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अहंकार त्यागकर करें हरि का स्मरण- स्वामी अच्युतानंद
By Lokjeewan Daily - 30-08-2025

भीलवाड़ा लोकजीवन। रामधाम में चल रहे चातुर्मास प्रवचन के दौरान शुक्रवार को स्वामी अच्युतानंद ने कहा कि जीवन में सुख और शांति पाने के लिए मनुष्य को अपने अहंकार का त्याग कर हमेशा ईश्वर का स्मरण करना चाहिए। अहंकार ही सभी दुखों और परेशानियों की जड़ है, जो हमें सही मार्ग से भटकाता है। जब हम अपने अंदर से 'मैं' की भावना को खत्म करते हैं, तो हमारे लिए हरि यानी ईश्वर का स्मरण करना स्वाभाविक हो जाता है। स्वामी अच्युतानंद ने भगवान राम के जीवन का उदाहरण देते हुए कहा कि राम का जीवन त्याग, भक्ति और वैराग्य का अनुपम उदाहरण है। उन्होंने राजपाठ का मोह छोडक़र अपने पिता की एक आज्ञा पर 14 साल के लिए वनवास स्वीकार किया। यह उनके असीम त्याग और समर्पण को दर्शाता है। राम ने हमेशा अपने माता-पिता के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाई और उनकी आज्ञा का पालन किया। इसी तरह, हमें भी राम के आदर्शों का अनुसरण करते हुए अपने माता-पिता के प्रति विनम्र और आज्ञाकारी होना चाहिए। उनका सम्मान करना और उनकी सेवा करना हमारा परम कर्तव्य है। इस मार्ग पर चलकर ही हम एक सार्थक और सुखी जीवन जी सकते हैं। ट्रस्ट के प्रवक्ता गोविंद प्रसाद सोडानी ने बताया कि श्री रामधाम रामायण मंडल ट्रस्ट की प्रेरणा से रामधाम गौशाला में गायों को गर्मी और बारिश में होने वाली परेशानी से बचाने के लिए एक अभिनव पहल की गई। गौशाला के फर्श को सुखाने और गायों को राहत देने के लिए बड़े औद्योगिक पंखे लगाने का निर्णय लिया गया था, जिसके लिए ट्रस्ट ने आमजन से सहयोग की अपील की थी। इस अपील पर लोगों ने इतना सहयोग दिया कि गौ माता के लिए पंखे लगवाने का शुभ संकल्प पूरा होने वाला है।  निखिल अग्रवाल, राधा किशन सोमानी, श्याम मुंदरा, विवेक गोयल, सुभाष राठी, अभिषेक डानी, जितेंद्र बालर, सुधा देवेंद्र गोयल और अजय बिड़ला, हीरालाल पोखरना ने पंखे के लिए सहयोग राशि भेंट की। ट्रस्ट शीघ्र ही ये पंखे गौशाला में लगवाएगा।  उधर भादवी छठ पर डॉ कमल नयन जागेटिया,  शुभम संचेती ने गौशाला की गायों को लापसी खिलाई। कार्यक्रम के आयोजन में सचिव अभिषेक अग्रवाल, नवरतन पारीक, राकेश सिंघल, कृष्ण गोपाल कचौलिया और ललित हेड़ा सहयोग कर रहे हैं। रामधाम में साप्ताहिक व मासिक रामायण पाठ का आयोजन भी जारी है। 

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