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गणेशोत्सव की धूम, कल से, गजानन के वार पर ही पधारेंगे बप्पा, स्वागत को तैयार शहर
By Lokjeewan Daily - 26-08-2025

 शहर में दर्जनों स्थानों पर होगी गणपति स्थापना
- गांधीनगर में भरने वाले मेले की तैयारियां शुरू
भीलवाड़ा लोकजीवन।  शहर में गणेश चतुर्थी का पावन पर्व बुधवार से शुरू होने जा रहा है, और इस बार यह संयोग और भी खास है क्योंकि गजानन का दिन यानी बुधवार को ही गणेश चतुर्थी पड़ रही है। दस दिवसीय इस पर्व के लिए पूरा शहर उत्साह से सराबोर है और हर तरफ उत्सव का माहौल है। गली-मोहल्लों से लेकर बड़े-बड़े चौराहों तक, छोटे-बड़े गणेश पंडाल सज-धज कर तैयार हैं। रंग-बिरंगी लाइटें, फूलों की लडय़िां और झालरों से सजी ये झाँकियाँ देखने लायक हैं। आयोजकों ने भक्तों की सुविधा के लिए विशेष व्यवस्थाएं की हैं, ताकि सभी श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के बप्पा के दर्शन कर सकें। बाजारों में रौनक देखते ही बन रही है। पुर रोड समेत कई मार्गों और दुकानों पर एक से बढक़र एक मनमोहक और विभिन्न आकार की गणेश प्रतिमाएं उपलब्ध हैं। इन्हें खरीदने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ रही है। इस वर्ष बारिश का मौसम देखते हुए, पंडालों और प्रतिमाओं को जल-प्रूफ करने के विशेष इंतज़ाम किए गए हैं ताकि गणपति की स्थापना और पूजा बिना किसी बाधा के संपन्न हो सके। गणेशोत्सव के कारण बाजार की रौनक दोगुनी हो गई है। पूजा सामग्री, मोदक, लड्डू और अन्य मिठाइयों की दुकानों पर ग्राहकों का तांता लगा हुआ है। घरों में भी पकवानों की खुशबू फैल रही है, जो इस पर्व की मिठास को और बढ़ा रही है। प्रथम पूज्य भगवान गणेश की प्रतिमाओं को बुधवार को शुभ मुहूर्त में पंडालों में विधि-विधान के साथ स्थापित किया जाएगा। स्थापना के बाद शाम को आरती के साथ-साथ विभिन्न सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। गांधीनगर स्थित गणेश मंदिर के बाहर तो एक बड़ा मेला भी लग रहा है, जिसके लिए मंगलवार को झूले और चकरी लगाने का काम चल रहा था। इसके अलावा, शहर के अन्य गणेश मंदिरों में भी सजावट का काम अंतिम चरण में है। आयोजक समितियां इस बार पंडालों को आकर्षक बनाने के लिए खास ध्यान दे रही हैं। थीम आधारित झाँकियाँ, विद्युत की झिलमिलाती लाइटिंग और रंगीन सजावट से हर पंडाल को भव्य रूप दिया जा रहा है। युवा और बच्चे भी पीछे नहीं हैं; वे रंगोली, झाँकियों और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों की तैयारियों में जुटे हैं। गणेशोत्सव का यह माहौल भीलवाड़ा को पूरी तरह से भक्ति और उल्लास के रंग में रंग रहा है। 

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