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तत्काल इलाज देने में फूल रहे प्रशासन के हाथ-पांव
- वार्डों में भर्ती करने के लिए लिया जा रहा बैंचों का सहारा
भीलवाड़ा। बदलते मौसम हर बाहरी व खूली चीज आमजन को बीमार कर रही है। दूषित पानी हो चाहे ठंडा पानी, या फिर मच्छर काट ले बीमार होना तय है। एसी का लगातार प्रयोग भी नुकसानदेह साबित हो रहा है। अस्पतालों में इन दिनों ऐसे मरीजों की भरमार है। महात्मा गांधी जिला अस्पताल में हाल यह हो गए है की मेडिकल ओपीडी में मरीज दोगूने हो गए है। इन मरीजों को समय पर इलाज देने व गंभीर को भर्ती करने की व्यवस्था करने में अस्पताल प्रशासन के हाथ-पांव फूले हुए है। सीमित जगह, सीमित संसाधन और लगातारघट रहे मेनपावर के बावजूद अस्पताल प्रशासन मरीजों को इलाज देने के पूरे प्रयास कर रहा है। दवाओं की उपलब्धता व रक्त जांच सुविधा पर भी विशेष फोकस है। दरअसल, कभी तेज धूप तो कभी बारिश और बारिश के पानी व सडक़ों पर फैले कीचड़ से इन दिनों मौसमी बीमारियों का असर बढने लगा है। खासकर वायरल बुखार एवं खांसी के रोगी ओपीडी में अधिक आ रहे हैं। वायरल बुखार का असर करीब पांच दिन तक बना हुआ है। यही नहीं लोग दूषित पानी पीने, मच्छर के प्रकोप की भी चपेट में आ रहे हैं। अस्पताल की ओपीडी में पिछले कई दिनों से लम्बी कतारें लग रही है। अस्पताल में करीब ढाई हजार से अधिक की ओपीडी चल रही है। चिकित्सकों के अनुसार मौसमी बीमारियों के मरीज अधिक हैं।
फिजिशियन की सलाह मानें, रोग से बचें
चिकित्सकों ने प्रतिकूल मौसम में सावधानी बरतने की सलाह दी है। फ्रिज का ठंडा पानी नहीं पीएं, पूरे समय एसी चलाकर नहीं सोएं, जलाशयों में बारिश के पानी के चलते दूषित पानी से बचें, पानी को गर्म करने के बाद ठंडे करके पीएं। हाथ ठेले में खुले में बिकने वाले पानी पताशे आदि से बचें। मच्छर-मक्खी आदि से भी बीमार होने का डर रहता है। खांसी-जुकाम होने पर मास्क लगाकर रखें, दूरी बनाकर रहें। बुखार के लक्षण नजर आने पर चिकित्सक की सलाह पर तत्काल दवा लें। दूषित पानी व बाहर का खाने से आंत्रशोध, टाइफाइड भी हो सकता है।
नमी के चलते स्किन रोग भी अधिक
चर्म एवं रति रोग विभाग की ओपीडी में भी इन दिनों कतारें लम्बी हैं। इसमें फंगल इंफेक्शन, एलर्जी के मरीज थे। चिकित्सकों ने नमी वाले क्षेत्र में साफ-सफाई रखने, ढीले कपड़े पहनने को कहा है। चिकित्सकों के अनुसार बिना चिकित्सकीय सलाह के कोई भी दवा का उपयोग नहीं करें।
बरसात में इन कारणों से लोग पड़ते हैं बीमार
चिकित्सकों का कहना है कि मौसम में बदलाव होने से शरीर का इयून सिस्टम सबसे ज्यादा प्रभावित होता है। जब मौसम में बदलाव होता है तो अलग-अलग तरह के बैक्टीरिया वायरस तापमान के अनुसार सक्रिय हो जाते हैं। ऐसे में यदि शरीर का इयून सिस्टम कमजोर होता है तो बैक्टीरिया आसानी से शरीर को कमजोर करना शुरू कर देता है। बारिश में आसपास कीचड़ और पानी जमा होने से मलेरिया और डेंगू के मच्छर अधिक पैदा होते हैं, इस कारण लोग अधिक बीमार पड़ते हैं।
भोजन में करे यह शामिल
प्रोटीन व फाइबर से भरपूर डायट लें, ज्यादा तेल या वसायुक्त भोजन के सेवन से बचें, इम्यून सिस्टम मजबूत करने के लिए विटामिन सी, विटामिन बी व विटामिन डी को शामिल करें, बारिश के दौरान ठंडी चीज खाने से बचें, ठंडे एसी के कमरे से निकलकर अचानक धूप में न जाएं, कमरे से बाहर खड़े होकर शरीर का तापमान सामान्य करें।
इनका कहना है।
बारिश के मौसमी बीमारियों के साथ ही डेंगू के मरीज भी आ रहे हैं। वार्डों में अभी कई मरीज भर्ती है। इस मौसम में पानी भर जाने से मच्छर पनपते हैं, जिससे बीमारियां फैलती है। लोग अपने घरों और आसपास साफ सफाई रखें। गड्ढे, खाली पड़े बर्तन या दूसरी चीजों में पानी नहीं भरने दें, टंकियों को खाली कर सुखाएं। बासी खाना नहीं खाएं। फुल कपड़े पहनें। बीमार होते ही तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
डॉ. अरुण गौड़, अधीक्षक
महात्मा गांधी अस्पताल, भीलवाड़ा
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