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- शिक्षा, चिकित्सा समेत कई क्षेत्रों में बढ़ा प्रयोग
- एआई की मदद से इन क्षेत्रों में हो रहा है बदलाव
भीलवाड़ा लोकजीवन । एआई अब इंसानियत के भविष्य को नया आकार दे रहा है। इससे हर क्षेत्र में लोगों का काम आयान हुआ है। शिक्षा, चिकित्सा और ज्योतिष समेत मीडिया में भी एआई का उपयोग लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में इन क्षेत्रों में कार्यरत लोगों का कार्य काफी आसान हो रहा है। एआई का उपयोग कर लोगों ने कई क्षेत्रों में बड़े बदलाव शुरू कर दिए।
दरअसल, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वह है जिससे एक मशीन में सोचने-समझने और निर्णय लेने की क्षमता का विकास होता है। एआई को कंप्यूटर साइंस का सबसे उत्कृष्ट रूप है। इसमें ऐसा दिमाग बनाया है जो सोच सके या फिर कहे कि कंप्यूटर का ऐसा दिमाग, जो इंसानों की तरह सोच सके। लोगों को उनके सवालों के तुरंत और कई प्रकार के हल मिल सके। एआई टूल्स अलग-अलग एल्गोरिदम पर काम करते हैं। सामान्य भाषा में कहें तो कई मॉडल पर काम करते हैं। इनमें विशेष रूप से पहला ट्रेंड व दूसरा टेस्टिंग होता है। हर विषय पर पहले डेटा को ट्रेंड कराया जाता है। उन्हीं डेटा के आधार पर टेस्टिंग की जाती है। इससे रिजल्ट में एक्यूरेसी आती है। इसी मॉड्यूल पर एआई काम करता है।
ज्योतिषीय सिद्धांतों का विश्लेषण
ज्योतिषियों का कहना है कि वैदिक एस्ट्रोजीपीटी, कुंडली जीपीटी, एस्ट्रोनी, ओरेकल, टेरोमास्ट जैसे टूल ज्योतिष रीडिंग में उन्नत कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग कर रहे हैं। इससे भविष्यवाणी करने में सटीकता आ रही है। आपके जन्म विवरण दर्ज करने के बाद एआई सटीक और अनुकूलित ज्योतिषीय अंतर्दृष्टि उत्पन्न करने के लिए ग्रहों की स्थिति और वैदिक ज्योतिष सिद्धांतों का विश्लेषण करता है। एआई ज्योतिषी बिना प्रतीक्षा के उत्तर देता है। गणित और फलित ज्योतिष में ये टूल्स काफी उपयोगी हैं।
मेडिकल डेटा का तेजी से विश्लेषण
उधर आरवीआरएस मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों की माने तो चिकित्सा क्षेत्र में एआई का बड़ा स्कोप है। नए ड्रग्स, वैक्सीन और मेडिसिन की खोज में एआई का इस्तेमाल हो रहा है। डायग्नोस्टिक में सुधार हुआ है। एआई एल्गोरिदम बड़े मेडिकल डेटा को तेजी से और सटीकता से विश्लेषित कर रहा है। इससे बीमारियों का पता लगा इलाज में सक्षम हो रहा है। आपके लक्षणों के जैसे विश्व भर के हजारों औरमरीजों के डेटा का अध्ययन कर दवा सजेस्ट कर रहा है। डेटा के आधार पर उपचार की प्रभावता बढ़ जाती है। टेलीमेडिसिन और दूरसंचार, संचालन दक्षता, नैतिक विचार, एकीकरण नैतिक मानकों को बढ़ावा देंगे। आर्टरीज कार्डियो, गूगल डीप माइंट, आईडीएक्स डीआर जैसे कई टूल्स हैं जो काम में लिए जा रहे हैं।
समय की बचत के साथ क्वालिटी एजुकेशन
उधर शिक्षाविदों ने बताया कि एआईटूल्स विद्यार्थियों और शिक्षकों दोनों के लिए उपयोगी है। इससे शिक्षा में क्रांंति आ गई है।।ये व्यक्तिगत शिक्षण का अनुभव दे रहे हैं तो प्रशासनिक कार्यों को भी स्वचालित कर रहे हैं। कुछ क्षण में बच्चों को प्रश्नों के सटीक उत्तर मिल रहे हैं। समय की बचत के साथ क्वालिटी एजुकेशन मिल रही है। उसके सामने कई विकल्प है। उसके लिहाज नए वीडियो सजेस्ट कर रहा है। बच्चे और आगे क्या सोच रहे हैं। बच्चे चैट जीपीटी के साथ, ग्रामरली, गूगल बोर्ड, ट्यूटर एआई, कॉपी बोर्ड, ग्रेड स्कॉप, क्विल बॉट जैसे टूल्स काम ले रहे हैं। आने वाले समय में ये और ज्यादा फ्रेंडली होंगे।
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