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नारकोटिक्स के भगोड़े आरोपी की वापसी : कुब्बावाला मुस्तफा को सीबीआई ने यूएई से प्रत्यर्पित करवाया
By Lokjeewan Daily - 11-07-2025

। भारत में मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ जारी अभियान में एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने कुख्यात नारकोटिक्स आरोपी कुब्बावाला मुस्तफा को संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से प्रत्यर्पित करवाया है। आरोपी को इंटरपोल के रेड कॉर्नर नोटिस के तहत अबू धाबी से लाकर मुंबई पुलिस के हवाले किया गया। कुब्बावाला मुस्तफा, मुंबई पुलिस के कुर्ला थाने में दर्ज एक गंभीर नारकोटिक्स मामले में वांछित था। उस पर महाराष्ट्र के सांगली जिले में एक सिंथेटिक ड्रग्स निर्माण इकाई संचालित करने का आरोप है। इस फैक्ट्री से 126.141 किलोग्राम मेफेड्रोन जब्त की गई थी, जिसकी अनुमानित अंतरराष्ट्रीय बाज़ार कीमत 2.522 करोड़ रुपये है।
कैसे हुआ प्रत्यर्पण?
सीबीआई की अंतरराष्ट्रीय पुलिस सहयोग इकाई (IPCU) ने इंटरपोल व अबू धाबी के नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के साथ समन्वय कर इस कार्रवाई को अंजाम दिया।
07 जुलाई 2025 को मुंबई पुलिस की चार सदस्यीय टीम दुबई रवाना हुई।
11 जुलाई 2025 को यह टीम आरोपी को लेकर छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे, मुंबई पहुंची।
प्रत्यर्पण से पहले, सीबीआई ने 25 नवंबर 2024 को इंटरपोल से रेड कॉर्नर नोटिस जारी करवाया था।
इस पूरे ऑपरेशन में अबू धाबी NCB की भूमिका निर्णायक रही। 19 जून 2025 को यूएई अधिकारियों ने प्रत्यर्पण की औपचारिक प्रक्रिया के लिए भारत को सूचना दी, जिसके बाद भारत ने तत्काल प्रत्यर्पण मिशन को सक्रिय किया।
कुब्बावाला मुस्तफा का अपराध और केस विवरण
एफआईआर संख्या 67/2024 के अनुसार, कुब्बावाला मुस्तफा पर संगठित रूप से ड्रग्स निर्माण, आपूर्ति और तस्करी का आरोप है। सांगली स्थित फैक्ट्री में बड़े पैमाने पर मेफेड्रोन (एक सिंथेटिक ड्रग) का उत्पादन किया जा रहा था, जो युवाओं में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है और जिस पर भारत सरकार की कड़ी नजर है।
मामले में पूर्व में ही आरोपपत्र दाखिल किया जा चुका है और अदालत ने आरोपी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी कर रखा था। लंबे समय से फरार चल रहे कुब्बावाला को यूएई में ट्रैक किया गया, जहां वह छद्म नाम से रह रहा था।
इंटरपोल की भूमिका
इंटरपोल के माध्यम से जारी किए गए रेड नोटिस न केवल अपराधियों की पहचान में मदद करते हैं, बल्कि उन्हें वैश्विक स्तर पर कानून प्रवर्तन एजेंसियों की निगरानी में भी ला देते हैं।सीबीआई भारत में राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो (NCB) के रूप में इंटरपोल से समन्वय करती है और पिछले वर्षों में इसी माध्यम से 100 से अधिक वांछित अपराधियों को विदेशों से वापस लाया जा चुका है।
क्या है मेफेड्रोन?
मेफेड्रोन (Mephedrone) एक प्रतिबंधित सिंथेटिक ड्रग है, जिसे आम बोलचाल में "Meow Meow" या "M-Cat" भी कहा जाता है। इसका सेवन मानसिक उत्तेजना के लिए किया जाता है, लेकिन यह अत्यंत हानिकारक और नशे की लत पैदा करने वाला पदार्थ है। भारत में NDPS एक्ट के तहत यह पूरी तरह प्रतिबंधित है।
कुब्बावाला मुस्तफा का प्रत्यर्पण भारतीय एजेंसियों के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ते प्रभाव और समन्वय क्षमताओं का प्रमाण है। यह न केवल मुंबई पुलिस की एक बड़ी जीत है, बल्कि पूरे देश के लिए एक उदाहरण भी है कि कानून से भागना अब आसान नहीं रहा। सीबीआई, इंटरपोल और यूएई अधिकारियों के इस संयुक्त प्रयास ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत अब नारकोटिक्स अपराधियों को दुनिया के किसी कोने में भी बख्शने वाला नहीं है।
यह ऑपरेशन देश में नशे के खिलाफ चल रही लड़ाई को मजबूती प्रदान करता है और आने वाले समय में ऐसे अपराधियों के खिलाफ और भी कड़े कदमों की उम्मीद की जा रही है।

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