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मन में बसे कुविचारों का त्याग करें - निरंकारी संत अनिता वाधवा
By Lokjeewan Daily - 01-09-2025

भीलवाड़ा। आरजिया में स्थित निरंकारी सत्संग भवन में रविवार को दिल्ली की ज्ञान प्रचारक बहिन अनिता  वाधवा के  सानिध्य में महिला सन्त समागम का आयोजन किया गया। सन्त समागम में सन्तो को सम्बोधित करते हुए बहिन अनिता वाधवा ने उपस्थित सन्तो को बताया कि नारी शक्ति हर क्षेत्र में अव्वल है हर प्रकार के क्षेत्र में अपनी अमिट छाप छोड़ रही है। नारी घर के कार्यो से लेकर अपने अपने क्षेत्रों में सराहनीय सेवाए प्रदान कर रही है। जिस प्रकार महिलाएं घरों में साफ सफाई के रूप में सेवाएं प्रदान करती है। यह   गंदगी,कचरा-मिट्टी कोई घरों में लेकर नही है आते है  जिसकी सफाई करना आवश्यक होता है।  उसी प्रकार सत्संग में आने पर ब्रह्माज्ञन की प्राप्ति के बाद मनों में आए कुविचार जो गंदगी के रूप में हमारे शरीर मे समाए रहते है उनकी सफाई हो जाती है। सत्संग में मिले ब्रह्मज्ञान की प्राप्ति के बाद जीवन सवरने लग जाता है खुशियों की सौगाते मिलना प्रारंभ हो जाती है।  स्वर्ग व नरक मानव अपने साथ लेकर चलता है घर का हर सदस्य शुकराना करने लग जाए,समर्पण करने लग जाए,मन शांत हो जाए तो घर स्वर्ग बन जाता है। मानवमात्र में में व मेरी करने में लगा हुआ है जिसके कारण हर ओर अशांति पसरी हुई है।  यदि मानव तू ही तू का जाप शुरु कर दे तो आनंद की प्राप्ति हो जाती है। जो प्रभु परमात्मा ने इस जीवन मे हमे प्रदान किया है उसमें राजी रहे। शिकायत नही करे की मुझे क्यों नही दूसरों के समान संसाधन उपलब्ध नही करवाए। सच्चे मन से प्रभु परमात्मा से जु? जाए तो जीवन धन्य हो जायेगा।  इस संसार मे ये  मन केवल अशांति,संकट व वीरान की ओर ले जाता है लेकिन ब्रह्मज्ञान की प्राप्ति हो जाने पर ये मन हर समय सेवा,सत्संग व सिमरण की ओर चल प?ता है व बिन मांगे सभी सुख झोली में आने प्रारम्भ हो जाते है। जहां अहंकार ब?ता जाता है इंसान का गुस्सा ओर अधिक बढ़ता जाता है और विनाश का कारण जीवन बन जाता है। जोनल इंचार्ज बृजराज सिंह ने  कहा कि सत्संग में जाने पर आत्मा का परमात्मा से मिलना सम्भव है ऐसे में हर प्राणीमात्र सत्संग से जु?कर स्वयं को निर्मल व धन्य बनाएं ।मनुष्य शरीर खुद की प्राप्ति के लिए मिला है ऐसे में गुरु द्वारा बताए मार्ग का अनुसरण करें ताकि जीवन खुशियों से महक जाए।   सत्संग का सुख किसी पद,पदवी से नही मिल पाता है लाखो  खर्च करने पर भी नही इस सुख की प्राप्ति नही हो पाती है। मातृ शक्ति हमे प्रेरणा प्रदान कर रही है जो अभूतपूर्व है माता सद्गुरु जी भी इसी कड़ीमें सभी को आशीर्वाद प्रदान कर रहे है। महिला सन्त समागम में भीलवाड़ा, कोटा,चितौडग़ढ़, उदयपुर, कुंजपुर गुलाबपुरा आसींद शाहपुरा मांडलगढ़ सहित अन्य गावो व शहरों से सन्तो ने भाग लिया व गीत,भजन विचार,कविताएं प्रस्तुत कर सत्संग में मौजूद सन्तो को सदमार्ग पर चलने की प्रेरणा प्रदान की। मीडिया प्रभारी लादू लाल ने बताया कि संत समागम में आई हुई बहनों ने गीत विचार कविता एवं कवि के रूप में अपने विचार प्रकट किया संत समागम के दौरान सेवा दल का विशेष योगदान रहा

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