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- शव को रखकर परिजन कर रहे है मुआवजे की मांग
- चारों थानों के अधिकारी कर रहे है समझाइश
भीलवाड़ा लोकजीवन। शहर के नेहरू रोड़ स्थित एक निजी चिकित्सालय में नर्सिंगकर्मी की मौत के बाद गुस्साए परिजनों ने गुरुवार सुबह अस्पताल में हंगामा खड़ा कर दिया। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन ने बुधवार शाम को हुई मौत की बात को छुपाए रखा और गुरुवार सुबह शव को सीधे महात्मा गांधी हॉस्पिटल की मोर्चरी में ले जाने लगे। उन्होंने अस्पताल प्रबंधन पर गौर लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल के बाहर ही शव का दाह संस्कार करने की बात कहते हुए वहां लकडिय़ा डलवा दी। फिलहाल पुलिस मौके पर परिजनों से समझाइश कर अस्पताल प्रबंधन एवं परिजनों के बीच वार्ता करवाकर मामले को शांत करने में जुटी है। जानकारी के अनुसार शहर के भीमगंज थाना क्षेत्र में नेहरू रोड पर स्थित रामस्नेही चिकित्सालय में मुलत: बबराना एवं हाल रूकमणी कॉलोनी निवासी भारती पुत्री रघुवीर सिंह चौहान 28 नर्सिंगकर्मी के रूप में कार्यरत थी। अस्पताल में तबीयत बिगडऩे के बाद उसकी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। मौत की जानकारी परिजनों को सुबह 5 बजे दी गई। परिजन अस्पताल पहुंचे और मौत बुधवार शाम को होना बताते हुए शव को सीधे महात्मा गांधी हॉस्पिटल की मोर्चरी में ले जाने का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन शुरू कर दिया। मृतक के परिजनों का आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से उनके परिजन की जान गई है। सूचना मिलने के बाद भीमगंज, सुभाष नगर, कोतवाली व प्रतापनगर थाना पुलिस भी मौके पर पहुंची है। चारों थानों के प्रभारियों ने लोगों से समझाइश के प्रयास किए लेकिन वह नहीं माने। गुस्साए लोगों ने प्राइवेट एम्बुलेंस को अस्पताल के गेट पर लगाकर जमकर नारेबाजी व विरोध प्रदर्शन किया। अस्पताल के बाहर ही शव का दाह संस्कार करने की बात कहते हुए वहां लकडिय़ा डलवा दी।
कमाने वाली अकेली
परिजनों ने बताया की भारती ही पिछले पांच सालों से अस्पताल में काम कर परिवार को पाल रही थी। उसकी अचानक मौत से परिवार पर दु:खों का पहाड़ टूट पड़ा। उसके एक छोटा भाई व बड़ा भाई है लेकिन परिवार का गुजारा वहीं चला रही थी।
सभी आरोप निराधार..
भारती रात को 1.38 बजे तक आईसीयू में राउंड पर थी। फिर यह सोने चली गई। रात 3 बजे करीब मेडिकल आईसीयू में एक सीरियस पेंशेंट आया तो साथी कर्मचारी इसे जगाने गए तो यह नहीं उठी। इसके बाद इसे वेंटीलेटर पर लेकर इलाज शुरू किया गया लेकिन जान जा चुकी थी। मौत के बाद परिजनों व पुलिस को सूचना दे दी। पुलिस के आने के बाद परिजनों की सहमति के बाद पोस्टमार्टम के लिए बॉडी पुलिस के सुपुर्द कर दी। परिजन लापरवाही के जो आरोप लगा रहे है वह निराधार है।
अशोक अजमेरा, प्रबंधक, रामस्नेही चिकित्सालय
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