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ज़ी सिनेमा पर होने जा रहा है 'चंदू चैंपियन' का वर्ल्ड टेलीविज़न प्रीमियर
By Lokjeewan Daily - 24-10-2024

मुंबई। कई बार ज़िंदगी ऐसी मुश्किलें लेकर आती हैं जो इंसान को सिर्फ जीने के लिए ही नहीं, बल्कि दुनिया को प्रेरित करने के लिए मजबूर कर देती हैं। ज़ी सिनेमा पेश कर रहा है ऐसी ही एक कहानी, चंदू चैंपियन, जिसका वर्ल्ड टेलीविजन प्रीमियर 20 अक्टूबर को होने जा रहा है। ये फिल्म एक असाधारण इंसान मुरलीकांत पेटकर की ज़िंदगी पर आधारित है, जो युद्ध के नायक से पैरालम्पिक चैंपियन बने और 1972 में भारत के लिए पहला पैरालम्पिक गोल्ड मेडल जीता। इस सफर में उन्होंने ज़िंदगी की तमाम मुश्किलों का सामना करते हुए हिम्मत नहीं हारी। कबीर खान द्वारा निर्देशित इस फिल्म में कार्तिक आर्यन ने मुख्य भूमिका निभाई है। यह फिल्म 20 अक्टूबर, रविवार को रात 8 बजे सिर्फ ज़ी सिनेमा पर देखी जा सकती है।
इस फिल्म में कार्तिक आर्यन की एक्टिंग और उनके किरदार का रूपांतरण बेहद सराहनीय है। उन्होंने मुरलीकांत पेटकर के जज़्बे को पर्दे पर उतारने के लिए कड़ी मेहनत की, चाहे वो कड़ा प्रशिक्षण लेना हो या उनके किरदार की गहराई को समझना। इस फिल्म के लिए कार्तिक ने बॉक्सिंग और गहरे पानी में तैराकी जैसे मुश्किल स्किल्स सीखे। उन्होंने पेटकर के संघर्ष, जीत, कमजोरियों और ताकत को बखूबी दिखाया है।
निर्देशक कबीर खान, को 'बजरंगी भाईजान', 'एक था टाइगर' और '83' जैसी भावनात्मक और ज़बर्दस्त कहानियों के लिए जाना जाता है, और उन्होंने इस फिल्म में भी दिल छू लेने वाली कहानी को बड़े ही शानदार तरीके से पेश किया है। फिल्म के बाकी कलाकारों में विजय राज, बृजेन्द्र काला, श्रेयस तलपड़े और राजपाल यादव जैसे कलाकार शामिल हैं, जो इस कहानी में और भी गहराई और इमोशंस लाते हैं।
चंदू चैंपियन के वर्ल्ड टेलीविजन प्रीमियर के मौके पर कबीर खान ने कहा, “मुरलीकांत पेटकर की कहानी वाकई बेहद ख़ास है, जो इंसानी जज़्बे की जीत पर रोशनी डालती है। मैं एक ऐसी कहानी दिखाना चाहता था जो दर्शकों के साथ गहराई से जुड़ सके, और दिली ख्वाहिश और उम्मीदों को इस तरह से जोड़े, जो सिर्फ सिनेमा ही कर सकता है।
चंदू की पटकथा लिखते समय, मैंने स्वाभाविक रूप से अपने दिमाग में किरदार की कल्पना की। इस कल्पना में एक ख़ास उम्र, कुछ अलग तेवर और नजरिया था। कार्तिक आर्यन ने उन सभी खूबियों को शिद्दत से अपनाया। फिल्म में अपने रोल की तैयारी के लिए, उन्होंने डेढ़ साल के दौरान अपने शरीर का फैट 39% से घटाकर 7% कर लिया। मेरा मतलब है कि सिर्फ वो लोग जो अपने काम से प्यार करते हैं, वे ऐसा कुछ करने के बारे में सोच सकते हैं।
पूरे कलाकारों और क्रू की लगन के चलते, मुझे विश्वास है कि हमने कुछ ऐसा खास बनाया है जो हम सभी के संघर्षों और जीत को बयां करता है।” कार्तिक आर्यन ने कहा, “इस रोल ने मुझे असली सहनशीलता का मतलब सिखाया। मैं मानता हूं कि हर चुनौती हमें एक नया इंसान बनाती है। मुझे उम्मीद है कि यह फिल्म दर्शकों को अपने सपनों का पीछा करने और कभी हार ना मानने के लिए प्रेरित करेगी। व्यक्तिगत रूप से यह मेरे करियर की सबसे मुश्किल फिल्म रही है।
मुझे शुरू से ही सबकुछ सीखना पड़ा, जैसे बॉक्सिंग और गहरे पानी में तैराकी, जिससे मुझे डर लगता था। यह डर पर जीत हासिल करने और यह जानने का सफर था कि असली ताकत हमारे अंदर ही होती है। मुझे उस पल का बेसब्री से इंतज़ार है जब दर्शक इस प्रेरणादायक कहानी को देखेंगे।"
यह फिल्म मुरलीकांत पेटकर की असली कहानी पर आधारित है, जो भारतीय सेना के सिपाही और खिलाड़ी थे। उन्होंने 1972 में भारत को पैरालिंपिक का पहला गोल्ड मेडल दिलाया था। युद्ध के मैदान से लेकर खेल के मैदान तक, उनकी ज़िंदगी का सफर, धैर्य, साहस और अटूट इंसानी हौसले की एक शानदार मिसाल है।

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