It is recommended that you update your browser to the latest browser to view this page.
Please update to continue or install another browser.
Update Google Chromeब्रेकिंग न्यूज़
मप्र विधानसभा में सात राज्यों की समिति की पहली बैठक हुई। इस बैठक में मप्र के विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर, यूपी के स्पीकर सतीश महाना, राजस्थान के स्पीकर वासुदेव देवनानी, हिमाचल प्रदेश के स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया, पश्चिम बंगाल के स्पीकर विमान बनर्जी, उड़ीसा की स्पीकर सुरमा पाढ़ी, सिक्किम विधानसभा के स्पीकर मिंगमा नोरबू शेरपा और इन राज्यों की विधानसभाओं के सचिव मौजूद थे।
बैठक में नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा- हमारे देश की लोकतांत्रिक प्रणाली में संसद और विधानसभाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है। संसद का सत्र हो या विधानसभाओं के सत्र हों उन सत्रों में जितनी सूक्ष्म निगरानी की जरूरत होती है वह करना संभव नहीं होता। इसलिए हमारे पूर्वजों ने समितियों के गठन की प्रणाली को शुरु किया। लोकसभा की समितियों में तो बजट पर भी विचार-विमर्श होता है। जब बजट सत्र होता है तो बीच में छुट्टी करके सारा बजट समितियों के पास जाता है समितियां ही उस पर अध्ययन कर सुझाव देती हैं। उसके बाद वह बजट परिमार्जित होकर लोकसभा में आता है और फिर पारित किया जाता है। ठीक इसी प्रकार से विधानसभाओं में भी समितियों की प्रणाली है
विधानसभा अध्यक्ष तोमर ने कहा-एक बात चलती है समितियों को और काम करने की स्वायत्तता मिलनी चाहिए। कामकाज सबके सामने आना चाहिए। समितियों की अनुशंसाओं का समय सीमा में पालन होना चाहिए। ऐसे कई प्रकार के विषय आते हैं तो समिति काम करती है तो अनुशंसा का पालन भी उतनी गंभीरता से होना चाहिए। इसमें कहीं न कोई कमी होती है तो हमारी कोशिश होनी चाहिए कि इन बैठकों के माध्यम से हम राज्य और केन्द्र सरकार के ध्यान में ये बातें लाएं। आज की प्रारंभिक बैठक के बाद ये बैठकें निरंतर होती रहेंगी।
मप्र विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह ने बैठक के बारे में जानकारी देते हुए बताया- जब विधानसभा की बैठकें नहीं हो रही होती हैं तब विधानसभा की समितियां विधायिका का काम करती हैं। ये समितियां विधायी, वित्तीय और प्रशासनिक क्षेत्र में विधायिका के कार्यपालिका पर नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
पीएस एपी सिंह ने कहा- समिति प्रणाली को और प्रभावी बनाने के लिए हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में हुए अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के शताब्दी वर्ष सम्मेलन में एक संकल्प पारित कर विधायी एवं वित्तीय नियंत्रण की जिम्मेवारी में समितियों के महत्वपूर्ण योगदान को देखते हुए समिति प्रणाली तंत्र पर पुर्नविचार के लिए पीठीसीन अधिकारियों की समिति का गठन की अपेक्षा की गई थी। लोकसभा अध्यक्ष और हमारे प्रदेश के स्पीकर की अध्यक्षता में यह समिति बनाई गई है। इसकी पहली बैठक आज बुलाई गई है।
श्रावण मास का प्रथम सोमवार - मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने किया सहस . . .
2025-07-14 13:24:15
दौसा-गंगापुर रेलमार्ग पर मालगाड़ी का डिब्बा पटरी से उतरा . . .
2025-07-12 13:05:15
मंत्री राज्यवर्धन राठौड़ ने जोधपुर में खिलाड़ियों से की सीधी बात . . .
2025-07-11 13:22:08
ट्विंकल पुरोहित बनीं मिस राजस्थान 2025 . . .
2025-07-14 13:16:06
अमित शाह का OSD बताकर ज्वेलर युवती से गहने लिए . . .
2025-07-14 13:14:21
जयपुर में रविवार को रियासतकालीन परंपरा को जीवंत करते हुए ‘जयपुर . . .
2025-07-14 13:10:09