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गाय बचाते युवक की करंट से मौत, 50 लाख मुआवजे और नौकरी की मांग, मोर्चरी पर प्रदर्शन
By Lokjeewan Daily - 04-07-2025

- सदर थाना क्षेत्र के तेली खेड़ा ग्राम की घटना
- डीएसपी व निगम अधिकारी कर रहे समझाइश
भीलवाड़ा लोकजीवन। जिले के तेली खेड़ा ग्राम में गुरुवार  रात एक युवक ने गाय को बचाने के प्रयास में अपनी जान गंवा दी। विद्युत विभाग की घोर लापरवाही के कारण हुई इस मौत ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है। घटना से आक्रोशित माली समाज ने मृतक के परिजनों के लिए 50 लाख रुपये के मुआवजे, एक सरकारी नौकरी और दोषी विद्युत कर्मियों को बर्खास्त करने की मांग को लेकर महात्मा गांधी अस्पताल की मोर्चरी के बाहर जमकर प्रदर्शन किया। समाजजनों ने चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी, तब तक शव का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा। उधर घटना को गंभीरता से लेते हुए चार थानों व अतिरिक्त पुलिस जाब्ता लगाया गया है। अधिकारियों की समाजजनों से वार्ता चल रही है। जानकारी के अनुसार, सदर थाना क्षेत्र के तेली खेड़ा व हाल संजय कॉलोनी निवासी बाबूलाल पुत्र देबीलाल माली 35 रात को शहर से अपना काम खत्म कर घर लौटे थे। घर के पास उन्होंने एक गाय को असहज अवस्था में तड़पते हुए देखा। बाबूलाल को इस बात का जरा भी अंदाजा नहीं था कि गाय बिजली के करंट की चपेट में आने से तड़प रही है। इंसानियत और दया भाव से ओत-प्रोत बाबूलाल ने बिना कुछ सोचे-समझे गाय को बचाने का प्रयास किया, लेकिन दुर्भाग्यवश वह स्वयं भी करंट की चपेट में आ गए। बिजली का तेज झटका लगने से बाबूलाल वहीं गिर पड़े । इस घटना से पहले ही डीपी में करंट आने की शिकायत बाबूलाल के भाई ने  सरपंच गोपाल जाट को दी गई। वीडियों बनाकर विद्युत विभाग को भेजा गया। लेकिन कोई नहीं आया। उधर बाबूलाल के साथ हादसा होने की  जानकारी मिलते ही परिजन और आसपास के लोग तुरंत मौके पर पहुंचे। आनन-फानन में बाबूलाल को महात्मा गांधी अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया। 
मोर्चरी के बाहर उमड़े सैकड़ों ग्रामीण

घटना के बाद सुबह से ही महात्मा गांधी अस्पताल की मोर्चरी के बाहर मृतक बाबूलाल माली के परिजन और माली समाज के सैकड़ों लोग जमा हो गए। सभी की आंखों में गुस्सा
और दुख साफ झलक रहा था। प्रदर्शनकारियों ने विद्युत विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और इस मौत के लिए विभाग की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया। प्रदर्शनकारी 50 लाख रुपये के आर्थिक मुआवजे, मृतक के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और इस घटना के लिए जिम्मेदार विद्युत कर्मियों को तत्काल बर्खास्त करने की मांग पर अड़े हुए हैं। समाज के प्रतिनिधियों का कहना है कि यह कोई सामान्य दुर्घटना नहीं, बल्कि विद्युत विभाग की घोर लापरवाही का नतीजा है। खुले पड़े बिजली के तार और ढीली केबलिंग अक्सर ऐसे हादसों का कारण बनती हैं, और विभाग इस पर कोई ध्यान नहीं देता। उन्होंने चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी, तब तक वे शव को मोर्चरी से नहीं उठाएंगे और उनका प्रदर्शन जारी रहेगा।
प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की अपील
घटना की जानकारी मिलने पर डीएसपी श्याम सुंदर विश्रोई, सदर थाना प्रभारी कैलाश विश्रोई व शहर के सभी थानों का जाब्ता मौके पर पहुंच गया।  ताकि प्रदर्शनकारियों से बातचीत कर मामले को शांत किया जा सके।  

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