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सनातन शाश्वत है और राष्ट्रीयता का पर्याय है, समाज में सकारात्मक परिवर्तन की आवश्यकता है - श्याम मनोहर
By Lokjeewan Daily - 31-01-2025


भीलवाड़ा लोकजीवन । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राजस्थान क्षेत्र के संपर्क प्रमुख श्याम मनोहर जी ने कहा कि सनातन शाश्वत है और सनातन का अर्थ हिंदुत्व व राष्ट्रीयता है। सभ्यताएं बदलती रहती है पर सनातन संस्कृति नहीं बदली । वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भीलवाड़ा महानगर द्वारा आदर्श विद्या मंदिर विद्यालय शास्त्री नगर में आयोजित प्रबुद्ध जन विचार गोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में बोल रहे थे । उन्होंने बताया कि भारत हमेशा श्रेष्ठ राष्ट्र रहा है इस कारण निरंतर आक्रमणों का सामना करता रहा है। परंतु पूर्व में हूण कुषाण एवं शकों के आक्रमण को ध्वस्त ही नहीं किया अपितु उन्हें अपने में समाहित कर लिया । परंतु इस्लामी आक्रमण और अंग्रेजों के शासन के कारण हमारे समाज में कई कुरीतियों का आगमन हुआ इन्हीं आक्रमणों के कारण सनातन व राष्ट्र की अवनति हुई । जातिवाद ने हमारे समाज की बहुत हानि की तथा अंग्रेजी शिक्षा ने हमारी पीढ़ी की मानसिकता ही बदल दी। आज के समय में जातिवाद को पूर्णतया समाप्त करने की आवश्यकता है। हमारे सनातन समाज में महिलाओं को भी हमेशा से बराबर का स्थान दिया गया है इस समाज में महिलाओं को हमेशा से पूजनीय माना गया है। पुरातन समय में 29 राज्यों में महिलाओं द्वारा शासन किया जाता था। मैकाले ने हमारे समाज को विघटित करने के लिए इसके मुख्य अंग संस्कार संस्कृति एवं शास्त्र पर चोट की एवं भारत में चलने वाले 6 लाख गुरुकुलों को समाप्त करवाया।  सनातन के लिए एवं राष्ट्र के उत्थान के लिए समाज को संघ द्वारा प्रस्तावित पंच परिवर्तन को आत्मसात करना होगा जिसमें कुटुंब प्रबोधन, नागरिक कर्तव्य, सामाजिक समरसता, स्व की अवधारणा एवं पर्यावरण प्रमुख है। विचार गोष्ठी में पधारे हुए गणमान्य नागरिकों एवं मातृशक्ति ने भी अपने-अपने विचार रखें । कार्यक्रम की शुरुआत में भारत माता के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित किया गया। भीलवाड़ा विभाग के संघ चालक चांदमल जी सोमानी भी उपस्थित रहे एवं महानगर संघचालक कैलाश जी खोईवाल ने सभी का आभार व्यक्त किया।

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