कॉलेज में एक स्टूडेंट के साथ गैंगरेप किया गया था। इसमें तीन आरोपी शामिल थे। तीनों ही छात्र इसी कॉलेज के थे। इनमें इसमें एक आरोपी कॉलेज का पूर्व छात्र है, जो टीएमसी से जुड़ा बताया जा रहा है, जिसे लेकर भाजपा टीएमसी पर हमलावर है। हालांकि, पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इस घटना को लेकर देशभर में आक्रोश है। सभी आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
इस बीच, टीएमसी नेता कल्याण बनर्जी और मदन मित्रा ने इस सामूहिक दुष्कर्म मामले में विवादित टिप्पणी की है।
कल्याण बनर्जी ने कहा था, "अगर दोस्त ही दोस्त का रेप करे, तो क्या किया जा सकता है? क्या स्कूलों और कॉलेजों में हर जगह पुलिस तैनात की जा सकती है?" मदन मित्रा ने भी इस मामले में विवादित टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि अगर पीड़िता किसी को सूचित करती या दोस्तों को साथ ले जाती, तो यह टल सकता था।
वहीं, इस संवेदनशील मामले में विवादित टिप्पणी करके मदन मित्रा मुश्किलों में घिर गए हैं। ममता बनर्जी ने उन्हें इस मामले में कारण बताओ नोटिस जारी करके तीन दिन में जवाब तलब किया है।
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