It is recommended that you update your browser to the latest browser to view this page.

Please update to continue or install another browser.

Update Google Chrome

तुमको मेरी कसम – सिनेमा के ज़रिए सामाजिक और आर्थिक बदलाव की नई इबारत
By Lokjeewan Daily - 13-03-2025

उदयपुर | सिनेमा सिर्फ मनोरंजन का ज़रिया नहीं, बल्कि समाज में बदलाव लाने का सशक्त माध्यम भी है। फिल्में हमारी सोच, संवेदनाओं और जीवनशैली को प्रभावित करती हैं। इसी सोच के साथ इंदिरा इंटरप्राइजेज ने एक ऐसी प्रेरणादायक कहानी को बड़े पर्दे पर उतारने का बीड़ा उठाया है, जो न सिर्फ एक व्यक्ति की संघर्ष गाथा है, बल्कि सामाजिक और आर्थिक बदलाव की एक मिसाल भी पेश करेगी। हम बात कर रहे हैं "तुमको मेरी कसम" की, जो 21 मार्च को वर्ल्डवाइड रिलीज़ होने जा रही है।


आईवीएफ से सामाजिक क्रांति तक

यह फिल्म सिर्फ एक शख्स की कहानी नहीं, बल्कि एक क्रांति की शुरुआत है। "तुमको मेरी कसम" आईवीएफ मैन के नाम से मशहूर डॉ. अजय मुरडिया की उस संघर्ष यात्रा को दर्शाती है, जिसने लाखों परिवारों की तकदीर बदल दी। उन्होंने चिकित्सा जगत में इनफर्टिलिटी को एक सामाजिक कलंक से निकालकर उसे एक वैज्ञानिक समाधान के रूप में स्थापित किया। उनके प्रयासों ने न केवल बांझपन से जूझ रहे परिवारों को नई उम्मीद दी, बल्कि पूरे हेल्थकेयर सिस्टम को आर्थिक रूप से सशक्त भी किया।

स्वास्थ्य सेवाओं में नया बाज़ार, रोज़गार के नए अवसर

डॉ. मुरडिया का सफर सिर्फ एक डॉक्टर की सफलता की कहानी नहीं है, बल्कि यह हेल्थकेयर सेक्टर में इनोवेशन, इन्वेस्टमेंट और रोजगार के नए अवसरों की कहानी भी है। उनका आईवीएफ सेंटर केवल एक चिकित्सा संस्थान नहीं, बल्कि हजारों नौजवानों के लिए रोजगार का नया हब बना। नर्सिंग स्टाफ, लैब टेक्नीशियन, रिसर्च स्कॉलर्स और मेडिकल प्रोफेशनल्स को रोजगार मिला, जिससे हेल्थ सेक्टर को एक नई दिशा मिली।

बॉलीवुड के ज़रिए राजस्थान का नया आर्थिक और फिल्मी पुनर्जागरण

इस फिल्म की खास बात यह भी है कि यह राजस्थान को सिनेमा के नए गढ़ के रूप में स्थापित करने का माध्यम बन रही है। उदयपुर, जो अपनी ऐतिहासिक धरोहर और पर्यटन के लिए जाना जाता था, अब फिल्म इंडस्ट्री के निवेश का नया केंद्र बनने जा रहा है।

इंदिरा इंटरप्राइजेज इस फिल्म के ज़रिए न सिर्फ एक प्रेरणादायक कहानी पेश कर रही है, बल्कि राजस्थान को बॉलीवुड के अगले बड़े शूटिंग डेस्टिनेशन के रूप में प्रमोट भी कर रही है। इस फिल्म से जुड़े भविष्य के प्रोजेक्ट्स में विक्रम भट्ट, महेश भट्ट और इंदर कुमार जैसे नाम जुड़े हैं, जो राजस्थान को नए फिल्मी हब के रूप में उभरने का मौका देंगे। इससे स्थानीय टैलेंट को नई पहचान मिलेगी, और पर्यटन से जुड़े सेक्टर में भी आर्थिक उछाल आएगा।

"तुमको मेरी कसम" – सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि बदलाव की लहर

यह फिल्म न केवल एक प्रेरणादायक संघर्ष की दास्तान है, बल्कि सामाजिक और आर्थिक बदलाव की एक लहर भी है। हेल्थ सेक्टर में नई संभावनाएं, रोजगार के अवसर, और राजस्थान में फिल्म इंडस्ट्री का विस्तार—"तुमको मेरी कसम" इन सभी बदलावों को रेखांकित करती है।

21 मार्च को जब यह फिल्म सिनेमाघरों में दस्तक देगी, तो यह सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक बदलाव की नई स्क्रिप्ट होगी, जो भारत के हेल्थकेयर और फिल्म इंडस्ट्री में एक नया अध्याय जोड़ेगी।

अन्य सम्बंधित खबरे