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सफाईकर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल, नगर निगम में डाला कचरा
By Lokjeewan Daily - 03-12-2024


- स्टाफ को बाहर निकाला
भीलवाड़ा। अखिल भारतीय सफाई मजदूर कांग्रेस के बैनर तले नगर निगम के सफाई कर्मचारियों ने आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी। वे सफाईभर्ती में अनुभव प्रमाण पत्र में अलग-अलग नियमों को लेकर विरोध में हैं। आक्रोशित कर्मचारियों ने नगर निगम में शहर का कचरा खाली कर प्रदर्शन किया। सरकार के खिलाफ नारे लगाए। ऑफिस में काम कर रहे मंत्रालयिक कर्मचारियों को बाहर निकाल काम बंद करवा दिया। अखिल भारतीय सफाई मजदूर कांग्रेस के जिलाध्यक्ष रामदेव चन्नाल के नेतृत्व में वाल्मीकि समाज ने कचरा खाली कर दिया। इससे निगम परिसर अघोषित ट्रेंचिंग ग्राउंड बन गया। कचरे में पशु मुंह मारते देखे गए। सफाईभर्ती प्रक्रिया कर रहे कर्मचारियों को बाहर निकाल कमरा व चैनल गेट बंद कर दिया। चन्नाल ने राज्य सरकार पर कुठाराघात करने का आरोप लगाया। चन्नाल ने बताया कि आज से ही हमारा आंदोलन उग्र हो गया है। नगर निगम को जाम कर रहे हैं। कोई काम नहीं होने देंगे। आज तो निगम दफ्तर में कचरा फेंका है, कल सभी प्रमुख  चौराहों पर भी कचरा फेंकेंगे। चन्नाल ने बताया कि हमें अनुभव प्रमाण पत्र तो दे दिए, लेकिन वे पोर्टल पर अपलोड नहीं हो पा रहे, जिससे हम असहाय हैं। राज्य सरकार ने हमारे साथ कुठाराघात किया है। सरकार  चाहती है कि सफाई कर्मचारियों की भर्ती से पूरी तरह वाल्मीकि समाज को बाहर निकाल दें। हम चेतावनी देते हैं कि वाल्मीकि समाज हाथ पर हाथ धरे बैठा नहीं रहेगा। आंदोलन को और उग्र किया जाएगा। प्रदर्शन की सूचना मिलने पर नगर निगम महापौर राकेश पाठक पहुंचे। उन्होंने वाल्मीकि समाज को अपना समर्थन दिया। सरकार से भर्ती स्थगित करने की मांग कर डाली।हड़ताल की भेंट चढ़ा शिविर
घुमंतू एवं अर्ध घुमंतू जाति के लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ देने के लिए आज नगर निगम परिसर में शिविर लगा था। यह भी हड़ताल की भेंट चढ़ गया।  अपने काम को लेकर आए लोगों को निराश लौटना पड़ा।
नियमों में कमियां, भर्ती स्थगित करे सरकार: महापौर
महापौर राकेश पाठक ने बताया कि सीएम भजनलाल शर्मा ने प्रथम वर्ष में एक लाख लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य रखा था। इसमें नगर निकायों में 30 हजार सफाईकर्मियों की भर्ती को प्राथमिकता दी थी, लेकिन कुछ नौकरशाहों द्वारा गलत तरीके से इंटरप्रिटेशन करना और मुख्यमंत्री को सारी बातों से अवगत नहीं कराने की वजह से नियमों में कुछ प्रकार की कमियां रह गई है। एक तरफ तो लिखा गया है कि पीएफ, ईएसआई व बैंक स्टेटमेंट जरूरी होना चाहिए। वहीं दूसरी तरफ लिखा स्वविवेक अनुसार। किसी भी भर्ती में स्वविवेक पार्शलिटी को जन्म देता है। अब उदयपुर में तो स्वविवेक से ठेकेदार के शपथ पत्र के आधार पर अनुभव प्रमाण पत्र जारी कर दिए। हमारे यहां स्वविवेक के आधार पर जिसकी ईएसआई, पीएफ जमा है, उन्हीं को अनुभव प्रमाण पत्र जारी किया गया है। यहां के लोगों के साथ अन्याय हुआ है। ये दोहरा बर्ताव किसी भी कीमत पर सही नहीं है। इस संबंध में मेरी सरकार से बात हुई है। मैं मुख्यमंत्री से बात करने का भी प्रयास कर रहा हूं। सांसद दामोदर अग्रवाल ने भी सीएम से बात की है। मेरी उनसे बात हुई है। जयपुर में जैसे भर्ती स्थगित हुई, वैसे ही यहां भी भर्ती स्थगित करें। संविदा पर लें या अन्य तरीके से, वाल्मीकि समाज को प्राथमिकता दें। शहर को सुंदर बनाने में वाल्मीकि समाज का बड़ा योगदान है। सफाईकर्मियों की भर्ती में वाल्मीकि समाज को ही लिया जाए।

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